बांका जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र की महुआ पंचायत के पड़घड़ी गांव निवासी युवक अरविंद कुमार साह (30) की शनिवार को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसकी सूचना युवक के साथ रह रहे कुछ स्थानीय ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को फोन पर दी। युवक की हत्या की खबर पर परिजन सहित पूरा गांव दहल गया।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में बिहारी के बांका निवासी अरविंद कुमार साह की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया हैं. सीएम ने घटना पर दुख जताते हुए मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है. साथ ही, श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.
मृतक के परिजनों ने बताया कि पड़घड़ी गांव निवासी देवेंद्र साह का चौथा पुत्र अरविंद कुमार साह विगत आठ वर्षो से जम्मू में रह रहा था। वह वहां चाट व फुचका की दुकान चलाता था। उसका भाई मंटू साह भी साथ ही रहता था। लॉकडाउन में अरविंद घर आ गया था। तीन माह पूर्व वह पुन: जम्मू चला गया। उसकी अब तक शादी नहीं हुई थी।
वह हर माह अपने माता पिता को रुपए भेजता था। इधर शनिवार की शाम करीब छह बजे गांव के ही युवक चंदन साह का उसके पिता को फोन आया कि अरविंद को गोली लगी है तथा उसे अस्पताल ले जाया गया है। कुछ देर बाद उसकी मौत की खबर दी गई। अरविंद की मौत की खबर पर कोहराम मच गया।
पिता देवेंद्र साह, माता सुनैना देवी, भाई डबलू साह, मुकेश साह सहित अन्य परिजनों की चीत्कार से पूरा गांव गूंज उठा। देखते ही देखते दर्जनों लोगों की भीड़ मृतक के घर उमड़ पड़ी। लोगों को जब अरविंद की मौत की सूचना मिली तो पूरा गांव गमगीन हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि देवेंद्र साह मजदूरी कर अपने परिवार को पालता था। अरविंद इस परिवार का इकलौता सदस्य था जो जम्मू में रहकर कमाता था।
अरविंद के शव को लाया जाएगा बांका
बारहट के युवक अरविंद कुमार साह की हत्या के बाद बांका विधायक सह पूर्व राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल ने बांका डीएम एवं भाजपा नेता सुशील मोदी से बात की। सुशील मोदी के द्वारा बताया गया कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से उनकी इस संबंध में बात हुई है तथा जम्मू-कश्मीर प्रशासन 11 लाख रुपये मृतक के परिजनों को मुआवजा के तौर पर देगा। साथ ही बिहार सरकार भी मुआवजा देगी।
इस संबंध में विधायक रामनारायण मंडल ने बताया कि मृतक अरविंद के शव को बांका लाया जाएगा तथा उसका सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने अरविंद की हत्या पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में उसके परिजनों को भगवान सहन शक्ति दे। उन्होंने कहा कि अरविंद की हत्या को लेकर बिहार सरकार जम्मू कश्मीर सरकार के संपर्क में है।
कश्मीर के आईजी पुलिस विजय कुमार ने अरविंद कुमार के मौत की पृष्टि की. विजय कुमार ने कहा, ‘श्रीनगर के ईदगाह इलाके में आतंकवादियों ने गैर-स्थानीय विक्रेता अरविंद कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी.’
गौरतलब है कि इससे पहले भी आंतकियों ने 5 अक्टूबर को बिहार निवासी पानी पुरी विक्रेता वीरेंद्र पासवान की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या की थी. हालांकि, सुरक्षाबलों ने घटना के सात दिनों बाद 5 आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया था, इसमें वो आतंकी भी शामिल था, जिसने बिहार निवासी गोलगप्पे वाले की हत्या की थी.
छीन लिया बड़ा सहारा
बांका के बाराहाट थाना क्षेत्र के लखपुरा परघड़ी गांव के देंवेद्र साव और उनकी पत्नी सुनैना देवी को 5 बेटे और एक बेटी है। इसमें दो बेटों की मौत हो चुकी है। बड़ा बेटे बबलू साव की अभी 5 माह पहले ही गांव में मौत हो गई है। एक बेटे की मौत पहले हो चुकी है। दो बेटों की मौत से देवेंद्र और सुनैना पहले ही टूट गए थे। अरविंद ही घर का बड़ा सहारा था।
वह 10 साल से कश्मीर में रहकर परिवार का खर्च चला रहा था। बूढ़े मां-बाप के साथ घर के 13 सदस्यों का खर्च अरविंद ही उठा रहा था। घटना के बाद घर वालों का हाल बेहाल हो गया है। बूढ़े मां-बाप के साथ परिवार के अन्य सदस्यों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
गांव के 10 लोग कश्मीर में लगाते थे दुकान
परघड़ी गांव के 10 लोग कश्मीर के श्रीनगर में रहकर फुचका (गोलगप्पा ) व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकान लगाते थे। अरविंद साव 10 साल से श्रीनगर में था और गांव के सभी लोग एक साथ ही रहते थे। बड़े भाई बबलू साव की मौत के बाद अरविंद गांव आया था। भाई क्रिया कर्म के बाद वह 3 माह पहले बिहार से श्रीनगर गया था।
बड़े भाई की मौत के बाद परिवार की स्थिति को देखते हुए वह अपने भाई मंटू को भी साथ ले गया था। मंटू भी अरविंद के साथ गोलगप्पे का ठेला लगाता था। दोनों भाई के ठेला लगाने से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर रही थी, लेकिन आतंकी हमले में परिवार का बड़ा सहारा छीन लिया है।
एक माह पहले तय हुई थी शादी
अरविंद कुमार साव की शादी एक माह पहले तय हुई थी। शादी की डेट अभी फाइनल नहीं हुई थी लेकिन घर में तैयारी चल रही थी। घर वालों का कहना है कि अगले अग्न में घर वाले अरविंद की शादी को लेकर पूरी तरह से तैयारी कर चुके थे। अब घर वालों का यही कहकर रोना है कि वह बेटे की शादी भी नहीं देख पा और आतंकियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया।