वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को फास्ट ट्रैक में ट्रांसफर कर दिया. अब ज्ञानवापी मस्जिद का मामला फास्ट ट्रैक में चलेगा. बताया जा रहा है कि मामले की रोजाना सुनवाई हो सकती है और जल्द से जल्द फैसला सुनाया जा सकता है. सिविल जज रवि दिवाकर ने ये मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर किया. इसके बाद अब 30 मई से फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाएगा. फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई का मतलब है कि कोर्ट विवाद को लंबा नहीं खींचना चाहती. बताया जा रहा है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जज महेंद्र पांडे इस मामले पर सुनवाई करेंगे.
क्या सिर्फ नई याचिकाओं की होगी सुनवाई?
खबरों के मुताबिक ये बात सामने आ रही है कि मूल मामले को छोड़कर अलग-अलग दायर हुई नई याचिकाओं की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी. इस बीच, हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौड़ ने बताया कि, फास्ट ट्रैक कोर्ट में फाइल ट्रांसफर हो चुकी है. हम कोर्ट में जा रहे हैं और इस मामले की तत्काल पूजा की मांग करेंगे. इस मामले में आपत्ति का कोई मतलब ही नहीं है. हम चाहते हैं कि आज ही सुनवाई हो और कल से पूजा का आदेश जारी किया जाए. बता दें कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में तय समय में अपना फैसला सुनाया जाता है. इसके अलावा समन, वारंट और बाकी तैयारियों में देरी से सुनवाई स्थगित नहीं हो पाती है.
गौरतलब है कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण का यह काम पिछली 16 मई को पूरा हुआ था, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई थी। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर कथित शिवलिंग मिलने का दावा किया था। इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई। मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है। हालांकि, हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं।