मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के औद्योगिकीकरण का सपना सच होने की ओर बढ़ रहा है। बिहार में तेजी से लग रहे हैं उद्योग। ये बातें बिहार के उद्योग मंत्री के रूप में एक साल पूर्ण करने पर सैयद शाहनवाज हुसैन ने रिपोर्ट कार्ड़ पेश करने के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति मैं हमेशा गंभीर रहा हूं। प्रधानमंत्री के निर्देश पर और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मैंने साल के एक–एक दिन का इस्तेमाल बिहार में उद्योग बढ़ाने और १४ करोड़ बिहार वासियों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए लगाया है। उद्योग मंत्री हुसैन ने कहा कि पिछले एक साल में बिहार में उद्योगों की स्थापना के लिए ३८‚९०६ करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं। चार इथेनॉल उत्पादन इकाइयां निर्माण पूरा कर उत्पादन शुरू करने की तैयारी में हैं और कुल ८७ नए उद्योग खुले हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में एनड़ीए सरकार को जनमत रोजगार और उद्योग के लिए मिला है। यहां के लोगों को काम की तलाश में पलायन ना करना पड़े‚ इसके लिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। पटना के खादी मॉल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री ने कहा कि विगत एक साल में कोरोना के चलते पांच–छह महीने काम नहीं हो पाए‚ फिर भी हमने कई नए कीर्तिमान बनाए। इस अवधि में बिहार उद्योगपतियों की पसंद बनकर उभरा। सिर्फ इथेनॉल ईकाई की स्थापना के लिए ३०‚३८२ करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए। एक साल में बिहार में १७ इथेनॉल इकाइयों की स्थापना के लिए काम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाआ के तहत १६००० नए लाभुकों का चयन कर लिया गया हैं और इन्हें बहुत जल्द उद्यम शुरु करने की राशि उपब्ध कराई जाएगी। खादी और हैंड़लूम के क्षेत्र में भी बिहार आगे बढ़ रहा है। भागलपुर में मंजूषा महोत्सव‚ पटना में नेशनल हैंड़लूम एक्सपो‚ वाणिज्य उत्सव और दूसरे जिलों में बड़े–बड़े मेले लगाए गए।
उद्योग मंत्री ने उद्योग संवाद पत्रिका का विमोचन करते हुए ये भी कहा कि इसमें पूरे एक साल के काम का हिसाब है। लोकतंत्र में जवाबदेही प्रमुख है। आवाम को हिसाब देना होता है। मंत्री के रूप में १०० दिन पूरा होने पर भी हमने हिसाब दिया था। एक साल का हिसाब भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योगों की स्थापना की जो रफ्तार है वो आने वाले दिनों में मिसाल पेश करेगी। बेगूसराय में पेप्सी का बॉटलिंग प्लांट एक साल में बनकर लगभग तैयार है । ५५७ करोड़ की लागत से शुरू हुआ ये उद्योग बहुत जल्द उत्पादन शुरु करने की स्थिति में है। कार्यक्रम में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक कुमार‚ विशेष उद्योग सचिव दिलीप कुमार और उद्योग निदेशक रूपेश कुमार श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।