बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. वोटर लिस्ट में अपना नाम बनाए रखने के लिए प्रपत्र भरना अनिवार्य है. इस बीच प्रदेश में सियासी बवाल भी देखने को मिल रहा है. मतदाता पुनरीक्षण को विपक्षी दल साजिश बता रहे हैं. इस बीच शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को महागठबंधन के नेता मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मिलने के लिए पहुंचे.
इन नेताओं में तेजस्वी यादव, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी आदि थे. ये सभी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे.
‘बिहार में मोदी के इशारे पर…’
चुनाव आयोग से मिलने के बाद बिहार कांग्रेस ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर लिखा, “बिहार में मोदी के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा की जा रही वोटबंदी के खिलाफ आज INDIA गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग से मिला और अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान कांग्रेस की ओर से प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल नेता डॉ. शकील अहमद खान और गठबंधन के अन्य घटक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे.”
मतदान का अधिकार छीनने का प्रयास: लालू यादव
इस पूरे मसले पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. लालू ने शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “संघियों ने देश के लोकतंत्र को इस पड़ाव पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां नागरिकों को अपना वोट को बचाने तथा सरकार द्वारा मतदान का अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है. चुनाव आयोग मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिश रच रहा है.”
लालू यादव ने आगे लिखा, “चुनाव आयोग मतदाताओं को हतोत्साहित कर उनका मानसिक, आर्थिक और सामाजिक उत्पीड़न कर रहा है. वोट का सत्यापन करने की बजाय नागरिकता साबित करने को कह रहा है. भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड तक को स्वीकार नहीं कर रहा. इनकी गुंडागर्दी चलने नहीं देंगे.”
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है. विपक्ष के नेता तो इसके खिलाफ आवाज उठा ही रहे हैं और अब एनडीए में शामिल उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को इस मसले पर कहा कि समय कम है, चुनाव आयोग को इसे थोड़ा पहले कर लेना चाहिए था.
हालांकि आरएलएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा, “चुनाव आयोग जो कुछ भी कर रहा है, उस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. अगर मतदाता सूची में रिवीजन किया जा रहा है तो इसमें किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए? मतदाता सूची में रिवीजन होना चाहिए. जो भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, उन पर चुनाव आयोग को खुलकर बात करनी चाहिए.”
दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा ने विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों को लेकर कहा कि एनडीए में एकमत है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. उनके नेतृत्व में हम जीतेंगे और उनके नेतृत्व में बिहार में सरकार बनेगी. कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे कुछ भी कहते हैं.
उधर कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान का कहना है कि इलेक्शन आयोग चोर दरवाजे से बीजेपी को जितवाना चाहता है. खास तौर से जो हमारे दलित समाज है, जिसके पास न जमीन है न कागज है, पलायन कर चुका है, वो कहां से कागज देगा? संवैधानिक अधिकार है जब हम व्यस्क होते हैं तो हम वोटर बन जाते हैं. ये जिस दरवाजे का इस्तेमाल कर रहे हैं वो हम लोग होने नहीं देंगे. 2024 में जिसने वोट दिया है उसको आप छांट दीजिएगा तो क्या होगा. सरकार को समझना चाहिए.