बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चार दिन बिहार में हनुमंत कथा करने के बाद लौट गये. जब वह एयरपोर्ट से रवाना होने वाले थे, उस वक्त हजारों श्रद्धालु एयरपोर्ट के अन्दर पहुंच गए. बुधवार को पटना के डाकबंगला चौराहे पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख पुती हुई नज़र आई और कुछ पोस्टरों पर ‘420’ लिखा हुआ मिला. बीजेपी नेता मनोज तिवारी और विजय सिन्हा ने पोस्टर पर कालिख पोतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. जवाब में आरजेडी नेता मृतुयंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी को चाहिए, वह अगले चुनाव में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मुख्यमंत्री पद के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में पेश करे. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब गुजरात जाएंगे. कुल मिला कर बिहार में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नाम पर जो सियासत हुई, जो बयानबाजी हुई, उससे तीन बातें साफ हैं. एक, तेजप्रताप यादव ने कहा था कि बागेश्वर वाले धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार में नहीं घुसने देंगे, धीरेन्द्र शास्त्री बिहार गए, चार दिन रुके, कथा की, दरबार लगाया और उनको देखने सुनने के लिए इतनी भीड़ जुटी कि तेजप्रताप यादव और आरजेडी के दूसरे नेता चुपचाप तमाशा देखने पर मजबूर हो गए. दो,आरजेडी के नेता धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर संविधान और कानून के खिलाफ बात करने का इल्जाम लगा रहे हैं, लेकिन धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता को देखते हुए, बिहार में सरकार होने के बाद भी, आरजेडी और जेडीयू के नेता उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की, कार्रवाई करवाने की, हिम्मत नहीं दिखा पाए. तीन, जब आरजेडी के नेताओं ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को ‘मदारी’, ‘लोगों को बेवकूफ बनाने वाला’, ‘ढोंगी’ कहा, तो जवाब में धीरेन्द्र शास्त्री ने “सेम टू यू” कह दिया. कथा के चौथे दिन जब धीरेन्द्र शास्त्री के पोस्टर्स पर कालिख पोती गई, तो जवाब में बागेश्वर धाम वाले बाबा ने कहा कि पोस्टर फाड़ सकते हैं, कालिख पोत सकते हैं लेकिन बिहार के लोगों के दिल से कैसे निकाल सकते हैं ? धीरेन्द्र शास्त्री ने अपनी हाजिरजवाबी से दिखा दिया कि वाकपटुता में वो नेताओं से ज्यादा चतुर हैं, धीरेन्द्र शास्त्री कथा करके पटना से लौट आए, कोई उन्हें नहीं रोक पाया. बेहतर तो ये होता आरजेडी और जेडीयू के नेता भी धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में शामिल होते, विरोध में बयान देने की बजाए खामोश रहते, तो शायद न बाबा को बोलने का मौका मिलता और न बीजेपी के नेताओं को.
बिहार पुलिस ने काटा 1000 का चालान
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पटना से लौट चुके हैं, लेकिन बिहार ट्रैफिक विभाग ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, पटना पहुंचने धीरेंद्र शास्त्री बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी की कार में बैठकर कथा स्थल पर पहुंचे थे। इस दौरान कार की आगे की सीट पर बैठने के बावजूद धीरेंद्र शास्त्री ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। बिना सीट बेल्ट लगाए कार ड्राइव करने के लिए बिहार पुलिस की ओर से मनोज तिवारी और धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई को पटना आए थे। उनका पटना एयरपोर्ट पर शानदार स्वागत किया गया था। हजारों की संख्या में भक्त एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे। इस दौरान भोजपुरी गायक और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी खुद अपनी कार लेकर एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। बाबा बागेश्वर मनोज तिवारी की कार में बैठकर एयरपोर्ट से कथा स्थल के लिए रवाना हुए थे। इस दौराना दोनों ने कार में सीट बेल्ट नहीं लगाई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चालान भेजा गया है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री जिस मध्यप्रदेश नंबर की गाड़ी पर चढ़कर पटना एयरपोर्ट से पनाश होटल के लिए आये थे। उस कार का 1000 रुपये का चालान पटना ट्रैफिक पुलिस की ओर से काटा गया है। चालान में पंडित धीरेंद्र शास्त्री और मनोज तिवारी सीट बेल्ट नहीं लगाने के दोषी बताए गए हैं। बता दें कि बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पटना से सटे नौबतपुर में पांच दिनों तक कथा की। एक अनुमान के मुताबिक इस दौरान करीब 35 लाख भक्त कथा सुनने पहुंचे।
बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने पटना की कथा में हिंदू राष्ट्र बनाने की डिमांड की थी। इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वयंभू संत बाबा बागेश्वर के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का कोई मूल्य नहीं है, क्योंकि ये उन लोगों द्वारा की गई है, जिन्हें देश की आजादी की लड़ाई या संविधान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
यहां परिवहन विभाग के नए भवन के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, वे (बागेश्वर बाबा) जो इस तरह की बातें कर रहे हैं, देश के स्वतंत्र होने और संविधान लागू होने से पहले पैदा भी नहीं हुए थे। क्या वे देश का नाम बदल देंगे? हमारे देश में 7 समुदाय हैं और सभी के पास अपने-अपने धर्मो में विश्वास करने का समान अधिकार है। हम कभी भी किसी के लिए कोई बाधा नहीं बनाते। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और वे अपने देवताओं की पूजा करने के लिए स्वतंत्र हैं।
नीतीश ने कहा, उनके (बाबा बागेश्वर) जैसे लोग अपने दम पर बात कर रहे हैं और इसका कोई मूल्य नहीं है। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके साथ काम करने वाले नेताओं में विश्वास करते हैं। मैं उस समय पैदा नहीं हुआ था, मेरे पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया था और हम उनकी विचारधारा के आधार पर विकास कर रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ लोग हिंदू राष्ट्र के लिए बोल रहे हैं। इसकी जरूरत क्या है? सभी को अपने-अपने धर्म में आस्था रखने का अधिकार है, इसमें कोई किसी को बाधा नहीं डाल सकता।
उन्होंने कहा, हमारे देश में सात समुदाय हैं – हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन। इन समुदायों के लोगों को संविधान के अनुसार समान अधिकार प्राप्त हैं। देश में पारसियों की संख्या कम है, वे मुख्य रूप से मुंबई के एक क्षेत्र में में रहते हैं। लेकिन उनके पास भी समान अधिकार हैं और हम इसका सम्मान करते हैं। हम हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि बिहार में किसी भी समुदाय को कोई असुविधा महसूस न हो। किसी को संविधान से परे कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, अगर कोई संविधान में संशोधन करना चाहता है, तो उसे लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है। संशोधन केवल सभी दलों के निर्णय से होता है।
इस आरोप पर कि उनकी सरकार सनातन धर्म के खिलाफ काम कर रही है, नीतीश ने कहा : वे लोग पार्टी में अपना वजन बढ़ाने के लिए मेरे खिलाफ ऐसी बात कर रहे हैं, मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।