अपराधी राजनीतिक और आर्थिक रूप से मजबूत हो तो विदेश में भी सरकारों और अदालतों से सहानुभूति और राहत हासिल करने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती । सरकार ड़ोमिनिका जैसे छोटे से देश की हो तो कहने ही क्या। इसी धारणा पर मुहर लगाते हुए ड़ोमिनिका की सरकार ने पीएनबी बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को राहत देते हुए पिछले साल मई में एंटीगुआ और बारबुड़ा से उसके खिलाफ ‘संदिग्ध परिस्थितियों में और अवैध रूप’ से देश में प्रवेश करने के आरोपों को वापस ले लिया है। इस कार्रवाई से भारत को जोरदार झटका लगा है तो वहीं चोकसी को बड़़ी राहत मिली है। चोकसी को एंटीगुआ और बारबुड़ा से लापता होने के बाद पिछले साल मई में कैरेबियाई द्वीपीय देश ड़ोमिनिका ने उसे हिरासत में लिया था। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से कथित तौर पर १३‚५०० करोड़़ रुपये का घोटाला करने के बाद जांच से बचने के लिए भागकर एंटीगुआ और बारबुड़ा चला गया था और वहां की नागरिकता ले ली थी। इस मामले में उसका भांजा नीरव मोदी सह अभियुक्त है। ड़ोमिनिका के उच्च न्यायालय ने चोकसी को ५१ दिनों के बाद जमानत दी थी। इस दौरान भारत ने उसे वापस लाने की जोरदार कोशिश की थी और इसके लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम वहां पर निजी विमान के साथ ड़ेरा ड़ाले हुए थी। सीबीआई पर आरोप भी लगेे थे कि यह चोकसी को जबरन पकड़़कर लाई है। चोकसी के प्रवक्ता ने लंदन में बताया कि ड़ोमिनिका में अवैध तरीके से दाखिल होने के सभी मामलों की कार्रवाई २० मई को वापस ले ली गई। इस घटनाक्रम से चोकसी की बाछें खिल गई हैं क्योंकि भारत को चोकसी को वापस लाने की कार्रवाई अब अधर में लटक गई है क्योंकि मामले वापस लेकर ड़ोमिनिका ने इस बात को मान्यता दी है कि उनके देश में चोकसी के खिलाफ कभी कोई मामला नहीं था। आरोप है कि चोकसी को कथित रूप से एंटीगुआ से जबरन भारत के एजेंटों द्वारा निकाला गया था। उसे ड़ोमिनिका ले जाया गया‚ जहा ंउसेअवैध तरीके से अधिकारियों को सौंपा गया। ड़ोमिनिका सरकार की इस हरकत ने चोकसी को राहत ही नहीं दी है बल्कि उसके हौसले और बुलंद कर दिए हैं। उसकी कानूनी टीम अपने मुवक्किल के खिलाफ हुए मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में न्याय की मांग करेगी। इसे कहते हैं चोरी और सीनाजोरी। देखते हैं कितने दिन वह ऐसे मौज कर पाता है। वह भारत का सबसे बड़़ा अपराधी है। कानून के हाथ उस तक एक न एक दिन जरूर पहुंचेंगे।
भाजपा नेताओं के साथ BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सुनी ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात की। इस दौरान साल 1975 में देश में इंदिरा सरकार द्वारा...