बिहार के नीति-निर्माण में आद्री के संस्थापक शैबाल गुप्ता की बड़ी भूमिका रही है। बिहार का आर्थिक विकास हो या सामाजिक अथवा आधारभूत संरचना का निर्माण, हर क्षेत्र में उनके योगदान को बिहार भूलेगा नहीं। बिहार के लिए वे हमेशा लड़ते रहे। बिहार की स्थिति, विकास और आगे की रणनीति को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट उन्हीं के नेतृत्व में तैयार की जाती रही है। कई वर्षों से विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में पेश किया जाता था। बिहार के विकास की रणनीति बनाने में यह रिपोर्ट काफी सहायक होती थी।
बिहार की हक की बात मजबूती से रखते थे
शैबाल गुप्ता बिहार की हक की बात हर फोरम पर प्रमुखता से रखते थे। अर्थाशास्त्री और समाज विज्ञानी होने के नाते वह हर पहलू पर अपनी बात रखते थे। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, इसके लिए हर मंच पर उन्होंने पुरजोर वकालत की। पूरी दृढ़ता से बिहार हित की बात रखी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने शोक संदेश में कहा है कि शैबाल गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान बिहार के कई आर्थिक सुधारों में रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी कहा है कि वे जब मुख्यमंत्री थे तो हर वित्तीय फैसले में शैबाल गुप्ता का सहयोग मिलता था।
आद्री की स्थापना 1991 में की थी
आद्री की स्थापना शैबाला गुप्त ने वर्ष 1991 में की थी। उन्होंने आद्री के तत्वावधान में पटना में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समिनार का आयोजन किया था। इनके द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों-सेमिनारों के विषय में बिहार का विकास केंद्र में रहता था। इनके द्वारा आयोजित परिचर्चा में प्रमुख अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई भी शामिल हुए थे।
सेमिनार में प्रणब मुखर्जी आये थे
वर्ष 2017 में 24 से 28 मार्च तक पटना में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया था, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आये थे। सेमिनार का विषय था ‘बिहार-झारखंड का इतिहास और आगे का विजन’। इस सेमिनार में देश और विदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हुए और राज्य के विकास पर अपने सुझाव दिये थे। कार्ल मार्क्स के जीवन पर उन्होंने वर्ष 2018 में 16 से 18 जून तक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कराया था, जिसमें दुनिया के सभी महाद्वीपों से विशेषज्ञ शामिल हुए थे। इस तरह उन्होंने दर्जनों सेमिनार का आयोजन पटना में हाल के वर्षों में कराया।
रघुराम राजन कमेटी में सदस्य थे शैबाल गुप्ता
पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने और इन्हें विशेष वित्तीय सहायता दिये जाने को लेकर बनी रघुराम राजन कमेटी में शैबाल गुप्ता बतौर सदस्य शामिल थे। इस कमेटी में उन्होंने बिहार का प्रतिनिधित्व किया था। कमेटी द्वारा वर्ष 2013 में प्रस्तुत रिपोर्ट में इनका बड़ा योगदान था।
गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान से आज अंतिम संस्कार
आद्री के संस्थापक और जाने माने अर्थशास्त्री डॉ. शैबाल गुप्ता का अंतिम संस्कार शुक्रवार को ढाई बजे गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इसके पहले दोपहर एक बजे उनका पार्थिव शरीर आद्री के परिसर में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. शैबाल गुप्ता के निधन पर दुख जताते हुए घोषणा की है कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। यहां के एक अस्पताल में निधन के बाद डॉ. शैबाल गुप्ता का पार्थिव शरीर बैंक रोड (बिस्कोमान के पास) स्थित उनके आवास पर रखा गया है। उनके निधन की जानकारी मिलते ही कई जाने माने लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे।