पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर आजकल अमेरिका में हैं। व्हाइट हाउस में उन्होंने ट्रंप के साथ लंच किया। इस लंच के बाद से आसिम मुनीर अब बड़े-बड़े दावे करने लगे हैं। वॉशिंगटन में अमेरिकी थिंक टैंक से जुड़े लोगों से बातचीत के दौरान आसिम मुनीर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में पाकिस्तान फ्रंट लाइन पर रहा है। आसिम मुनीर ने अमेरिकी पूंजी निवेशकों से कहा कि वे पाकिस्तान में Rare Earth Minerals में निवेश करें। खास बात ये है कि आसिम मुनीर ने इज़रायल-ईरान जंग के बारे में एक शब्द नहीं बोला।
पाकिस्तान में जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना फ़ज्लुर्रहमान ने कहा है कि इज़रायल अब तक फिलीस्तीन, लेबनान और ईरान पर हमला कर चुका है। इसके बाद पाकिस्तान के एटमी हथियारों को तबाह करना उसका एजेंडा हो सकता है। मौलाना फ़ज्लुर्रहमान ने ये भी कहा कि जिस तरह कोई भी इस्लामिक मुल्क ईरान की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा, वैसा ही पाकिस्तान के साथ भी हो सकता है। ट्रंप से मुलाकात के बाद आसिम मुनीर अपनी खुद की तारीफ करते नहीं थक रहे। मुनीर ने पाकिस्तानी दूतावास में जिन अमेरिकियों को बुलाया, उन सबको उन्होंने ये नहीं बताया कि ट्रंप से क्या बात हुई।
बस मुनीर इस बात की शेखी बघारते रहे कि कैसे इमरान खान ने अमेरिका के साथ रिश्तों का सत्यानाश कर दिया थ और कैसे मुनीर ने सिर्फ दो घंटे में सब कुछ ठीक कर दिया। मुनीर ये भी बता रहे थे कि उनकी ट्रम्प के साथ अभूतपूर्व one to one मीटिंग हुई, लेकिन मैं आपको बता सकरता हूं कि इस मीटिंग में मुनीर के साथ पाकिस्तान के ISI चीफ आसीम मलिक मौजूद थे। अमेरिका की तरफ से ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो थे। लेकिन सबसे बड़ी बात इस मीटिंग में ट्रंप के मध्यपूर्व मामलों पर सबसे बड़े दूत Steve Witkoff भी थे। जाहिर है, ज्यादा बात विटकॉफ ने की। ज्यादा बात ईरान को लेकर हुई।
ईरान को लेकर पाकिस्तान के स्टैंड को लेकर हुई ट्रंप के वार्ताकार ने आसिम मुनीर को हिदायतें दी, मुनीर ने Yes Sir, Yes Sir कहा। अब अमेरिका ईरान को लेकर जो भी फैसला करेगा, जब भी करेगा, पाकिस्तान उसकी फौज और ISI को लाइन में खड़ा पाएगा। यही आसिम मुनीर के साथ मुलाकात का उद्देश्य था, जिसे ट्रंप ने बड़ी आसानी से हासिल कर लिया।