केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट लोकसभा में पेश किया. इस बजट में सबसे ज्यादा अगर किसी को मुनाफा हुआ है तो वह है बिहार और आंध्र प्रदेश. लंबे समय से दोनों राज्य स्पेशल स्टेटस की मांग कर रहे थे, लेकिन मोदी सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं दिया, पर बजट में इन राज्यों को बड़ी सौगाते दे दी हैं. बजट में बिहार को 58,900 करोड़ रुपये का फंड दिए जाने की घोषणा की गई है. इस फंड से वहां नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज, राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा.
वहीं, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष वित्तीय सहायता का ऐलान किया गया है. आंध्र प्रदेश को चमकाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. बजट में इन दोनों राज्यों पर जिस तरह से ध्यान दिया गया है. उससे लगता है कि मोदी सरकार सुशासन बाबू और चंद्रबाबू नायडू को किसी तरह से नाराज नहीं करना चाह रही है. क्योंकि केंद्र में इन्हीं दोनों दलों के समर्थन से NDA की सरकार चल रही है. ऐसे में विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि क्या ये सरकार बचाने की कवायद है?
बजट में बिहार को क्या-क्या मिला?
– बिहार को विभिन्न योजनाओं के तहत 58900 करोड़ रुपये का फंड देने का प्रावधान किया गया है. इनमें से 26 हजार करोड़ रुपये बिहार में सड़कों का जाल बिछाने, 21400 करोड़ रुपये एक पावर प्लांट बनाने और 11500 करोड़ रुपये बाढ़ आपदा नियंत्रण पर खर्च किए जाएंगे.
– यह पावर प्लांट भागलुपर के पीरपैंती में बनाया जाएगा. वहीं बिहार में बाढ़ की समस्या से भारत सरकार नेपाल से बात भी करेगी और उसका समाधान निकालेगी.
– काशी की तर्ज पर बिहार में महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा. गया में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर भी बनाया जाएगा. नालंदा और राजगीर में पर्यटन सुविधा के विकास की घोषणाएं भी कीं.
– वित्त मंत्री ने बिहार में नए एयरपोर्ट्स, मेडिकल कॉलेजों, स्टेडियम, औद्योगिक हब विकसित करने की घोषणाएं भी कीं. इन पर खर्च होने वाली राशि ऊपर दिए गए फंड में शामिल नहीं है.
– पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से राजगीर, वैशाली होते हुए दरभंगा तक तीन एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे. बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का एक पुल बनाया जाएगा.
– अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर केंद्र सरकार बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी. इससे पूर्वी क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी.
– बिहार को कैपिटल इन्वेस्टमेंट के जरिए अतिरिक्त धन दिया जाएगा. मल्टी इन्वेस्टमेंट बैंक के जरिए बिहार को सहायता दिलाने में तेजी लाई जाएगी.
बजट में आंध प्रदेश को क्या-क्या मिला?
बिहार की तरह ही आंध्र प्रदेश के लिए भी सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है. आंध्र प्रदेश की राजधानी के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. साथ ही आंध्र प्रदेश को पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक मदद भी मिलेगी. इससे राज्य के किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा.
अपना हित साधने में जुटा विपक्ष
बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर विपक्ष अपना हित साधने में जुट गया है. कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू अगर अपने-अपने राज्यों के प्रति वफादर हैं तो उनको सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ‘सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को ‘झुनझुना’ थमा दिया. अगर ये दोनों ही मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों के प्रति वफादर हैं, तो उनको चाहिए कि हर हालत में समर्थन वापस लें और सरकार से बाहर आएं.’
‘सिर्फ घोषणाओं से काम नहीं चलता’
वहीं, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, ‘बिहार को स्पेशल पैकेज मिला है, ये इतना कठिन काम है सिर्फ आश्वासन से काम नहीं चलता है. कह तो दिया है, लेकिन कैसे वो देंगे, ये देखने वाली बात होगी, सिर्फ घोषणाओं से काम नहीं होता है.’
‘…राजनीतिक मजबूरियां को समझता हूं’
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘मैं आंध्र प्रदेश और बिहार के अपने गठबंधन सहयोगियों की मांगों को पूरा करने की राजनीतिक मजबूरियों को समझता हूं.’
‘सरकार बचानी है तो अच्छी बात हैं…’
वहीं, इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस के सहयोगी दल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ‘सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है.’
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर INDIA ब्लॉक में कांग्रेस की सहयोगी RJD के नेता मनोझ खासे नजर आए. मुझे अफसोस है कि नीतीश कुमार अपनी मांग से पीछे हट गए हैं, ये उचित नहीं है.
हालांकि, बीजेपी के सांसद बिहार को मिली सौंगातें पर खुश नजर आए. बीजेपी सांसद रवि किशन और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार को सुपर पैकेज का आर्शीवाद मिला है.
क्या सरकार बचाने की कवायद?
सरकार बजट 2024 को देशवासियों के हित में बता रही है. उसका कहना है कि बजट किसान, युवा और गरीब सभी का ध्यान रखा गया है. वहीं विपक्ष ने बजट को खोखला बताया है. बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने वाले नीतीश कुमार प्रदेश को स्पेशल पैकेज मिलने से खुश नजर आए. वहीं आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू भी प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज मिलने से खुश हैं.
ऐसे में समझा जा सकता है कि मोदी सरकार नीतीश और नायडू की किंगमेकर वाली भूमिका को समझते हुए इनकी मांगों के आगे थोड़ी सी तो जरूर झुकी है, जिसे सरकार बचाने की कवायद के रूप में देखा जा सकता है. विपक्ष भी यही कह रहा है.
1. नीतीश कुमार का दबावः बिहार को 58,900 करोड़ रुपए का ऐलान
- बिहार में कई सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे और बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई।
- बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपए की लागत से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
- बाढ़ से निपटने और राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
- बिहार के महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
- हिंदू, जैन और बौद्ध लोगों के तीर्थस्थल माने जाने वाले राजगीर को भी ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर डेवेलप किया जाएगा।
- नालंदा विश्वविद्यालय को टूरिज्म सेंटर की तरह विकसित किया जाएगा।
- बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे।
- बिहार में स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा। गंगा नदी पर दो नए पुल बनाए जाएंगे।
- अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
- निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 5 बार बिहार का जिक्र किया।
BJP को लोकसभा चुनाव में 240 सीटें मिली थीं। वहीं TDP को 16 और JDU को 12 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत के लिए 272 सीटों की जरूरत होती है। इस बेस पर इन पार्टियों के पावर का डिस्ट्रीब्यूशन करें, तो 89% पावर BJP के पास और 5.5-5.5% JDU और TDP के पास है।
सरकार बनाए रखने के लिए दोनों सहयोगी दलों का समर्थन बनाए रखना भी जरूरी है। यही वजह है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर बिहार के लिए 58,900 करोड़ रुपए आवंटित करा लिए।

2. चंद्रबाबू नायडू का दबावः आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ देने का ऐलान
- आंध्र प्रदेश को मदद के लिए 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।
- आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (आंध्र प्रदेश रीऑर्गनाइजेशन एक्ट) के तहत चिंताओं के निवारण में तेजी लाई जाएगी। इसके तहत फंड पानी, बिजली, रेलवे, सड़क जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किया जाएगा।
- आंध्र प्रदेश की पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। आंध्र प्रदेश के पिछड़े इलाकों के लिए भी एक्ट के तहत रकम मुहैया कराई जाएगी।
- निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 5 बार आंध्र प्रदेश का जिक्र किया।

3. कांग्रेस मैनिफेस्टो की झलकः हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, 5 हजार महीना देंगे
- वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि सरकार अगले 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप देगी। इस दौरान उन्हें 5 हजार रुपए हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा। 1 हजार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स अपग्रेड किए जाएंगे। हर साल 25 हजार स्टूडेंट्स को स्किलिंग लोन का फायदा दिया जाएगा। इसके अलावा, स्कीम A के तहत, सरकार सभी फॉर्मल सेक्टर्स में पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को तीन किश्तों में 15 हजार रुपए देगी। इससे अनुमानित 2.1 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।
- स्कीम B के तहत, पहली बार नौकरी पाने वालों को पहले 4 साल तक EPFO (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) के जरिए एम्प्लॉई लिंक्ड इंसेंटिव मिलेगा। यह इन्सेंटिव नौकरी पाने वाले युवाओं और कंपनियों दोनों को मिलेगा। अभी तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रोडक्ट-लिंक्ड स्कीम के तहत प्रोडक्शन बढ़ाने पर सरकार कंपनियों को इंसेंटिव देती है। इससे 30 लाख युवाओं को फायदा होने का अनुमान है।
- स्कीम C के तहत नई नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार EPFO (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड) के जरिए 2 साल तक हर महीने 3000 रुपए देगी। सरकार का कहना है कि इससे 50 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप अधिकार अधिनियम लाने की बात कही थी। घोषणापत्र में ‘पहले नौकरी पक्की गारंटी’ शीर्षक के तहत कहा गया था, ‘कांग्रेस अप्रेंटिस एक्ट 1961 को हटाकर अप्रेंटिसशिप अधिकार अधिनियम लाएगी। यह कानून 25 साल से कम उम्र के हर डिप्लोमाधारक या कॉलेज ग्रेजुएट के लिए प्राइवेट और सरकारी कंपनियों में 1 साल की अप्रेंटिस देगा।
इस कानून के तहत हर प्रशिक्षु को एक लाख रुपए का सालाना मानदेय देने का वादा था, जो नौकरी देने वाली कंपनी और सरकार मिलकर समान रूप से वहन करेंगे। इससे युवाओं को कौशल मिलेगा, रोजगार की क्षमता बढ़ेगी और करोड़ों युवाओं को नौकरी के अवसर मिलेंगे।