केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार बुधवार की शाम हो सकता है। इसमें बिहार से भाजपा के अलावा जदयू और लोजपा के नेता शामिल होंगे। लोजपा से पशुपति कुमार पारस का मंत्री बनना तय है। मंगलवार को चिराग पासवान द्वारा पारस के किए गए पुरजोर विरोध से यह बात और स्पष्ट हुई। भाजपा से पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल का नाम रेस में है।
इनमें कोई एक मंत्री बनेंगे। सबसे ज्यादा नामों की चर्चा जदयू में है। इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के अलावा ललन सिंह, रामनाथ ठाकुर, संतोष कुशवाहा, दुलाल चंद्र गोस्वामी व चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के नामों की चर्चा है। जदयू को तीन से चार मंत्री पद मिलने की बात है।
केंद्रीय कैबिनेट में जदयू के शामिल होने से जुड़े तमाम सवालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहते हुए किनारा कर लिया कि इस बारे में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह बताएंगे। वही अधिकृत हैं। नीतीश ने कैबिनेट में जदयू के शामिल होने के सवाल पर हामी तो भरी, लेकिन बाकी सभी सवालों के जवाब के लिए आरसीपी सिंह का नाम लिया।
समता पार्टी/जदयू के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री रहे
यह दिलचस्प राजनीतिक संयोग है कि समता पार्टी/जदयू के सभी अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री रहे। या तो वे पहले अध्यक्ष बने फिर मंत्री या मंत्री रहने के बाद अध्यक्ष बने। ये हैं-जार्ज फर्नांडीस, शरद यादव, नीतीश कुमार। अब आरसीपी सिंह के मंत्री बनने की बात है।
भाजपा से सुशील मोदी या संजय में एक को मिल सकता है मौका
आरसीपी सिंह का कोरोना टेस्ट!
दिल्ली से यहां पहुंची खबरों के अनुसार दिल्ली में आरसीपी सिंह का कोरोना टेस्ट हुआ। दरअसल, जिन्हें मंत्री बनना है, उन्हें कोरोना टेस्ट कराने को कहा गया है। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि आप मंत्री बन रहे हैं या नहीं, आरसीपी ने कहा-’यह बात मैं नहीं बता सकता। थोड़ा इंतजार करिए, सबकुछ मालूम हो जाएगा।’ कहा-सही समय पर सब बात सबके सामने आ जाएगी। धैर्य रखने की जरूरत है।’
लोजपा से पारस मंत्री बने तो कोर्ट जाऊंगा
चिराग पासवान ने कहा कि यदि पशुपति कुमार पारस को लोजपा कोटे से मंत्री बनाया जाता है, तो मैं इसका कड़ा विरोध करूंगा। यदि मेरी बात नहीं सुनी गयी तो मैं कोर्ट भी जाऊंगा। बेशक, मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन वह जिस पार्टी का होगा, इसके लिए पार्टी से चर्चा होनी चाहिए। पशुपति कुमार पारस स्वतंत्र रुप से मंत्री बन सकते हैं। इस पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
नजर चुनाव पर… दांव युवाओं और विशेषज्ञों पर
भाजपा और संघ का पूरा जोर उन सात राज्यों पर है, जहां एक साल के भीतर चुनाव होने हैं। चर्चा है कि पंजाब के किसी बड़े नेता को भाजपा में शामिल कर मंत्री बनाया जा सकता है। विदेशमंत्री एस जयशंकर की तरह कुछ पूर्व नौकरशाह, प्रोफेशनल्स और टेक्नोक्रेट को सरकार में सरप्राइज एंट्री मिल सकती है। हेल्थ सेक्टर के दो बड़े विशेषज्ञ भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर का मंत्रिपरिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ने की उम्मीद है।
सिंधिया, वरुण, नामग्याल लेखी सहित युवा दावेदार
वरुण गांधी, जमयांग सेरिंग नामग्याल, राहुल कस्वां, राजीव चंद्रशेखर, मीनाक्षी लेखी, पुरंदेश्वरी देवी और अश्विनी वैष्णव जैसे युवा चेहरे दावेदार हैं। वहीं, बीजू जनता दल से बीजे पांडा, बंगाल से दिनेश त्रिवेदी के नाम भी चर्चा में हैं।
3 पूर्व सीएम के भी नाम, उच्च सदन में भी नया नेता
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम फडणवीस और उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह या तीरथ रावत मंत्री बन सकते हंै। भूपेंद्र यादव सदन के नेता और कैबिनेट मंत्री बन सकते है। हरदीप सिंह पुरी और नरेंद्र तोमर के विभाग कम हो सकते हैं।