पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार में दो गुनी स्पीड़ से सड़़कों का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के १.२० लाख करोड़़ रुपये से विशेष पैकेज से सड़़क निर्माण में तेजी आयी है। राज्य के विकास में आधारभूत संरचना का विकास महत्वपूर्ण घटक होता है। अच्छी एवं उपयुक्त सडक नेटवर्क अर्थव्यवस्था की विभिन्न गतिविधियों यथा कृषि उत्पादों का विपणन‚ औद्योगीकरण और सेवा प्रदान करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राज्य में विगत वर्षों से लगातार वृहद पैमाने पर सडक नेटवर्क को सुदृढ किया जा रहा है‚ जिससे वस्तुओं और यात्रियों को सुगम आवागमन सुनिश्चित हो रहा है। इसी के मद्ेनजर रोड मास्टर प्लान २०३५ तैयार किया जा रहा है ताकि किसी भी ग्राम से अधिकतम ४० किलोमीटर दूर फोरलेन सडक उपलब्ध हो। पथों के दीर्घकालीन संधारण की तरह ही पुलों के दीर्घकालीन संधारण हेतु भी नीति तैयार की जा रही है। मंत्री बृहस्पतिवार को पथ निर्माण विभाग का एक वर्ष का रिपोर्ट कार्ड़ पेश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य उच्च पथ तथा वृहद् जिला पथों का निर्माण एवं संधारण पथ निर्माण विभाग करता है। राज्य के राष्ट्रीय उच्च पथों का स्वामित्व भारत सरकार का है‚ जिनका रख–रखाव एवं उन्नयन कार्यकारी एजेन्सी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं पथ निर्माण विभाग द्वारा केन्द्र सरकार से प्राप्त स्वीकृति तथा निधि के अनुसार कराया जाता है। राज्य के किसी भी कोने से पांच घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के मुख्यमंत्री की परिकल्पना को दृष्टिपथ पर रखते हुए विभाग सडकों के नेटवर्क को सुदृढ कर रहा है‚ जिसमें केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है। मंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान में कुल ५९४७.८४ किमी राष्ट्रीय उच्च पथ‚ ३७१३–९७ किमी राज्य उच्च पथ तथा १५‚२७२.६० किमी वृहद् जिला पथ हैं।
इनमें से विगत एक वर्ष में राज्य अंतर्गत ५३३.११ किमी राष्ट्रीय उच्च पथ‚ ११०–१६ किमी राज्य उच्च पथ एवं २७६५.७९ किमी वृहद् जिला पथों का उन्नयन व नवीकरण कराया गया है। विगत एक वर्ष में राज्य में कुल ५९ पुलों का निर्माण कराया गया है। मंत्री ने कहा कि ३३९० करोड़़ की लागत से बन रहे जेपी गंगा पथ परियोजना के निर्माण में तेजी लायी गयी है। इसे हर हाल में अप्रैल २०२३ तक पूरा कर लिया जायेगा। पटना शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ४२२ करोड़़ रुपये की लागत से २.२० किमी लंबे कारगिल चौक से पटना साइंस कॉलेज तक फोर लेन ड़बल डे़कर फ्लाइओवर का कार्य आरंभ है। राज्य में रामजानकी मार्ग के संपूर्ण २४० किमी मेहौरान से भि^ठा मोड़़ तक चार लेन सड़़क की सैद्धांतिक सहमति केंद्र से मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि १४ बाईपास पथों के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। ८५.४९ किलोमीटर बाइपास पथों के निर्माण पर ५०९.८७ करोड़़ रुपये की लागत आयेगी। गांधी सेतु के शेष बचे दो लेन के पुनस्र्थापन का कार्य मई तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि विगत एक वर्ष में ५१३ किमी लंबाई के तीन राष्ट्रीय उच्च पथ निर्माण की घोषणा की गयी है। ११९ (ड़ी) आमस–दरभंगा‚ ११९ (ए) पटना–आरा–सासाराम एवं १३९ (ड़ब्लू) पटना–मानिकपुर–सोहबगंज–अरेराज बेतिया की घोषणा की गयी है। साथ ही ५६९.११ किमी राष्ट्रीय उच्च पथों और १३०.२१ किमी राज्य उच्च पथों का उन्नयन किया गया है। बिहार स्टेट हाईवे प्रोजेक्ट तीन (फेज दो) के तहत २७२७.३४ करोड़़ की लागत से २७१.७९ किमी लंबे सात राज्य उच्च पथों के उन्नयन के कार्य हेतु एशियन डे़वलपमेंट बैंक से २३०३ करोड़ रुपये का ऋण लिया गया है। सह सभी कार्य निविदा की प्रक्रिया में है। १०९६.२१ किली लंबाई में वृहद जिला पथों के उन्नयन एवं नवीकरण का कार्य किया गया है। ७८५.०२ करोड़़ रुपये की लागत से १२ आरोबी निर्माण की स्वीकृति दी गयी है। मौके पर विभाग के सचिव पंकज पाल सहित विभाग के कई पदाधिकारी भी मौजूद थे।