प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस और ऑस्ट्रिया के अपने तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं. यात्रा की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि अगले तीन दिनों तक वे रूस और ऑस्ट्रिया में रहने वाले हैं. ये यात्राएं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेंगे. रूस के साथ भारत की पुरानी दोस्ती है. वे यहां पर वाले भारतीय समुदाय के साथ बाचचीत करने को लेकर काफी उत्सुक हैं.
पीएम मोदी के शेड्यूल की बात की जाए तो उनका विमान शाम 5:20 बजे वनुकोवो-II अंतर्राष्ट्रीय लैंड होगा. रात 9:30 बजे से 11:30 बजे तक वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्राइवेट मीटिंग करेंगे. इसके बाद डिनर का आयोजन होगा.
वे मॉस्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच साल 2000 में वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। ये पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन जंग के बाद रूस का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वे 2019 में रूस गए थे। मोदी और व्लादिमिर पुतिन की आखिरी मुलाकात 2022 में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में SCO समिट के दौरान हुई थी। पुतिन 2023 में भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए नहीं आए थे।
मोदी का ये रूस दौरा उस वक्त हो रहा है जब अमेरिका में नाटो समिट शुरू होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर सफाई दी है कि मोदी के रूस दौरे का नाटो समिट से कोई मतलब नहीं है। दरअसल, यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से रूस यूरोप में अलग-थलग पड़ गया। इस बीच उसे चीन और भारत का साथ मिला है।
हालांकि, भारत रूस के मामले में अपना स्टैंड न्यूट्रल रखना चाहता है। इसके बावजूद पूरी दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की मोदी के रूस दौरे पर नजर रहेगी। मोदी आज दोपहर बाद रूस पहुंचेंगे। आज रूस के राष्ट्रपति के साथ उनका प्राइवेट डिनर होगा।
भारत और रूस के बीच बढ़ता व्यापार घाटा अहम मुद्दा
भारत और रूस के बीच यूक्रेन जंग के बाद व्यापार तेजी से बढ़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा भारत के तरफ से खरीदे जा रहे कच्चे तेल का है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 45.4 लाख करोड़ का कच्चा तेल खरीदा था।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच 54 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने रूस को सिर्फ 3.3 लाख करोड़ का निर्यात किया था। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को यात्रा से ठीक पहले बताया था कि दोनों नेता व्यापार में असमानता के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मोदी
2001 में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिनिधिमंडल में नरेंद्र मोदी भी थे. उस समय वे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे.
भारत और रूस के बीच व्यापार को बढ़ाने और उसमें लगने वाली लागत को कम करने के लिए नए ट्रेड रूट पर भी बातचीत हो सकती है। हाल ही में भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया है।
ऐसे में भारत इस पोर्ट के जरिए सेंट्रेल एशिया से होते हुए रूस के साथ नए ट्रेड रूट शुरू करने को लेकर बातचीत कर सकता है। भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है।
भारत ने 2018 में रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की थी। इस डील के तहत अगले 5 सालों में भारत को ये सभी एयर डिफेंस सिस्टम मिलने थे। हालांकि, अभी तक रूस ने सिर्फ 3 ही एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दिए है। अभी भी 2 एस-400 भारत को मिलना बाकी हैं।
इसके पीछे की एक बड़ी वजह यूक्रेन जंग को माना जा रहा है, जिसके चलते एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में देरी हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत कर सकते हैं।

रूस की सरकारी डिफेंस कंपनी रोस्टेक ने पिछले हफ्ते गुरुवार को बताया कि उसने भारत में मैंगो मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए काम शुरू कर दिया है। इस डील के फाइनल होने के बाद भारत की सैन्य ताकत में इजाफा होगा।
दरअसल मैंगो मिसाइल एक तरह के शेल्स यानी गोले होते हैं, जिन्हें टैंक की मदद से फायर किया जाता है। रोस्टेक ने बताया कि वो भारत में बारूद के उत्पादन को लेकर भी प्लान बना रही है।
125 मिमी कैलिबर की टैंक गन से फायर होने वाले ये शेल्स या गोले कवच से लैस टैंकों और आर्मर्ड वाहनों को फाड़कर अंदर घुसने में सक्षम हैं। ये गोले टैंकों की मजबूत बाहरी संरचना को भेद सकते हैं, उनमें प्रवेश कर सकते हैं और फिर फट सकते हैं।
आसान भाषा में कहें तो जब इसे टैंक से फायर किया जाता है तो ये सबसे पहले टारगेट को फाड़कर अंदर घुसता है और उसके बाद ब्लास्ट हो जाता है। ये शेल्स 2000 मीटर की दूरी तक 60 डिग्री के कोण से 230 मिमी के स्टील को भेद सकता है। इसके अलावा सीधे यानी 0 डिग्री पर फायर करने पर ये 520 मिमी के स्टील को फाड़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस और ऑस्ट्रिया के अपने तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं. यात्रा की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि अगले तीन दिनों तक वे रूस और ऑस्ट्रिया में रहने वाले हैं. ये यात्राएं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेंगे. रूस के साथ भारत की पुरानी दोस्ती है. वे यहां पर वाले भारतीय समुदाय के साथ बाचचीत करने को लेकर काफी उत्सुक हैं.
पीएम मोदी के शेड्यूल की बात की जाए तो उनका विमान शाम 5:20 बजे वनुकोवो-II अंतर्राष्ट्रीय लैंड होगा. रात 9:30 बजे से 11:30 बजे तक वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्राइवेट मीटिंग करेंगे. इसके बाद डिनर का आयोजन होगा.
वे मॉस्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच साल 2000 में वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। ये पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन जंग के बाद रूस का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वे 2019 में रूस गए थे। मोदी और व्लादिमिर पुतिन की आखिरी मुलाकात 2022 में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में SCO समिट के दौरान हुई थी। पुतिन 2023 में भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए नहीं आए थे।
मोदी का ये रूस दौरा उस वक्त हो रहा है जब अमेरिका में नाटो समिट शुरू होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर सफाई दी है कि मोदी के रूस दौरे का नाटो समिट से कोई मतलब नहीं है। दरअसल, यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से रूस यूरोप में अलग-थलग पड़ गया। इस बीच उसे चीन और भारत का साथ मिला है।
हालांकि, भारत रूस के मामले में अपना स्टैंड न्यूट्रल रखना चाहता है। इसके बावजूद पूरी दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की मोदी के रूस दौरे पर नजर रहेगी। मोदी आज दोपहर बाद रूस पहुंचेंगे। आज रूस के राष्ट्रपति के साथ उनका प्राइवेट डिनर होगा।
भारत और रूस के बीच बढ़ता व्यापार घाटा अहम मुद्दा
भारत और रूस के बीच यूक्रेन जंग के बाद व्यापार तेजी से बढ़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा भारत के तरफ से खरीदे जा रहे कच्चे तेल का है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 45.4 लाख करोड़ का कच्चा तेल खरीदा था।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच 54 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने रूस को सिर्फ 3.3 लाख करोड़ का निर्यात किया था। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को यात्रा से ठीक पहले बताया था कि दोनों नेता व्यापार में असमानता के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मोदी
2001 में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिनिधिमंडल में नरेंद्र मोदी भी थे. उस समय वे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे.
भारत और रूस के बीच व्यापार को बढ़ाने और उसमें लगने वाली लागत को कम करने के लिए नए ट्रेड रूट पर भी बातचीत हो सकती है। हाल ही में भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया है।
ऐसे में भारत इस पोर्ट के जरिए सेंट्रेल एशिया से होते हुए रूस के साथ नए ट्रेड रूट शुरू करने को लेकर बातचीत कर सकता है। भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है।
भारत ने 2018 में रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए डील की थी। इस डील के तहत अगले 5 सालों में भारत को ये सभी एयर डिफेंस सिस्टम मिलने थे। हालांकि, अभी तक रूस ने सिर्फ 3 ही एयर डिफेंस सिस्टम भारत को दिए है। अभी भी 2 एस-400 भारत को मिलना बाकी हैं।
इसके पीछे की एक बड़ी वजह यूक्रेन जंग को माना जा रहा है, जिसके चलते एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में देरी हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत कर सकते हैं।

रूस की सरकारी डिफेंस कंपनी रोस्टेक ने पिछले हफ्ते गुरुवार को बताया कि उसने भारत में मैंगो मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए काम शुरू कर दिया है। इस डील के फाइनल होने के बाद भारत की सैन्य ताकत में इजाफा होगा।
दरअसल मैंगो मिसाइल एक तरह के शेल्स यानी गोले होते हैं, जिन्हें टैंक की मदद से फायर किया जाता है। रोस्टेक ने बताया कि वो भारत में बारूद के उत्पादन को लेकर भी प्लान बना रही है।
125 मिमी कैलिबर की टैंक गन से फायर होने वाले ये शेल्स या गोले कवच से लैस टैंकों और आर्मर्ड वाहनों को फाड़कर अंदर घुसने में सक्षम हैं। ये गोले टैंकों की मजबूत बाहरी संरचना को भेद सकते हैं, उनमें प्रवेश कर सकते हैं और फिर फट सकते हैं।
आसान भाषा में कहें तो जब इसे टैंक से फायर किया जाता है तो ये सबसे पहले टारगेट को फाड़कर अंदर घुसता है और उसके बाद ब्लास्ट हो जाता है। ये शेल्स 2000 मीटर की दूरी तक 60 डिग्री के कोण से 230 मिमी के स्टील को भेद सकता है। इसके अलावा सीधे यानी 0 डिग्री पर फायर करने पर ये 520 मिमी के स्टील को फाड़ सकता है।