भारत सरकार ने व्हाट्सऐप को गोपनीयता नीति में किए गए हालिया बदलाव वापस लेने के लिए कहा है। सरकार ने कहा कि एकतरफा बदलाव अनुचित और अस्वीकार्य हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सऐप के सीईओ विल कैथकार्ट को कठोर शब्दों में लिखे एक पत्र में कहा कि भारत में व्हाट्सऐप के सर्वाधिक उपयोक्ता हैं और यह उसके लिए सबसे बड़़ा बाजार है।
पत्र में कहा गया‚ व्हाट्सऐप की सेवा शर्तों एवं गोपनीयता नीति में प्रस्तावित बदलावों में इसके उपयोगकर्ताओं को इससे बाहर रहने का विकल्प नहीं दिया गया है। यह भारतीयों की स्वायत्तता के संबंध में गंभीर चिंताएं पैदा करता है। मंत्रालय ने व्हाट्सऐप को प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने तथा सूचना की गोपनीयता‚ पसंद की स्वतंत्रता व ड़ेटा सुरक्षा पर पुनः विचार करने को कहा। आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने १५वें भारत डि़जिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संपर्क के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया जाएगा। ड़ेटा सुरक्षा व गोपनीयता के मुद्दे पर भारत सहित दुनिया भर में व्हाट्सऐप की भारी आलोचना हुई है। हालांकि‚ व्हाट्सऐप ने कहा है कि उसके मंच पर भेजे गए संदेश पूरी तरह गोपनीय हैं और व्हाट्सऐप या फेसबुक उसके मंच से भेजे गए निजी संदेशों को नहीं देख सकते हैं। प्रसाद ने कहा‚ ‘इस मुद्दे पर मेरा विभाग काम कर रहा है और निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन एक बात को बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा। चाहें कोई भी डि़जिटल मंच‚ आप भारत में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं‚ लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए।”
भारत में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी भी देश का नाम लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा‚ “हां‚ हमने ऐप पर प्रतिबंध लगा दिए‚ क्योंकि मुद्दा ड़ेटा गोपनीयता था‚ मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा था‚ मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता था। इसलिए किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा‚ चाहें वह निजी हो या सरकारी।” उन्होंने कहा कि ड़ेटा को सहमति से प्राप्त करना चाहिए‚ इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए‚ जिसके लिए इसे जमा किया गया है और ड़ेटा की उचित सुरक्षा तथा शुचिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
विवाद के बाद टाला
फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने हाल में ही नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी। बड़़ी संख्या में लोग इसे यूजर्स की प्राइवेसी में दखल मान रहे हैं। यह पॉलिसी ८ फरवरी २०२१ को लागू होनी थी। लेकिन विवाद बढ़ने के बाद डे़ड़ लाइन को बढ़ाकर १५ मई कर दिया गया।
क्या है नई पॉलिसी
व्हाट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड़‚ सबमिट‚ स्टोर‚ सेंड़ या रिसीव करते हैं कंपनी उसका प्रयोग कहीं भी कर सकती है। कंपनी डे़टा को शेयर भी कर सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा
एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि व्हाट्स ऐप की नई पॉलिसी को स्वीकार करना स्वेच्छिक है। यदि कोई नए नियमों और शर्तों से सहमत नहीं है तो वह उस प्लेटफॉर्म का उपयोग या उसमें शामिल नहीं हो सकता है।
व्हाट्सऐप का दावा
उसके मंच पर भेजे गए संदेश पूरी तरह गोपनीय हैं और व्हाट्सऐप या फेसबुक उसके मंच से भेजे गए निजी संदेशों को नहीं देख सकते हैं, चाहें व्हाट्सऐप हो‚ फेसबुक हो‚ या कोई भी डि़जिटल मंच‚ भारत में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं‚ लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए