राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप की अदावत अब सार्वजनिक हो चुकी है. दोनों ही पक्षों की ओर से वार-पलटवार भी शुरू है. ऐसे में विरोधी दल भी राजद की अंदरूनी खींचतान पर अपनी ओर से कोई मौका नहीं छोड़ रहे. इसी क्रम में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) ने RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) पर कटाक्ष किया है. उन्होंने ट्वीट करके जगदानंद सिंह और RJD पर निशाना साधा है.
RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘जगदा बाबू पूछ रहे हैं कौन है तेज प्रताप? आप नहीं पहचानते लालू के बेटे को? इतनी जल्दी भूल गए गाली देने वाले को? भूल जाना ही अच्छा है? इस उम्र में अभी और गत होना बाकी है?’
बता दें कि बुधवार को जगदानंद सिंह ने कार्रवाई करते हुए प्रदेश छात्र अध्यक्ष आकाश यादव को हटाकर उनकी जगह गगन कुमार को छात्र राजद का अध्यक्ष बना दिया था. इस दौरान पत्रकारों के सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा था कि आरजेडी में संविधानिक पद पर लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव के अलावा सिर्फ वह खुद हैं. लगे हाथ उन्होंने ही पूछ डाला- हू इज तेज प्रताप?
दूसरी ओर जगदानंद सिंह के इस अंदाज में कहने और छात्र राजद अध्यक्ष पद से अपने करीबी आकाश यादव को हटाए जाने से नाराज तेज प्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे कोर्ट जाएंगे और जब तक कार्रवाई नहीं होगी, तब तक पार्टी के किसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए हसनपुर के विधायक तेजप्रताप ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पार्टी संविधान से अलग हटकर काम कर रहे हैं. राजद प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, राजद कार्यालय का हाल यह है कि कोई आदमी पार्टी कार्यालय में जाना नहीं चाहता. आम कार्यकर्ताओं, यहां तक कि विधायकों को बेइज्जत किया जाता है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में बडे पैमाने पर हुई हिंसा‚ बलात्कार और आगजनी की घटनाओं की जांच सीबीआई और एसआईटी से कराने का कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला राज्य की निरंकुश ममता सरकार को करारा झटका है। इन घटनाओं में भाजपा के १४ कार्यकर्ता मारे गए थे और दर्जनों महिलाओं से बलात्कार हुआ था। पश्चिम बंगाल में जो हुआ‚ वह बिहार में लालू राज के दौरान हुई चुनावी हिंसा की दुखद घटनाओं की याद कराने वाला था।
श्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव–बाद हिंसा की ५४१ घटनाओं की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट को सौंपी थी‚ जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग ने ऐसा एक भी केस दर्ज नहीं किया था। संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बनने वाली ममता बनर्जी के इशारे पर कानून और संविधान की धज्जियां उडायी गयीं। राज्य के ८० हजार से ज्यादा लोगों को जान बचाने के लिए असम में शरण लेनी पडी। जिस ममता राज में हिंसा–बलात्कार की व्यापक घटनाओं से मानवाधिकार का हनन हुआ और टीएमसी को वोट न देने वालों पर हमला कर लोकतंत्र को लहूलुहान किया गया‚ उसे लालू प्रसाद की पार्टी ने बिना शर्त समर्थन दिया था। हाईकोर्ट का फैसला राजद‚ कांग्रेस जैसे दलों से मुखौटा नोचने वाला है।