प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय भूटान यात्रा रद्द कर दी गई है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार (20 मार्च) को कहा कि खराब मौसम के कारण पीएम की यात्रा को स्थगित किया गया है। अब दोनों देश इस यात्रा के लिए नई तारीखों पर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी 21 मार्च को पड़ोसी देश भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर जाने वाले थे।
विदेश मंत्रालय के जारी बयान के मुताबिक, “भूटान के पारो एयरपोर्ट पर मौसम की स्थिति खराब होने के चलते 21-22 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री मोदी की भूटान की राजकीय यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। नई तारीखों के लिए दोनों पक्ष राजनयिक चैनलों के माध्यम से काम कर रहे हैं।”
भूटान पीएम 5 दिन की भारत यात्रा पर आए थे
भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे हाल ही में भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर थे। जनवरी 2024 में पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। अपनी यात्रा के दौरान टोबगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी से मुलाकात की थी। साथ ही कई कार्यक्रमों के शामिल हुए थे। टोबगे ने कई इंडस्ट्री के प्रमुखों के साथ बैठक भी की थी।
14 मार्च को पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान तोगबे से उन्हें भूटान यात्रा के लिए आमंत्रित किया था, जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार किया था। 21 और 22 मार्च को पीएम मोदी को भूटान यात्रा पर जाना था।
भूटान का सबसे बड़ा सहयोगी देश है भारत
ऐतिहासिक तौर पर भूटान हमेशा भारत के करीब रहा है, हालांकि उसकी फॉरेन पॉलिसी में भारत ने कभी दखलंदाजी नहीं की। 8 लाख की आबादी वाले भूटान की गुट निरपेक्ष नीति है। उसके अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस से राजनयिक संबंध नहीं हैं। 1949 में भारत-भूटान में विदेश नीति, व्यापार व सुरक्षा को लेकर संधि हुई थी। 2007 में विदेश नीति का प्रावधान हटा दिया गया। भारत अब भूटान का सबसे बड़ा राजनयिक और आर्थिक साथी है।
दो क्षेत्रों को लेकर भूटान-चीन सीमा विवाद
भूटान की 600 किमी सीमा चीन से लगती है। दो इलाकों को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। पहला- 269 वर्ग किमी क्षेत्रफल का डोकलाम इलाका और दूसरा- उत्तर भूटान में 495 वर्ग किमी का जकारलुंग और पासमलुंग घाटी का क्षेत्र। सबसे गंभीर मामला डोकलाम का है, जहां चीन, भारत और भूटान तीनों देशों की सीमाएं लगती हैं। अक्टूबर 2021 में चीन और भूटान ने ‘थ्री-स्टेप रोडमैप’ के समझौते पर दस्तखत किए थे।