तीन वर्षों के बाद मंगलवार को ऐतिहासिक गांधी मैदान एक बार फिर गुलजार हो उठा‚ जब यहां मंगलवार को बिहार दिवस समारोह का रंगारंग आगाज हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्वलित करने के बाद गुब्बारे उड़़ाकर ११०वें बिहार स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने लोगों से प्रेम और भाईचारे साथ बिहार के विकास के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई लोगों ने फोन कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि बिहार में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। किसी भी क्षेत्र को छोडा नहीं जा रहा है। हमें विश्वास है कि बिहार एक बार फिर अपने गौरवशाली अतीत को प्राप्त करेगा। इसके लिए कभी दुनिया में ज्ञान का प्रमुख केंद्र रहे नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की महत्ता सबको पता है। भगवान बुद्ध‚ महावीर और गुरु गोविन्द सिंह के रिश्ता बिहार से रहा है। यहां गुरुनानक भी आये थे। बिहार सूफी संतों की भी धरती रही है। मनेरशरीफ और बिहारशरीफ इसके उदाहरण हें। सम्राट अशोक और चाणक्य की धरती भी बिहार रहा है। तब यह पाटलिपुत्र कहलाता था। आर्यभट्ट भी यहां आये और उन्होंने शून्य का अविष्कार किया। उन्होंने कहा कि कभी बिहार देश दुनिया में अलग स्थान रखता था। आज हम बिहार को उसी रास्ते पर एक नई पहचान दिलाने में लगे हैं। नालंदा और बिक्रमशीला को कौन नहीं जानता है। पौराणिक काल में इसकी अलग महत्ता रही है। यूनेस्को ने तो इसे विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबसे हमें यहां सेवा करने का मौका मिला है‚ तब से हमने हर तबके के लोगों के विकास की योजना को फलीभूत करने का काम किया है। विशेषकर महिलाओं‚ अल्पसंख्यकों और पिछड़़ों के लिए हमने विकास के कई काम को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले यहां क्या था और आज माहौल में क्या बदलाव हुआ है‚ यह सभी लोगों को पता है। वर्ष २००५ से पहले कमजोर विधि–व्यवस्था के कारण लोग सूर्यास्त के बाद अपने घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने कई अहम योजनाएं चलायीं। स्कूलों में बच्चों के लिए साइकिल और पोशाक योजना की शुरुआत की गयी। इससे बच्चों में पढ़ने के प्रति अभिरुचि जगी। उन्होंने कहा कि बिहार देश में क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से १२वें स्थान पर है और आबादी के दृष्टिकोण से तीसरे पायदान पर। हम आगे थे‚ लेकिन पीछे चले गये थे। आज सरकार के प्रयास का ही परिणाम है कि बिहार में प्रजनन दर में कमी आयी है। यह सब बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने का परिणाम है। पहले यहां प्रजनन दर ४.३ प्रतिशत थी‚ लेकिन अब ३ प्रतिशत तक आ गयी है। हम इसे २ प्रतिशत तक लाने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष २००० में अलग झारखंड राज्य बनने के समय बिहार का हरित क्षेत्र केवल नौ प्रतिशत था। बिहार के हरित आवरण का दायरा बढाने के लिए वर्ष २०१२ में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया और विभिन्न चरणों में २४ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से अब तक बिहार का हरित क्षेत्र बढकर १५ प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार बिहार के हरित क्षेत्र को १७ प्रतिशत तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य में उच्च जनसंख्या घनत्व है‚ इसलिए और भी अधिक पौधे लगाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि‘जल जीवन हरियाली’अभियान के तहत तालाबों सहित १६६८० जलाशयों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। इसी तरह इस अभियान के तहत ८५९५ तालाबों का कायाकल्प किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण काम किये। अब मौसम के अनुकूल कृषि को अपनाने तथा फसलों के अवशेष प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए पिछले १६ वर्षों के दौरान बिहार में सड़कों‚ पुलों और फ्लाईओवर का विशाल नेटवर्क बिछाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि क्षेत्र की विशाल क्षमता का दोहन करने के लिए वर्ष २००८ में पहला कृषि रोडमैप शुरू किया गया। वर्तमान में प्रदेश में तीसरा कृषि रोडमैप लागू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन करने के उद्ेश्य से लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए समाज सुधार अभियान चलाया जा रहा है।