संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार है। BAPS द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर बेहद भव्य और विराट है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश से बाहर एक बार फिर बड़े हिंदू मंदिर का पीएम मोदी उद्घाटन कर रहे हैं। इसके लिए पीएम मोदी मंगलवार दोपहर दो दिन के दौरे पर अबू धाबी पहुंचे। यहां उनका ग्रैंड वेलकम किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान गले मिले। अबू मुरीखा क्षेत्र में स्थित यह हिंदू मंदिर 700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना है।
पीएम मोदी की खाड़ी देश की दो दिवसीय यात्रा का केंद्र बिंदु बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन है, जो संयुक्त अरब अमीरात में दूसरा और अबू धाबी का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण वर्ष 2019 में शुरू हुआ था, जिसके लिए संयुक्त अरब अमीरात ने दान में जमीन दी है. इस मंदिर में गंगा और यमुना का पवित्र जल, राजस्थान का गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. इस मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है, जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है.
यूएई में आज क्या-क्या है कार्यक्रम
सुबह 8:00 बजे – सेंट रेजिस होटल में भारतीय विदेश सचिव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
10:30-11:20 बजे – दुबई के अमीर के साथ पीएम मोदी बातचीत करेंगे.
11:25 बजे – पीएम मोदी इंडिया मार्ट का शुभारंभ करेंगे.
11:40 -12:10 बजे – मेडागास्कर के साथ पीएम की द्विपक्षीय वार्ता होगी.
12:20-1240 बजे – विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संबोधन.
16:30 – 19:30 बजे – बीएपीएस मंदिर का पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे.
20:05 बजे – पीएम मोदी दोहा के लिए रवाना होंगे.
20:30 बजे (दोहा टाइम) – पीएम मोदी दोहा पहुंचेंगे.
21:45 – 22:45 बजे (दोहा टाइम) – कतर के प्रधानमंत्री के साथ पीएम मोदी की बैठक होगी.
अबू धाबी BAPS हिन्दू मंदिर में संगमरमर की खूबसूरत नक्काशी
दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर पर बेहतरीन नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है. मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से अच्छी-खासी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर अबू धाबी लाया गया है.
‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में 40 हजार से ज्यादा लोग हुए शामिल, भारतीय विदेश सचिव ने दी जानकारी
अबू धाबी में भारतीय विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम को लेकर कहा, ‘(मंगलवार) शाम को प्रधानमंत्री ने जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. 40,000 से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, और अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति को द्विपक्षीय संबंधों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, भारतीय समुदाय को उनके समर्थन और बीएपीएस मंदिर के निर्माण के लिए भूमि देने के लिए धन्यवाद दिया, जिसका उद्घाटन हम दोपहर बार होगा.’
मंदिर के लिए राजस्थान के बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय समय के मुताबिक, आज शाम 6 बजे से 9 बजे तक के कार्यक्रम में PM मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे। अबू धाबी में इस BAPS मंदिर की नींव खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी। मंदिर के लिए राजस्थान के बलुआ पत्थर और इटालियन मार्बल स्टोन का इस्तेमाल हुआ है। इन पर नक्काशी भी भारत में की गई। मंदिर में देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें हैं।
अबू धाबी के हिन्दू मंदिर में लगा 2 लाख क्यूबिक फुट ‘पवित्र’ पत्थर
मंदिर स्थल पर खरीद और सामान की देखरेख करने वाले विशाल ब्रह्मभट्ट ने बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए 700 से अधिक कंटेनर में दो लाख क्यूबिक फुट से अधिक ‘पवित्र’ पत्थर लाया गया है. उन्होंने कहा, ‘गुलाबी बलुआ पत्थर भारत से लाया गया है. पत्थर पर नक्काशी वहां के मूर्तिकारों ने की है और इसे यहां के श्रमिकों ने लगाया है. इसके बाद कलाकारों ने यहां डिजाइन को अंतिम रूप दिया है.’ वहीं जिन लकड़ी के बक्सों और कंटेनर में पत्थरों को अबू धाबी लाया गया है, उनका मंदिर में फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल किया गया है.
700 करोड़ की लागत, 108 फीट ऊंचाई… अबू धाबी में बन रहा पहला हिंदू मंदिर, जानें सारी खासियत

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अबू धाबी के ठीक बाहर एक वास्तुशिल्प आश्चर्य का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन नहीं, यह कोई अन्य इमारत या रेस कार क्षेत्र नहीं है और न ही यह ऐसा कुछ है जिसका निर्माण पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया जा रहा है. यह वास्तव में बीएपीएस हिंदू मंदिर है, जिसका उद्घाटन होने पर रेगिस्तानी देश में लाखों श्रद्धालु आकर्षित होंगे.

यह इस क्षेत्र का पहला पत्थर से बना हिंदू मंदिर होगा और पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा होगा. इसका निर्माण 700 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है और इसमें जटिल डिजाइन वाले गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर के अग्रभाग के साथ सात शिखर शामिल होंगे जो देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं.

BAPS हिंदू मंदिर निर्माण में एक सच्चा वास्तुशिल्प चमत्कार है. आइए इस विस्मयकारी परियोजना के 10 आकर्षक विवरण देखें जो सीमाओं को पार करता है और संयुक्त अरब अमीरात के केंद्र में एकता, आध्यात्मिकता और समुदाय का जश्न मनाता है.

मंदिर के लिए 40,000 घन मीटर संगमरमर, 1,80,000 घन मीटर स्टैंडस्टोन और 1.8 मिलियन से अधिक ईंटों की आवश्यकता होगी. अब तक 4 लाख घंटे की मेहनत की जा चुकी है और मंदिर परिसर के पूरा होने तक कई घंटे और श्रम करना बाकी है.

संयुक्त अरब अमीरात में पहले पत्थर वाले हिंदू मंदिर के रूप में, BAPS मंदिर क्षेत्र में विविध समुदायों के सांस्कृतिक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त कर रहा है. पूरा होने पर, विशाल मंदिर परिसर 108 फीट की ऊंचाई पर खड़ा होगा.

पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होने की कल्पना करते हुए, मंदिर का पैमाना और भव्यता इसे क्षेत्र के स्थापत्य और सांस्कृतिक इतिहास में एक मील का पत्थर के रूप में अलग करती है.

मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरणा लेता है. कई मूर्तियां और नक्काशी भारत के कारीगरों द्वारा बनाई गई हैं और अबू धाबी भेज दी गई हैं.

साल 2015 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान, अबू धाबी ने दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर मंदिर परियोजना के लिए 17 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित की गई थी. मंदिर की आधारशिला साल 2017 में पीएम मोदी ने रखी थी. भारत में कुशल कारीगर मंदिर के लिए नक्काशी और मूर्तियां तैयार कर रहे हैं, जो इस वास्तुशिल्प उत्कृष्ट कृति के निर्माण में वैश्विक सहयोग को उजागर करता है.

मंदिर के निर्माण में 50,000 से अधिक लोगों ने ईंटें रखी हैं, इनमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अभिनेता संजय दत्त और अक्षय कुमार भी शामिल हैं. दिल्ली में प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर और भारत के बाहर न्यू जर्सी में सबसे बड़े हिंदू मंदिर सहित दुनिया भर में 1,100 हिंदू मंदिरों के निर्माण की विरासत के साथ, BAPS एक वैश्विक सांस्कृतिक राजदूत बना हुआ है.

अपने धार्मिक कार्यों से परे, मंदिर परिसर में कक्षाएं, प्रदर्शनी केंद्र और बच्चों के लिए खेल के मैदान होंगे, जो एक बहुआयामी सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण करेंगे. 700 करोड़ रुपये के मंदिर के निर्माण के लिए कई लोगों ने दान दिया है, जबकि कई व्यक्तियों ने निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान दिया है, ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित BAPS हिंदू मंदिर का हिस्सा बनने के लिए प्रतीकात्मक रूप से एक ईंट रखी है.