जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शुक्रवार को बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. ललन सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का महाराष्ट्र और दिल्ली को लेकर जो दिया गया है. इससे यह साबित हो गया कि देश में जो सरकार चल रही है. वह देश की संस्थाओं को पोकेट का संस्था बना कर रख दिए है. उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार चुनी हुई सरकार को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है. देश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने लोकतांत्रिक व्यवस्था चलाने वाली सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. ललन सिंह ने केंद्र सरकार और केंद्र सरकार के मंत्रियों पर भी निशाना साधा.
ललन सिंह ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री ने आज तक महंगाई पर एक शब्द भी नहीं बोला है. बेरोजगारी को दूर करने का क्या प्रयास किया जा रहा है. इस पर केंद्र सरकार के कोई मंत्री है, कुछ नहीं बोल रहे हैं. 81 हजार करोड़ रुपए का कॉरपोरेट घोटाला हुआ, उस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है. जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मालिक के आरोप पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है.
कर्नाटक में भाजपा की होगी बुरी तरीके से हार
ललन सिंह ने मांग की कि जिस नैतिकता के आधार पर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दिया था. उसी नैतिकता के आधार पर एकनाथ शिंदे भी इस्तीफा दें और महाराष्ट्र में फिर से विधानसभा का चुनाव हो. ललन सिंह का दावा है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी बुरी तरीके से विधानसभा का चुनाव हारेगी. ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने पालतू तोता के माध्यम से विरोधियों को परेशान कर रही है.
5 वर्षों के बाद पालतू तोता फिर से सक्रिय
बिहार में 5 वर्षों के बाद पालतू तोता फिर से सक्रिय हो गया. ललन सिंह ने आरसीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि आरसीपी सिंह भारतीय जनता पार्टी के एजेंट के रूप में जदयू में काम कर रहे थे. जदयू का आरोप साबित हो गया कि आखिरकार वह बीजेपी में शामिल हो गया. किसी के नेताओं से सवाल किया जो भाजपा के नेता आरसीपी टैक्स की बात करते थे. वह बताएं वह आरसीपी टैक्स क्या था. उन्होंने कहा किविपक्षी एकता के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत हो गई है और पटना में कब बैठक की जाएगी. बहुत जल्द तिथि तय हो जाएगा.
पर्दे के पीछे से बीजेपी अड़ंगा लगा रही
जाति आधारित गणना पर ललन सिंह ने कहा बिहार सरकार जातीय गणना करवा रही है ताकि किसको किस चीज का लाभ दिया जा सके उसका आंकलन हो सके, लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसका पीछे से विरोध कर रही है. सर्वदलीय बैठक में भी बीजेपी शामिल थी. प्रधानमंत्री के साथ जो डेलीगेट मिला था, उसमें भी बीजेपी के लोग शामिल थे, लेकिन अब पर्दे के पीछे से बीजेपी के लोग इसमें अरंगा लगा रहे हैं.