चुनाव आयोग में इस समय दो चुनाव आयुक्तों (ECs) के पद खाली हैं। इन्हें भरे जाने को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले पैनल की आज बैठक होगी। नियम के मुताबिक चुनाव, आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं।
एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे। दूसरे अरुण गोयल ने 8 मार्च की सुबह अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 मार्च को स्वीकार कर लिया। लिहाजा 3 सदस्यीय चुनाव आयोग में इस वक्त सिर्फ CEC राजीव कुमार ही हैं।
दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए आज (14 मार्च 2024) दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति बैठक करेगी. यह मीटिंग दोपहर करीब 12 बजे से शुरू होगी. चयन समिति दो नामों का चयन करने के बाद इन्हें राष्ट्रपति के पास भेजेगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चयन समिति की सिफारिश के आधार पर चुनाव आयोग (ईसीआई) के दो नए आयुक्तों की नियुक्ति करेंगी
सूत्रों की मानें तो बुधवार (13 मार्च) शाम केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अगुवाई में एक सर्च समिति ने बैठक की. इसमें पांच उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया गया. हालांकि चयन समिति चाहे तो पैनल में शामिल उम्मीदवारों से अलग भी किसी के नाम का ऐलान चुनाव आयुक्त के रूप में कर सकती है.
अभी दो पद हैं खाली
चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्त के अलावा एक मुख्य चुनाव आयुक्त होते हैं. दरअसल, 14 फरवरी को अनूप चंद्र पांडे चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर्ड हुए थे. ऐसे में एक पद खाली था. इधर अरुण गोयल ने भी 9 मार्च को चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के दोनों ही पद खाली हैं. अभी मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार चुनाव आयोग के एकमात्र सदस्य रह गए हैं.
पहले ऐसे होती थी नियुक्ति
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयक्तों की नियुक्ति को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार नया कानून बना चुकी है. इसके तहत अब पीएम की अध्यक्षता वाली चयन समिति ही इनका चयन करेगी. इस समिति में पीएम के अलावा एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता होंगे. बात अगर पुराने नियम की तरें तो तब चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की सिफारिश राष्ट्रपति की ओर से की जाती थी.
1989 में पहली बार नियुक्त हुए थे दो आयुक्त
पहले चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त होते थे, लेकिन बाद में इनकी संख्या दो की गई. 16 अक्टूबर 1989 को सबसे पहले दो अतिरिक्त आयुक्तों की नियुक्ति हुई थी. इनका कार्यकाल एक जनवरी 1990 तक चला. बाद में एक अक्टूबर 1993 को दो अतिरिक्त चुनाव आयुक्त की नियुक्ति हुई.