राजद विधायकों की बैठक में राजद सुप्रीमो जातीय जनगणना के स्वरूप के बारे में बताएंगे। बैठक में लालू प्रसाद इस पर अपनी राय रखेंगे कि जाति जनगणना का स्वरूप कैसा हो। वे विधायकों से भी इस संबंध में उनकी राय पूछेंगे। जाति जनगणना के फायदे से आम तौर पर सभी विधायक वाकिफ हैं फिर भी बताया जाएगा कि बिहार की बहुसंख्यक जनता के हित में जाति जनगणना किस तरह से जरूरी है। आरक्षण पर इसका कैसा असर पडेगा और कमंडल के जवाब में मंडल की राजनीति को जाति जनगणना कितनी ताकत देने वाली है। राजद में विधायकों की संख्या ७६ है और पार्षद ११ हैं।
इस बैठक की सबसे बडी खासियत यह है कि लालू प्रसाद खुद इसे संबोधित करेंगे। लगभग ११ माह बाद लालू प्रसाद अपने विधायकों से एक साथ बातचीत करेंगे। इससे पहले ५ जुलाई को राष्ट्रीय जनता दल के सिल्वर जुवली आयोजन में दिल्ली से ही उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी को संबोधित किया था। उस समय लालू प्रसाद की तबियत ज्यादा खराब थी। तेजस्वी पहले ही कई आयोजनों में बता चुके हैं कि जाति जनगणना से सरकार को नीति–योजना बनाने में सहूलियत होगी कि किसके लिए किस तरह की योजना बनायी जाए। बैठक में तेजस्वी यादव भी अपनी राय रखेंगे। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही राजद के विधायक सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे। वही नेता प्रतिपक्ष हैं। जाति जनगणना कैसे हो इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार‚ तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री आवास में समय देकर बता चुके हैं।
जाति जनगणना के लिए होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले राजद विधायक दल की बैठक में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव राजद की ओर से चलाए जा रहे सदस्यता अभियान पर भी बात करेंगे। भावी लोक सभा चुनाव और विधान सभा चुनाव को लेकर राजद कार्यकर्ताओं की बडी फौज तैयार कर रहा है। वर्ष २०१९ के लोक सभा चुनाव में राजद को एक भी लोकसभा सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। इसलिए इस बार तैयारी पुरजोर की जा रही है।
विधान सभा चुनाव में भी राजद इतनी अधिक सीटें जीतना चाहता है कि वह एनडीए पर पूरी तरह से भारी पडे। हर बूथ पर चार क्रियाशील सदस्य बनाने का लक्ष्य है। हर पंचायत में १२०० प्राथमिक सदस्य बनाना है। हर विधान सभा में ४० हजार प्राथमिक सदस्य पार्टी बना रही है। कुल मिलाकर ३० जून तक एक करोड सदस्य बनाने का लक्ष्य पार्टी ने कार्यकर्ताओं‚ संगठन के नेताओं‚ विधायकों‚ पार्षदों को दिया है।