देश में कुछ किसान संगठनों का आंदोलन पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से जारी है। इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया विशेषकर Twitter पर भी हलचल तेज है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ‘आरोप’ हैं कि उनके मंच का इस्तेमाल किसानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है। ऐसे हलचल के बीच केंद्र सरकार ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को नया नोटिस जारी कर 1178 twitter accounts को बंद ब्लॉक करने के लिए कहा है। केंद्र को संदेह है कि ये twitter accounts या तो खालिस्तान से सहानुभूति रखने वालों के या फिर पाकिस्तान द्वारा समर्थित हो सकते हैं।
इससे पहले भी केंद्र सरकार Twitter से 257 हैंडल ब्लॉक करने के लिए कह चुकी है। पिछला नोटिस गुरुवार को जारी किया गया था। सूत्रों के कहना है कि ट्विटर की तरफ से आईटी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत जारी निर्देशों का पालन करना बाकी है। सूत्रों ने बताया कि MHA और सुरक्षा एजेंसियों से एक सलाह प्राप्त करने के बाद आईटी मंत्रालय द्वारा Twitter को नया नोटिस दिया गया है। हालांकि ट्विटर ने इसपर सार्वजनिक रूप से कुछ भी नहीं कहा है।
सूत्रों ने बताया, “Twitter से जिन खातों को ब्लॉक करने के लिए कहा गया है वो खालिस्तानियों के हमदर्दों या पाकिस्तान द्वारा समर्थित और अन्य देशों प्रदेशों से संचालित होने वाले हैं…कई खाते automated bots भी हैं जिनका उपयोग किसानों के विरोध प्रदर्शनों पर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री को साझा करने और बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।”
सरकार का मानना है कि ब्लॉक किए जाने वाले खातों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियां देश के कुछ हिस्सों में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर “सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करने” की क्षमता रखती हैं। सरकार और ट्विटर के बीच face-off उस समय सामने आया जब जब सरकार ने ट्विटर को चेतावनी दी है कि आदेश न मानने पर कंपनी के अधिकारियों को सात साल तक की जेल की सजा काटनी पड़ सकती है।
257 Accounts को बंद करने के बाद, ट्विटर ने उनमें से ज्यादातर को अनब्लॉक कर दिया है, जिससे नाराज होकर IT मिनिस्ट्री ने कंपनी को आदेश मानने को लेकर एक डिटेल नोटिस भेजा है। सूत्रों ने बताया कि IT मिनिस्ट्री ने पहले नोटिस में कहा कि ट्विटर एक मध्यस्थ है और वे सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। ऐसा करने से इनकार करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
सरकार ने कहा कि “प्रेरित अभियान” और 257 खातों द्वारा उल्लिखित हैशटैग का इस्तेमाल “बिना सोचे-समझे आधार पर समाज में दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और तनाव पैदा करने के लिए” किया जा रहा है। सरकार ने कहा, “नरसंहार के लिए प्रोत्साहन देना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा देखी गई थी।”
हालांकि ट्विटर ने कहा था कि उसने ज्यादातर खातों को अनफ्रीज करने का फैसला किया क्योंकि उनके द्वारा भेजे गए ट्वीट “फ्री स्पीच और newsworthy हैं”। आईटी मंत्रालय स्पष्ट रूप से इससे सहमत नहीं है। सूत्रों ने कहा कि सामग्री को ब्लॉक करने से मना करने के जरिए ट्विटर केवल “सरकार के धैर्य का परीक्षण” कर रहा है और आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत “कार्रवाई करने के लिए मजबूर” कर रहा है। सरकार को लगता है कि ट्विटर अगर फैसले से सहमत नहीं है, तो वह अदालतों में कार्रवाई के खिलाफ अपील दायर करने के लिए स्वतंत्र है।