प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि सरकार के प्रयासों और योजनाओं से कैसे किसी का जीवन बदल गया, उस बदली हुई जिंदगी का अनुभव क्या है? यह सुनते ही हम भी संवेदनाओं से भर जाते हैं. यह मन को संतुष्टि भी देता है और उस योजना को लोगों तक ले जाने की प्रेरणा भी देता है. यही मैं जीवन से चाहता हूं. सत्ता में नहीं रहना चाहता, मेरा लक्ष्य लोगों की सेवा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 83वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. यह साल का दूसरा आखिरी संस्करण होगा.
पीएम मोदी ने दी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की मिसाल
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि जालौन में एक नदी थी जिसे नून नदी कहा जाता था. धीरे-धीरे नदी विलुप्त होने के कगार पर आ गई. इससे क्षेत्र के किसानों के लिए संकट खड़ा हो गया. जालौन के लोगों ने इस साल एक कमेटी बनाकर नदी को पुनर्जीवित किया. यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का उदाहरण है. पीएम मोदी ने प्रकृति के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं, तो यह हमें बदले में जीविका और सुरक्षा प्रदान करती है.
पीएम मोदी ने कहा कि दो दिन में दिसंबर का महीना शुरू हो रहा है. देश नौसेना दिवस और सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने वाला है. हम सभी जानते हैं कि 16 दिसंबर को देश 1971 के युद्ध का स्वर्ण जयंती वर्ष भी मना रहा है. इन सभी मौकों पर देश के सुरक्षा बलों को याद करता हूं, हमारे वीरों को याद करता हूं.
प्रधानमंत्री का रेडियो शो आकाशवाणी, दूरदर्शन और उनके यूट्यूब चैनल पर सुबह 11 बजे से लाइव प्रसारित किया जा रहा है. 24 अक्टूबर को प्रसारित पिछले एपिसोड में पीएम मोदी ने भारत की 100 करोड़ की वैक्सीन खुराक मील का पत्थर पार करने की सराहना की थी और कहा था कि यह उपलब्धि दर्शाती है कि किसी भी योजना की सफलता सभी के प्रयास से प्राप्त की जा सकती है. अपने मन की बात रेडियो कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, मोदी ने कहा, हमारे वैक्सीन कार्यक्रम की सफलता भारत की क्षमता को प्रदर्शित करती है और हमारे सामूहिक प्रयास की शक्ति को प्रकट करती है.