भारत और मालदीव में जारी तनाव के बीच चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन लगातार आग में घी डालने का काम कर रहा है. अब चीन के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने भारत को लेकर लिखा है कि अहंकारी देश दूसरों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वो गुलाम हो. इससे पहले चीन ने भारत का नाम नहीं लेते हुए कहा है कि अगर किसी देश ने मालदीव के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो वह इसका विरोध करेगा.
मालदीव के साथ भारत का राजनयिक विवाद चल रहा है. मालदीव भारत का पारंपरिक सहयोगी और दोस्त रहा है लेकिन मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनते ही सारा गणित बदल गया है. चीन समर्थक मुइज्जू चीन के दौरे पर हैं जिसे लेकर ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित की है और भारत को नसीहत दी है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिवसीय यात्रा के सिलसिले में चीन में हैं जहां गुरुवार को उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई. चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ‘इंडिया आउट’ की नीति लेकर सत्ता में आए और परंपरा से उलट उन्होंने पद ग्रहण करने के बाद भारत आने के बजाए चीन जाना चुना. मुइज्जू की चीन यात्रा की चर्चा भारत में खूब हो रही है जिसे लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक प्रोपेगैंडा से भरपूर और कटाक्ष भरी रिपोर्ट छापी है. ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि क्षेत्रीय सहयोग को भारत अपने नुकसान के रूप में देख रहा है जो कि उसके हित में नहीं है.
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की इस सप्ताह चल रही चीन की राजकीय यात्रा अंतरराष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गया है, खासकर भारतीय जनता के बीच.’
मुइज्जू ने अपने चीन दौरे में कहा कि उनका इरादा चीन के साथ आर्थिक, व्यापार, पर्यटन, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है. इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की तारीफ की और कहा कि मालदीव BRI के तहत चीन के साथ अपने सहयोग को बढ़ाना चाहता है. मंगलवार को मुइज्जू ने यह भी कहा कि चीन उनके देश के सबसे करीबी विकास साझेदारों में से एक है.
मुइज्जू की यह यात्रा भारत के साथ राजनीतिक विवाद के बीच हो रही है जिसमें मुइज्जू सरकार ने तीन उप मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. पीएम मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिस पर मालदीव की एक मंत्री ने इजरायल से जोड़ते हुए पीएम मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की.
एक नेता ने कहा कि लक्षद्वीप कभी भी मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता क्योंकि भारतीयों के घरों से बदबू आती है. इन टिप्पणियों से भारी विवाद हुआ जिसके बाद मालदीव की सरकार ने खुद को इससे अलग करते हुए टिप्पणी करने वाले नेताओं को निलंबित कर दिया.
मुइज्जू के चीन दौरे की कवरेज पर ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणी
इस विवाद के बीच मुइज्जू के चीन दौरे की भारतीय मीडिया में जो कवरेज चल रही है, उस पर टिप्पणी करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘चीन के साथ मालदीव के राजनयिक और आर्थिक आदान-प्रदान को लेकर इस तरह की झुंझलाहट मालदीव को लेकर भारतीय जनता के बीच छिपे अहंकार को दर्शाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत हमेशा दक्षिण एशिया के क्षेत्र को खुद से पिछड़ा मानता है. मालदीव और श्रीलंका जैसे देश कमोबेश भारत से राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से प्रभावित भी हैं.’
ग्लोबल टाइम्स आगे लिखता है, ‘दूसरे देशों के साथ ऐसा व्यवहार करना मानो वे भारत के अधीन हों, एक विकृत मानसिकता है. दूसरे देशों के साथ मालदीव के सहयोग और कूटनीति में भारत के भू-राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का कोई कारण नहीं है. यह भारत का आंतरिक मामला नहीं है. एक स्वतंत्र संप्रभु देश के रूप में, मालदीव को अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, अन्य देशों के साथ सहयोग करने का अधिकार है, खासकर उन देशों के साथ जो अधिक आर्थिक विकास के अवसर प्रदान कर सकते हैं, और चीन स्पष्ट रूप से अच्छे विकल्पों में से एक है.’
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि मालदीव और चीन का द्विपक्षीय रिश्ता अर्थव्यवस्था, व्यापार और बुनियादी ढांचे के निर्माण, आपसी सम्मान, आपसी विश्वास और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित रहा है.
मालदीव का चीन के साथ सहयोग भारत के साथ धोखा नहीं
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि मालदीव की अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने, पर्यटन या अन्य उद्योगों को बढ़ावा देने और अपने जीवन स्तर को बढ़ाने की इच्छा किसी के साथ धोखा नहीं है, बल्कि एक तथ्य है जिसका पूरी तरह से सम्मान किया जाना चाहिए. चीन के साथ किसी विशिष्ट तरह का सहयोग नहीं है और इसका भारत के साथ संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट के अंत में भारत को सलाह भी दे डाली है, चीनी अखबार लिखा है कि भारत को चीन के साथ क्षेत्रीय देशों के सहयोग के बारे में अधिक खुले विचार रखने चाहिए.
भारत से विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के दौरे पर हैं। इस दौरान बुधवार को उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में मुइज्जू का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मालदीव को अपना पुराना साथी बताया है।
उन्होंने कहा कि मालदीव-चीन के पास ये मौका है कि वो अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को भविष्य में और आगे बढ़ाएं। शी जिनपिंग से बातचीत के दौरान मुइज्जू ने कहा कि चीन ने मालदीव की आर्थिक सफलता में जो सहयोग किया है उसके लिए वो आभारी हैं।
चीन की सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा कि चीन मालदीव के राष्ट्रीय हित में किए जा रहे विकास के एजेंडे में उनकी मदद करेगा। मालदीव की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा की रक्षा करने में चीन उनके साथ खड़ा है।

चीन-मालदीव में टूरिज्म समेत 20 अहम समझौते हुए
भारत से विवाद के बीच मालदीव-चीन में पर्यटन सहयोग सहित 20 अहम समझौते हुए हैं। शी जिनपिंग ने कहा है कि वो मालदीव में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच डायरेक्ट उड़ने वाली फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाएंगे। मुइज्जू ने कहा कि वे चीन में अपने पहले आधिकारिक दौरे को लेकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्हें खुशी है कि वो चीन के लिए इस साल के पहले विदेशी मेहमान हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि मालदीव सरकार और चीन सरकार के बीच 20 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और ये दोनों राष्ट्रपतियों की मौजूदगी में हुआ। दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में टूरिज़्म कोऑपरेशन, ब्लू इकॉनमी, आपदा प्रबंधन, शामिल है।
BRI के जरिए मालदीव में तेजी से इंफ्रास्ट्रकचर का निर्माण करेगा चीन
चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जरिए मालदीव में इंफ्रास्ट्रकचर के निर्माण में तेजी लाएगा। इनमें आवास परियोजना, फिशरी उत्पादों के कारखाने बनाना, माले और विलीमाले में सड़क विकास परियोजनाओं का विकास करना शामिल है।
वहीं, मुइज्जू के इस दौरे के बाद दोनों देशों के संबंध कोम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक कोआपरेटिव पार्टनरशिप तक पहुंच गए हैं। ये दो देशों के बीच तीसरे लेवल की सबसे बड़ी साझेदारी मानी जाती है। किसी भी देश के साथ इस साझेदारी से चीन ये दिखाता है कि वो देश उनके रणनीतिक रूप से कितना अहम है।
राष्ट्रपति मुइज्जू बोले- मालदीव में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक भेजे चीन
दूसरी तरफ पांच दिन की ऑफिशियल विजिट पर चीन गए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने मंगलवार को चीन से अपने पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की अपील की। मुइज्जू ने कहा- चीन हमारा खास सहयोगी और डेपलपमेंट पार्टनर है। हम चाहते हैं कि यहां के ज्यादा टूरिस्ट मालदीव आएं। दोनों देशों के बीच हिंद महासागर में टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 50 मिलियन डॉलर के समझौते भी हुए।
कैसे शुरू हुआ भारत-मालदीव विवाद
- मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया।
- मुइज्जू ने सत्ता में आने के बाद भारत के सैनिकों को निकाल लेने के आदेश दिए।
- भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की।
- मालदीव के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
विवाद के बाद मंत्री सस्पेंड

मालदीव में चीन के निवेश पर नजर
मालदीव पर चीन का 1.37 बिलियन डॉलर यानी 11 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। जो मालदीव के कुल कर्ज का 20% है। चीन के बाद मालदीव को कर्ज देने वालों में दूसरे नंबर पर सऊदी अरब और तीसरे नंबर पर भारत है।
मालदीव के 2014 में BRI में शामिल होने के बाद वहां चीनी कंपनियों का निवेश बढ़कर 1.37 बिलियन डॉलर हो चुका है।
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