तारीख-26 जुलाई 2023.. राहुल गांधी से बातचीत के बाद सीएम नीतीश कुमार से जब कैबिनेट विस्तार को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आगे बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि इस सवाल का यही जवाब देंगे। इस बात को भी 4 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है, लेकिन अभी तक बिहार कैबिनेट में खाली पदों को नहीं भरा गया।
इसे लेकर दैनिक भास्कर ने कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से कैबिनेट विस्तार को लेकर खास बातचीत की। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का गठबंधन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ है। कांग्रेस और लेफ्ट ने राजद के साथ मिलकर जेडीयू के साथ गठबंधन किया और बिहार में सरकार बनाई है।
शकील अहमद ने कहा कि कैबिनेट को लेकर राजद के शीर्ष नेतृत्व के साथ जब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व (राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे) की पहली बैठक हुई थी उसमें कैबिनेट पद को लेकर बात हुई थी। उसमें इस बात (कांग्रेस कोटे से 4 मंत्री रहेंगे) को मान लिया गया था। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। इसके बाद हम लोगों को इसकी जानकारी दी गई थी।
क्या जेडीयू आपके राह में रोड़ा बन रही है?
नही, मैं जेडीयू को क्यों दोष दूं? राजद को पहले अपने दिल का विस्तार करना होगा। इसके बाद कैबिनेट का भी विस्तार करें। राजद के साथ कांग्रेस और लेफ्ट का कोटा है। इन तीन ने मिलकर जेडीयू को माना है।
राजद ने जब वादा किया है तो वादा निभाना चाहिए। हम अपने हक को मांग रहे हैं। इतनी देरी क्यों हुई? जब आप सद्भावना की बात करते हैं। आप रिफ्लेक्शन की बात करते हैं तो सद्भावना चारों तरफ रहनी चाहिए। नहीं रहती है तो तकलीफ होती है।
इसके बाद भी आप लोगों का मामला कहां अटक रहा है?
वादा क्यों नहीं निभाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी को कैबिनेट पद देने में क्यों दिक्कत हो रही है? राजद को देनी है। सरकार को शपथ दिलवानी है। ये पूरी तरह क्लियर है। इसमें कहां कोई परेशानी है।
लोकसभा चुनाव में बिहार में कांग्रेस कितने सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है ?
इंडिया गठबंधन के लिए हर तरह की कमेटियां बनी हुई है। सीट शेयरिंग की भी कमेटियां बनी है। मेरे जैसा व्यक्ति उसी बात पर रहे। इंडिया गठबंधन चले। एक-दूसरे के सम्मानजनक व्यवहार हो। सम्मानजनक आचरण हो। हम ऐसी मनोकामना करते हैं।
कांग्रेस की विधायक नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बनाने की मांग कर रही हैं। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?
कांग्रेस पार्टी बहुत ही स्ट्रक्चर्ड पार्टी है। इसका सारा फैसला सामूहिक होता है। इंडिया गठबंधन के फैसले भी सामूहिक होंगे। इसमें कोई दो शक नहीं है कि गठबंधन को बनाने में नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका है, लेकिन ये पहला एक्सपीरिएंस तो नहीं है। पहले भी गठबंधन होते रहे हैं। हमारा गठबंधन कई राज्यों में रहा है। इसमें व्यक्तियों की राय कोई मायने नहीं रखती है। कांग्रेस की सामूहिक राय को ही सभी मानते हैं।
क्या कांग्रेस अपनी इस विधायक के खिलाफ कार्रवाई करेगी?
नहीं.. हर बात पर एक्शन नहीं लिया जाता है। कांग्रेस में इतना लोकतंत्र तो है कि हर कोई अपनी बात रख सके। रहनी भी चाहिए। इस सिलसिले में कोई भी फैसला इंडिया गठबंधन के प्लेटफॉर्म पर ही लिया जाएगा।
सहयोगी पार्टियां आरोप लगा रही है कि सहयोगी दलों का साथ नहीं लिया, इसलिए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार हुई है।
इंडिया गठबंधन में 26 पार्टियां हैं। क्या 26 पार्टियों को एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ले जाना चाहिए। वहां इनके कैंडिडेट उतारने चाहिए। ये संभव नहीं था। हम लोग पूरी मजबूती से चुनाव लड़े। कांग्रेस पार्टी के सामने भाजपा वैचारिक तौर पर एक चैलेंज है। कुछ लोगों के लिए भाजपा चैलेंज नहीं होगा।
तेलंगाना के सीएम कैंडिडेट ने बिहार के डीएनए में दोष बताया है। इसे कैसे देखते हैं?
अभी पूरा बयान नहीं देखा हूं। इसे देखूंगा। क्या सवाल है और क्या जवाब है, इसे देखा जाएगा। मैं ऐसा कभी नहीं चाहूंगा कि बिहार का कोई उपहास या मजाक बनाए। भाजपा ने भी डीएनए की बात कही थी। बयान कोई भी दे ये सही नहीं है।
क्या आप कांग्रेस नेतृत्व से इसकी शिकायत करेंगे?
हमारे ऊपर भी नेता हैं। वो इस संबंध में नेतृत्व से बात कर लिए होंगे। पब्लिक लाइफ में रहने वाले व्यक्ति को संभल कर अपना बयान देना चाहिए। एक देश में व्यक्ति किसी भी राज्य में आ-जा सकती है।