बिहार दिवस 22 मार्च को मनाया जाना है. हालांकि, कोविड संक्रमण के मद्देनजर इस बार बिहार दिवस सांकेतिक तरीके से ही मनाया जायेगा. इस अवसर पर कोई बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों पत्र लिखकर कहा है कि 22 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री बिहारवासियों को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में सभी जिलों के जिला पदाधिकारी भाग लेंगे.
22 मार्च को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की जानी है. जानकारी के मुताबिक 22 मार्च को जिला समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में सीमित संख्या में पदाधिकारियों एवं गण्यमान्य नागरिकों को बुलाया जायेगा.
बैठक स्थल पर फ्लैक्स, बैनर आदि का प्रबंधन भी करना होगा. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक इस वर्ष बिहार दिवस की थीम जल-जीवन-हरियाली पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि इस साल बिहार दिवस के औपचारिक कार्यक्रम किसी स्थान विशेष पर आयोजित नहीं किये जायेंगे.
अभी तक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं. तीन दिवसीय कार्यक्र में कला प्रदर्शनी से लेकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित होती रही है. पिछले साल बिहार दिवस के तुरंत बाद लॉकडाउन लगा था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को लेकर हमलोग सचेत हैं। बिहार में वैसी स्थिति अभी नहीं है। राज्य में कोरोना के 20 से लेकर 48 तक पॉजिटिव मरीज रोज मिल रहे हैं। प्रतिदिन रात आठ बजे तक कोरोना से संबंधित रिपोर्ट हमारे पास आती है और नौ बजे हम संबंधित अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फिलहाल स्कूल कॉलेज को बंद करने की कोई योजना नहीं है। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है, जिसमें प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कोरोना की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी गई है। जिन राज्यों में पहले की तुलना में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, वहां के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में अपनी बातें रखीं। बाहर से जो लोग आते हैं, उन पर नजर रखना जरूरी है। बाहर से आने वाले कई लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। जल्द ही हम इस पर बैठक करेंगे। कोरोना जांच की संख्या को फिर से बढ़ाना है। तय किया गया है कि प्रतिदिन 70 हजार जांच करनी है। अधिक से अधिक जांच आरटीपीसीआर से हो, इसको लेकर सारे इंतजाम किये जा रहे हैं।
कोरोना की रोकथाम के लिए पंचायतों में माइक के माध्यम प्रचार प्रसार किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि अन्य राज्यों से आनेवाले लोगों की जांच कई स्तरों पर करायी जाये.
जिलों को निर्देश दिया गया है कि जिन पंचायतों में भारी संख्या में दूसरे राज्यों से यात्री आये हैं, उन पंचायतों में माइक से कोविड 19 की जांच की अपील की जाये. साथ ही उनकी आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लेने की व्यवस्था की जाये. इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों और पंचायत प्रतिनिधियों की मदद ली जाये.
जिलों को भेजे गये निर्देश में कहा गया है कि कोविड 19 पॉजिटिव केस पाये जाने पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन गठित किया जाये. जिलों में स्थापित किये गये कोविड केयर सेंटर एवं डेडिकेटेड कोविड सेंटर की तैयारी और उपलब्ध सुविधाओं का सत्यापन कर लिया जाये, जिससे आवश्यकता पड़ने पर बाहर से आनेवाले पॉजिटिव केस का इलाज सुनिश्चित हो सके. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि होली के त्योहार में सार्वजनिक स्थल पर किसी भी प्रकार का होली मिलन समारोह का आयोजन नहीं हो.
हैंड सैनिटाइजर और हैंडवॉश की मांग बढ़ी
देश में एक बार फिर जैसे-जैसे कोरोना अपने पैर पसार रहा है, वैसे-वैसे हाथ साफ करने के लिए सैनिटाइजर और हैंडवॉश की मांग भी बढ़ रही है. सैनिटाइजर और हैंडवॉश की बढ़ती मांग को देखते हुए दुकानदारों ने एक बार फिर रैक के बदले काउंटर पर हैंड सैनिटाइजर और हैंडवॉश रखने लगे हैं.
राजधानी के मेडिकल स्टोर्स और जेनरल स्टोर्स में मास्क और हैंड सैनिटाइजर खरीदने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. दुकानदारों ने बताया कि पिछले माह तक हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश और मास्क की मांग सामान्य थी, लेकिन जब से महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और दिल्ली में कोरोना के मामले सामने आने शुरू हुए, इनकी मांग में इजाफा हुआ है.
पिछले माह तक पूरे माह में दो-चार हैंड सैनिटाइजर की बिक्री होती थी, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हर दिन आठ-दस लोग हैंड सैनिटाइजर ले जा रहे हैं. वहीं, हैंडवॉश की भी मांग बढ़ी है. लिक्विड सोप और घरेलू सफाई उत्पादों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है.