प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इसे लेकर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने गुरुवार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भेंटी की. इस मुलाकात के दौरान बिरला ने उन्हें राष्ट्र को नए संसद भवन को समर्पित करने के लिए आमंत्रित किया है. लोकसभा सचिवालय ने मीडिया को ओम बिरला और पीएम मोदी की मुलाकात की जानकारी दी है.
आपको बता दें कि साल 2019 में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्यों ने केंद्र सरकार से नए संसद भवन के निर्माण के लिए अपील की थी. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2020 में इसका शिलान्यास किया था. अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नए संसद भवन का निर्माण गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड में हुआ है. बताया जा रहा है कि 4 मंजिला नए संसद भवन में पार्टियों और मंत्रियों के साथ-साथ सांसदों का भी कमरा होगा. पुराने संसद भवन के मुकाबले नए संसद में जरूरतों के हिसाब बहुत बदलाव किया गया है.
पुराने संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है, जबकि नए संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठने के इंतजाम किए गए हैं. नए नवनिर्मित संसद भवन में सेंट्रल हॉल की जगह कमेटी हॉल बनाया गया है. नए भवन में खासतौर पर संविधान कक्ष बना है. इसके साथ ही पुस्तकालय, कैंटीन, लाउंज की सुविधाएं हैं. नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद सांसदों के लिए नई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी.
आखिर क्यों चुनी गई ये तारीख
दरअसल 26 मई 2014 को पहली बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। वहीं दूसरे कार्यकाल में 30 मई 2019 को वो फिर से प्रधानमंत्री बने। ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे थे कि पीएम इन दोनों में से किसी एक तारीख को नए संसद भवन का उद्घाटन कर सकते हैं। लेकिन अब क्योंकि ये साफ हो गया है कि 28 मई को उद्घाटन होने जा रहा है, तो लोगों में ये जानने की उत्सुकता है कि आखिर ये तारीख ही क्यों चुना गया? दरअसल 28 मई को वीर सावरकर की जयंती है। इस साल उनकी 140वीं जयंती मनाई जाएगी। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि यही तारीख क्यों चुना गया है।
दिसंबर 2020 में हुआ था नए संसद भवन का शिलान्यास
लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, संसद के नवनिर्मित भवन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार (18 मई) को प्रधानमंत्री मोदी से भेंट कर उनसे इसका उद्घाटन करने का आग्रह किया था. बयान में कहा गया है कि लोकसभा और राज्यसभा ने पांच अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था. इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया.
नए संसद भवन की खासियत?
संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. बयान के अनुसार, अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और ज्यादा समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी. बयान में बताया गया है कि नए संसद भवन के अंतर्गत लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है. संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है.
संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था. नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की ओर से पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं.
संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है. इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा. संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था.