राजग से अलग होने की घोषणा होने के कुछ ही देर के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना त्यागपत्र सौंपा और १६४ विधायकों का समर्थन पत्र देकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। तब राज्यपाल ने नीतीश को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने को कहा‚ लेकिन थोड़़ी देर बाद ही राजभवन से यह संदेश आया कि बुधवार की दोपहर २ बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जायेगा। नीतीश ८वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। साथ ही तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री का दायित्व संभालेंगे। इससे पहले राजद नीत महागठबंधन की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़़ी देवी के दस सर्कुलर रोड़ स्थित आवास पर बुलाई‚ जिसमें वाम दल और कांग्रेस ने हिस्सा लिया। यहां सभी विधायकों ने नीतीश कुमार के समर्थन वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किये। इस बीच‚ एक अणे मार्ग में जदयू के सांसद‚ विधायक और पार्टी के वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई‚ जिसमें भाजपा से नाता तोड़ने का निर्णय लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने जो फैसला किया‚ उसके लिए भाजपा ने मुझे बाध्य किया‚ क्योंकि उसने पहले चिराग पासवान से विद्रोह कराकर और फिर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सामने खड़़ा करके जदयू को कमजोर करने की कोशिश की। बैठक के बाद नीतीश सीधे पूर्व मुख्यमंत्री तथा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर पहुंचे। वहां राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव भी मौजूद थे। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन की नई सरकार में मुख्यमंत्री होंगे। सब कुछ तय हो चुका है और अब जल्दी ही नई सरकार बनेगी। बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच ‘हम’ ने भी राजग से नाता तोड़ लिया। पूर्व मुख्यमंत्री एवं ‘हम’ के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी राजग को छोड़कर बिना किसी शर्त के नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार को अपना समर्थन देगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने जा रही नई सरकार को राजद‚ कांग्रेस‚ वामदल और हम का समर्थन प्राप्त है। वर्तमान में जदयू के ४५‚ राजद के ७९‚ कांग्रेस के १९‚ वामदल के १६ और एक अन्य विधायक हैं‚ जिससे इस सरकार के पास कुल १६४ विधायकों का समर्थन होगा। भाजपा और जदयू दोनों दलों के बीच कई महीने से तकरार चल रही थी। इन दोनों के बीच कई मुद्दों पर असहमति देखने को मिली थी जिनमें जातीय जनगणना‚ जनसंख्या नियंत्रण कानून और सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना शामिल हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में चाय-नाश्ता के लिए लोग आते रहते हैं……………
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने बुधवार को कहा कि पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी...