कुल मिलाकर इस बजट के आंकड़े बता रहे हैं कि यह कोरोना की तपिश से झुलसा हुआ बजट है‚ जिसमें आय के तमाम अनुमान धराशायी हो गए और आय–प्राप्तियां लक्ष्य के मुकाबले बहुत कम रहीं और दूसरी तरफ खर्चे उम्मीद से बहुत ज्यादा बढ़े। इसलिए सरकार का खजाना संकट में आया। इतना संकट में आया कि राजकोषीय घाटा जितना होना चाहिए था लक्ष्य के अनुसार वह तय लक्ष्य के दोगुने से भी ऊपर निकल गया–२०२०–२१ में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का ९.५ फीसद रहा। वित्तमंत्री ने उम्मीद जताई कि २०२५–२६ तक यह पटरी पर लौटेगा–सकल घरेलू उत्पाद के ४.५ प्रतिशत के स्तर पर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट के बाद के संबोधन में बताया कि इस बजट ने जीने की सुगमता पर ध्यान दिया है। जीना सुगम तब होता है जब दाल रोटी का इंतजाम रोजगार का इंतजाम ठीक होता रहे। रोजगार बढ़ेगा‚ इस बजट से ऐसी उम्मीद की जा सकती है क्योंकि नये करों से आम आदमी की क्रय क्षमता पर चोट नहीं की गई है‚ हां यह बात और है कि आम आदमी को वह राहत भी नहीं मिली‚ जो इस संकटग्रस्त समय में उसकी मुश्किलें आसान कर देती। उसका जीना सुगम बना देती। सरकार का दावा है कि २०२१–२२ का बजट ६ स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण‚ दूसरा–भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना‚ तीसरा–आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास‚ मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना‚ ५वां–नवाचार और अनुसंधान और विकास‚ ६वां स्तंभ–न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। ये सारे स्तंभ नये नहीं हैं‚ समय–समय पर किसी–न–किसी रूप में नीतिगत घोषणाओं में आते रहते हैं। घोषणाओं को जमीन पर उतार लाना मुश्किल और महत्वपूर्ण काम है। समावेशी विकास वक्त की बड़ी जरूरत है। कोरोना ने पहले से मौजूद असमानता की खाई को और चौड़ा कर दिया है। मनरेगा जैसी ग्रामीण गारंटी योजना के लिए ७३००० करोड़ रु पये रखे गए हैं। हो सकता है कि इसमें बढ़ोतरी करनी पड़े। पेट्रोल–डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है। पेट्रोल पर प्रति लीटर २.५० रु पये और डीजल पर प्रति लीटर ४ रु पये का कृषि सेस लगाया गया है। हालांकि अभी यह बताया गया है कि इसका असर आम ग्राहक पर भी पड़ेगा। पर एक बात तय है कि अगर पेट्रोल और डीजल की महंगाई आम आदमी की तरफ लगातार हस्तांतरित होती रही‚ तो आम आदमी पर महंगाई का बोझ पड़ना पक्का है। महंगाई भी एक तरह का कर ही है।
GST काउंसिल की बैठक आज, इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
GST काउंसिल की आज यानी 9 सितंबर को बैठक होगी. इस बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले GST सहित...