कांग्रेस नेता राहुल गांधी, वाइस चांसलर्स की नियुक्ति पर दिये गए बयान पर घिरते नजर आ रहे हैं. देश के लगभग 200 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इन्होंने साझा बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपों की निंदा की है. राहुल गांधी ने कहा था कि वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रख कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है.
राहुल के दावों को खारिज किया
शिक्षाविदों ने एक खुले पत्र में कहा कि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के बजाय केवल किसी संगठन से संबद्धता के आधार पर की जाती है। उन्होंने पत्र में राहुल के दावों को खारिज किया है। उन्होंने दावा किया कि कुलपतियों के चयन की प्रक्रिया सख्त और पारदर्शी है तथा इसमें योग्यता, विद्वत विशिष्टता और निष्ठा के मूल्य समाहित हैं।
कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने साझा बयान में इस आरोप का खंडन किया और कहा कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है.
साझा बयान में 180 वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों के हस्ताक्षर भी हैं. दस्तखत करने वालों में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, एनसीआईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एआईसीटीई, यूजीसी आदि के प्रमुख भी शामिल हैं.