राज्य के सभी 149 आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जायेगा। इसके लिए प्रथम चरण में 60 आईटीआई को चयनित किया गया है। इस पूरे प्रोग्राम में टाटा टेक प्रथम चरण में ६० आईटीआई के साथ प्राइमरी पाटर्नर के रूप में भी कार्य करेगी‚ जिसको देश के बड़े़ उद्योगों सहित विश्व की भी नामचीन कंपनियों का सहयोग प्राप्त है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने के साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी में मशीन लनिग इंटरनेट ऑफ थिंग्स‚ ग्राफिक डिजाइन‚ रोबोटिक मेंटेनेंस‚ इले्ट्रिरकल इत्यादि की तकनीकों में मशीनें लाकर इंडस्ट्री के सहयोग से राज्य के आईटीआई को और उन्नत बनाया जायेगा।
यह जानकारी श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियों ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में बृहस्पतिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी आईटीआई संस्थानों में ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ–साथ फिजिकल ट्रेनिंग भी कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिन आईटीआई भवनों का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ है‚ उन्हें जल्द पूर्ण करें और उनमें संस्थान को शिफ्ट करें। उन्होंने जरूरत के मुताबिक ट्रेनरों की संख्या भी बढाने का निर्देश दिया और कहा कि नई टेक्नोलॉजी सीखने से छात्रों को बेहतर रोजगार मिल सकेगा साथ ही उद्योगों का भी विकास होगा। श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बैठक में बताया कि सरकार इंडस्ट्री ४.० के तहत प्रथम चरण में राज्य के ६० आईटीआई को उन्नत बनाने का कार्य मार्च २०२२ तक पूरा कर लेगी। हर वर्ष इसमें १५ हजार बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। प्रदेश के युवा कौशल का विकास कर अपने लिए रोजगार और स्वरोजगार‚ देश और विदेश में असानी से प्राप्त कर सकेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के युवाओं को विश्वस्तरीय सुविधा दिये जाने के लिए कौशल विकास केंद्रों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। बैठक में श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के आईटीआई को उद्योगों के बदलते परिवेश को देखते हुए नई तकनीकों से लैस किया जायेगा‚ ताकि राज्य के युवा तकनीकी प्रशिक्षण के बाद सीधे उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य सरकार के ६० आईटीआई पर कुल २‚१८८ करोड रुपये की राशि व्यय की जायेगी। इनमें से ८८ प्रतिशत राशि टाटा टेक्नोलॉजी के द्वारा‚ जबकि राज्य सरकार द्वारा शेष १२ प्रतिशत राशि व्यय की जायेगी। हर आईटीआई में १००० स्क्वायर फिट जगह भी उपलब्ध करायी जायेगी। प्रत्येक आईटीआई में ३६–४८ करोड़़ रुपये के औसतन व्यय से उन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जायेगा। इसे हब एंड स्पोक मॉडल के आधार पर स्थापित किया जायेगा और इन सात क्षेत्रों इले्ट्रिरक वाहन प्रशिक्षण‚ आईओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन‚ मशीनिंग और विनिर्माण एडवाइजर‚ आर्क वेल्डिं़ग के साथ औद्योगिक रोबोटिक्स‚ आईटी और डिजाइन‚ सभी प्रकार की मरम्मत व रखरखाव तथा आधुनिक प्लम्बिंग में कार्य किया जायेगा। सैम्पल जॉब रोल पर ट्रेनिंग भी दी जायेगी‚ जिसमें इले्ट्रिरक वाहन प्रशिक्षण के अंतर्गत वाहन सर्विसिंग बैटरी रखरखाव‚ मोटर मरम्मत एवं उनकी पूरी देखभाल‚ आईओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन के अंर्तगत होम ऑटोमेशन‚ रिमोट ऑपरेशन‚ मशीन ट्रैकिंग और डायग्नोस्टिक‚ मशीनिंग और विनिर्माण एडवाइजर के अंतर्गत एडवांस मशीन ऑपरेशन‚ एडवांस मशीन प्रोग्रामिंग‚ एडवांस मशीन रखरखाव‚ औद्योगिक रोबोटिक्स के अंतर्गत रोबोट इंस्टॉलेशन आदि शामिल हैं। ‚ फिक्सचर ट्रेनिंग‚ मैटीरियल हैंडलिंग और रोबोट मेंटेनेंस‚ आईटी और डिजाइन के अंतर्गत कैड मसौदा तैयार करना‚ कैड डिजाइनिंग‚ उत्पाद मॉडलिंग बनाना और अन्य घटक‚ सभी प्रकार की मरम्मत और रखरखाव के तहत ऑटो सर्विसिंग और रखरखाव‚ ऑटो डायग्नोेस्टिक‚ ऑटोमोटिव मरम्मत और आधुनिक प्लम्बिंग के अंतर्गत औद्योगिक प्लम्बिंग‚ पाइप लाइन रखरखाव और मरम्मत आदि।
इस पूरे प्रोग्राम में टाटा टेक प्रथम चरण में ६० आईटीआई के साथ प्राइमरी पाटर्नर के रूप में भी कार्य करेगी‚ जिसको देश के बड़े़ उद्योगों सहित विश्व की भी नामचीन कंपनियों का सहयोग प्राप्त है। इसलिए प्रोजेक्ट में एक विश्वसनीयता और वृहत अनुभव का समावेश रहेगा। आईटीआई अपग्रेेडे़शन के तहत टाटा टेक सभी ग्लोबल औद्योगिक पाटर्नरों को एक साथ लायेगी। प्रोजेक्ट के लिए एक बेसलाइन अध्ययन तैयार करेगी और फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं उपलब्ध औद्योगिक परिवेश के आलोक में प्रचलित उद्योग को मूल्यांकन की आवश्यकता के अनुरूप तैयार करेगी। अध्ययन पूर्ण होने के बाद ले आउट ड्राईं तैयार किया जयेगा। टाटा टेक सभी आईटीआई में अपने पर्यवेक्षण में यह कार्य करायेगी तथा विभिन्न मशीनों का इन्स्टॉलेशन भी किया जायेगा। टाटा टेक सभी आईटीआई को ट्रेेनर के साथ सहयोग करेगी और नये अप्रग्रेड टूल्स मशीनरी एवं पाठ¬क्रम बनाने में भी सहायता देगी। प्रथम चरण के लिए चयनित आईटीआई को टाटा टेक १२० ट्रेनर भी अपने एवं पाटर्नर इंडस्ट्री के साथ मिलकर उपलब्ध करायेगी। टाटा टेक नोडल सेंटर पर २० प्रशिक्षित प्रशिक्षकों को भी स्थापित करेगी। इनके द्वारा विषय आधारित इंडस्ट्री एक्सपर्ट के माध्यम से नियमित एवं समयब) रूप से पयवेक्षण कराया जायेगा। जिन छात्रोंें को इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जायेगा‚ उन्हेंें रोजगार देने में चयनित पार्टनर इंडस्ट्री द्वारा प्राथमिकता दी जायेगी।