विधान सभा में विधायकों के साथ गलत आचरण करने वाले दो पुलिसकर्मियों को निलंम्बित कर दिया गया है। सिपाही शेषनाथ प्रसाद‚ सिपाही संख्या–४५६ एवं सिपाही रंजीत कुमार‚ सिपाही संख्या–५०४ को इसके लिए दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विधायकों के मामले को विधान सभा की आचार समिति को सौंपा गया है और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी। विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने वृहस्पतिवार को एक प्रेस सम्मेलन में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार विधान सभा के द्वितीय सत्र के दौरान २३ मार्च को सदन में बिहार सशस्त्र बल विधेयक‚ २०२१ के व्यवस्थापन के दौरान कतिपय विरोधी दल के सदस्यों द्वारा विरोध प्रकट किया गया और कुछ अमर्यादित आचरण भी किया गया। विधान सभा में आसन को बाधित किया गया और बिहार विधान सभा अध्यक्ष के कक्ष को चारों ओर से बंद कर दिया गया। संसदीय प्रणाली में इस तरह का डेडलॉक वांछनीय और शोभनीय नहीं होता है। सदन सार्थक विमर्श के लिए है न कि अमर्यादित आचरण के लिए। उन्होंने बताया कि सदन में फैली अव्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए सभा सचिवालय में कार्यरत मार्शलों की कम संख्या होने के कारण उनके सहयोगार्थ जिला बल से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था और उन्हें स्पष्ट रूप से निदेर्शित था कि विधायाकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना है और जो विधायक अपनी सीट पर हैं उन्हें नहीं छूना है और जो विधायक अपने सीट पर नहीं हैं‚ उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हुए उन्हें सदन से बाहर ले जाना है। इस दौरान मैं अपने कक्ष में ही बंद था। कुछ मीडिया विजुअल में मेरे कक्ष के बाहर एक व्यक्ति के द्वारा एक सदस्य को मारते हुए तथा पोर्टिको के व्हाईट लाईन के बाहर एक अन्य सदस्य को मारते हुए देखा गया‚ यह किसी रूप में स्वीकार नहीं था और यह सर्वथा उचित नहीं था। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव‚ गृह विभाग तथा पुलिस महानिदेशक‚ बिहार को जांचोपरांत कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया था। अध्यक्ष ने कहा कि आज उनके द्वारा यह बताया गया है कि उक्त घटना के लिए दोषी पुलिस कर्मियों को चिन्हित करते हुए उन पर कार्रवाई की गयी है। इन दोनों सिपाहियों द्वारा इस प्रकार का किया गया आचरण उनके उदंडता‚ मनमानेपन‚ गैरजिम्मेदाराना एवं अयोग्य पुलिस कर्मी होने का स्पष्ट परिचायक है तथा इस प्रकार से किये कायोंर् से पुलिस विभाग की छवि भी धूमिल हुई है। पुलिस महानिरीक्षक‚ केंद्रीय प्रक्षेत्र‚ पटना के द्वारा इस संबंध में १९ जुलाई‚ २०२१ को आदेश निर्गत कर दिया गया है। परंतु उसी दिन कुछ सदस्यों द्वारा जो अमर्यादित आचरण किया गया था‚ उसकी जॉंच विधान सभा की आचार समिति के द्वारा की जा रही है। इसकी अनुशंसा प्राप्त होने पर अग्रतर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित प्रतिनिधि लोकतंत्र के स्तंभ होते हैं और वह जनहित में ही अपने दायित्वों का निवर्हन करते हैं। इनके मान–सम्मान की रक्षा हमारी सवाæच्च प्राथमिकता में है। इन कायोंर् के निवर्हन के क्रम में बिहार विधानमंडल के सदस्यों के साथ राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा सुनिश्चित प्रोटोकॉल का पालन हर हाल में किया जाना चाहिए। ऐसे में किसी स्तर के पदाधिकारियों द्वारा किये गये अिाष्ट और अर्मायदित व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पदाधिकारियों की उदासीनता और अशिष्टता से प्रदेश का विकास भी बाधित होगा और कहीं न कहीं यह इससे विधायिका और कार्यपालिका की छवि भी धूमिल होगी।
विधानसभा की सुरक्षा चाक–चौबंद करने के लिए छह वाच टावर बनाये जायेंगे। विधानसभा के बाहर आगंतुकों के लिए रिसेप्शन काउंटर भी बनेंगे। यह बातें बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने २६ जुलाई से शुरू हो रहे बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के सुचारु एवं सफल संचालन के लिए बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ विधानसभा में आयोजित बैठक के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान जिन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त नहीं हो सके हैं‚ उनके लिए विभागों से समन्वय स्थापित कर इनका उत्तर प्राप्त किया जाये और इसके लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों को चिह्नित कर इसके सुसंगत कारणों को पता किया जाये। आगामी सत्रों में सभी प्रश्नों के शत–प्रतिशत उत्तर प्राप्त हों‚ इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव‚ बिहार सरकार को निदेशित किया। उन्होंने विधायक आवासन योजना के तहत निर्माणाधीन वैसे ६२ फ्लैट्स‚ जिनमें बहुत ही कम काम रह गये थे‚ उसको यथाशीघ्र पूर्ण कराने तथा विधायकों के आवास की मरम्मत कराने के लिए भवन निर्माण विभाग को भी आदेश दिया। बिहार विधानसभा के प्रवेश द्वारों पर वॉच टावर तथा मुख्य प्रवेश द्वार की तरफ स्वागत कक्ष निर्माण की समीक्षा भी की गयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव को आवास मरम्मत तथा जिन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त नहीं हुए‚ उसकी सूची उपलब्ध कराने पर उनके द्वारा अपने स्तर से इसका अनुश्रवण करने की बात कही गयी। विधायकों तथा पूर्व विधायकों को देय चिकित्सा सुविधा तथा प्रतिपू्त्तित को जल्द ही कैशलेस करने का आश्वासन मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव‚ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया। बैठक के दौरान विस अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा के १७२ सदस्यों ने कोरोना टीका ले लिया है। बिहार विधानसभा के वैसे २१ सदस्य‚ जो बिहार सरकार में मंत्री हैं‚ ने भी कोरोना का टीका ले लिया है। २२ सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अभी टीका नहीं लिया गया है। २५ विधायकों के बारे में सूचना अप्राप्त है। बैठक में बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह‚ बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी‚ संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित बिहार सरकार के मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण‚ एसके सिंघल‚ पुलिस महानिदेशक‚ चैतन्य प्रसाद‚ अपर मुख्य सचिव‚ गृह विभाग‚ प्रत्यय अमृत‚ अपर मुख्य सचिव‚ स्वास्थ्य विभाग सहित कई विभागों के पदाधिकारी एवं चंद्रशेखर सिंह‚ जिलाधिकारी‚ पटना तथा उपेन्द्र शर्मा‚ वरीय पुलिस अधीक्षक‚ पटना सहित भूदेव राय‚ प्रभारी सचिव‚ बिहार विधानसभा उपस्थित थे।