कल पटना के बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर में भी कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हालांकि देर शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर प्रांगण में पहुंची और जिसे संभालना मुश्किल हो गया। करीब एक लाख के आस-पास बेकाबू भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। भीड़ इतनी बढ़ गई कि गर्मी से लोग बेहोश होने लगे। हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हुई और श्रद्धालु दर्शन करते रहे।
कहां फेल हुआ सिस्टम
शाम के वक्त मंदिर के अंदर और बाहर मिलाकर करीब डेढ़ से दो लाख की संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। इतनी भीड़ को संभालने के लिए उस वक्त पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं थे। मंदिर के दोनों तरफ (कोतवाली और GPO) लगभग 1 किलोमीटर की लंबी लाइन थी। इसके बाद अचानक गेट पर तीन लाइन बन गई। मंदिर परिसर में एक साथ बड़ी संख्या में लोग घुसने का प्रयास करने लगे, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया। पुलिस कर्मियों ने अपनी ओर से व्यवस्था बनाए रखने की पूरी कोशिश की और बाद में फोर्स की संख्या बढ़ाई गई तो हालात नियंत्रित हुए।
इस्कॉन मंदिर में सुरक्षा के क्या थे इंतजाम
जन्माष्टमी के अवसर पर इस्कॉन मंदिर की तरफ से सुरक्षा के इंतजाम में 128 कैमरे परिसर में लगाए गए थे। सभी कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही थी। वहीं ड्रोन की व्यवस्था भी थी जिससे भीड़ पर नजर रखी जा रही थी। इसके साथ ही 4 पुलिस पोस्ट मंदिर के अंदर और 10 मंदिर के बाहर तैनात किए गए थे। ट्रैफिक का भी डायवर्सन किया गया था। इस्कॉन मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों पर गाड़ियों का आवागमन बंद किया गया था। भीड़ को देखते हुए मंदिर के अंदर गाड़ियाें की पार्किंग की परमिशन नहीं दी गई थी।
घटना से बड़ी सीख मिली : इस्कॉन अध्यक्ष
हालांकि इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष कृष्ण कृपा दास ने कहा की मंदिर के अंदर लोगों को लाइन लगाकर जाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाहर के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। इससे हमें सिख मिली है, कि अगली बार से दो से चार किलोमीटर दूर तक जैसे रामनवमी में व्यवस्था की जाती है उसी तरीके से जन्माष्टमी में भी व्यवस्था की जाएगी। बल प्रयोग अनहोनी को रोकने के लिए किया गया। भीड़ बेकाबू हो गया था। लोगों से लाइन में लगने के लिए बोला जा रहा था तो वह लोग लाइन में नहीं लग रहे थे।
पिछले साल की भीड़ के अनुसार की गई थी व्यवस्था
पिछले साल करीब 5 लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे। इस्कॉन की तरफ से पिछले साल के मुताबिक़ ही पुलिस फ़ोर्स की तैनाती की गई थी, लेकिन इस बार पिछले साल के मुक़ाबले अधिक लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे। पिछले साल भी ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया था। इस्कॉन की तरफ से जन्माष्टमी के लिए मॉरीशस, थाइलैंड, कोलकाता और चेन्नई से 250 वॉलेंटियर्स रखा गया था। वहीं, 60 गार्ड और 25 बॉउनसर्स भी मौजूद थे। भगदड़ ना मचे, इसके लिए मॉक ड्रिल हुआ था। मंदिर परिसर में हर तरफ कैमरे लगाए गए थे। आपात स्थिति से बचने के लिए दो एंबुलेंस का इंतजाम किया गया था।
क्या बोले SSP
पटना के SSP राजीव मिश्रा ने बताया कि ‘किसी के घायल होने की सूचना नहीं है और ना ही कोई लाठीचार्ज हुआ है। कई लोग लाइन तोड़कर घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें लाइन में लगाया गया है।
बाद में बढ़ाई गई पुलिसबलों की संख्या
वहीं इस घटना के बाद और अधिक संख्या में पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी। जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि इस्कॉन मंदिर में भगदड़ की कोई घटना नहीं हुई है। कुछ लोग लाइन तोड़कर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें बलपूर्वक रोका गया है। इसके बाद श्रद्धालु शांतिपूर्ण ढंग से पंक्तिबद्ध होकर दर्शन कर रहे हैं। वरीय पदाधिकारी खुद स्थल पर मौजूद है।
जानिए कैसे बड़ी चूक होते-होते बची
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पटना के बांके बिहारी इस्कॉन मंदिर में बड़ी घटना होते-होते बची। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर के अंदर और बाहर मौजूद थे। उसी समय भीड़ बेकाबू हो गई। पुलिस ने जैसे ही बल प्रयोग किया तो मंदिर प्रांगण में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पूरे मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। पुलिस ने समझदारी से काम लेते हुए पहले मुख्य द्वार को बंद किया, उसके बाद श्रद्धालुओं को हटाना शुरू किया। अगर स्थिति काबू में नहीं आती तो भगदड़ में बड़ी घटना हो सकती थी। लगभग 20 मिनट के बाद मंदिर में भीड़ पर काबू पाया गया और स्थिति सामान्य हुई।
कृष्ण जन्माष्टमी की क्या थी तैयारी
इस्कॉन में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर 1 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी। इस बार वृंदावन थीम रखा गया था। भगवान की पोशाक भी वृंदावन और मायापुर से मंगाए गए थे। भजन कीर्तन की मंडली में वृंदावन से आई थी जो देर रात तक भजन कीर्तन करती रही। भगवान श्री कृष्ण का 251 चांदी की कलश से अभिषेक किया गया। वहीं जन्मोत्सव के बाद भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया।