पिछले कुछ सालों में दर्जनों कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया, जिनमें कई पूर्व मंत्री, केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। ये सिलसिला अभी भी जारी है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने की खबरें सियासी गलियारों में गूंज रही है। एमपी में कमलनाथ को लेकर चर्चाएं हैं तो राजस्थान के कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के भी बीजेपी में जाने की अटकलें बनी हुई है। आखिर एक के बाद एक कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं। इसके पीछे कोई राजनैतिक स्वार्थ है या कोई डर? इसका जवाब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने दिया है।
जो कांग्रेस छोड़ रहे, वे ईडी सीबीआई से डर रहे: चौधरी
NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कांग्रेस छोड़कर जाने के पीछे कुछ कारण गिनाए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार जयपुर आए वरुण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के जो भी नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। वे ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग से डरे हुए हैं। केंद्र के इशारे पर ये तीनों एजेंसियां कांग्रेसी नेताओं पर दबाव बना रही है। पिछले 10 सालों में इन एजेंसियों की ओर से जितनी भी कार्रवाई की गई है। उनमें से अधिकतर कार्रवाइयां कांग्रेसी नेताओं को निशाना बनाते हुए की गई है। नेताओं को जेल भेजने का डर दिखाया जाता है। साजिश के तहत षड़यंत्र रचकर नेताओं को परेशान किया जा रहा है।
व्यापारी वर्ग भी डरा लेकिन किसान निडर: चौधरी
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी का कहना है कि देश के बड़े पूंजीपति और व्यापारी वर्ग भी केंद्रीय जांच एजेंसियों से डरे हुए हैं। इलेक्ट्रोल बॉन्ड के जरिए जबरन चंदा लिया जाता है। डर के मारे अधिकतर व्यापारी भी मजबूरन भाजपा में शामिल हो रहे हैं। बीजेपी में शामिल होने वाला कोई भी नेता या व्यापारी दिल से बीजेपी के साथ नहीं है। चौधरी का कहना है कि किसान वर्ग निडर है। किसान बीजेपी के आगे झुक नहीं रहे हैं, तभी तो वे कांग्रेस के साथ खड़े हैं। बता दें, राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी भी एनएसयूआई में शामिल हुए हैं।
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज भी भाजपा में जा रहे
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल होने वाले हैं। मौजूदा कांग्रेसी विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय तो खुलकर कांग्रेस पर आरोप भी लगा चुके हैं। उधर पूर्व में कैबिनेट मंत्री रहे लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना, राजेंद्र यादव, नानालाल निनामा, रिछपाल मिर्धा के सहित कुछ और नेताओं के नाम भी इन दिनों चर्चाओं में है। सोमवार 19 फरवरी को ये नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।