केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महीनों बाद एक दूसरे के आमने-सामने होंगे. दरअसल पटना में 10 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक बैठक होने वाली है. इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत चार राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. बैठक में बिहार समेत पूर्वी राज्यों के विकास पर मंथन किया जाएगा.
केंद्र सरकार के निर्देश पर यह पूर्वी क्षेत्रीय परिषद यानी ईजेडसी की 26वीं बैठक हो रही है. बिहार में परिषद की यह बैठक पांचवीं बार हो रही है. इसके पहले साल 1958, 1963, 1985 और 2015 में पटना में ही यह बैठक हो चुकी है. इस बैठक में सभी राज्य अपनी-अपनी मौजूदा स्थिति और भविष्य की तैयारी को लेकर भावी योजनाओं पर मंथन करेंगे.
बिहार, झारखंड उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को लेकर बनाई गई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी इस बैठक में शामिल होंगे. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक को लेकर गृह विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है. गृह विभाग के अपर सचिव अनिमेष पांडे ने विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव सचिव को बैठक के ड्राफ्ट एजेंडा पर सामग्री तैयार करने को कहा है. साथ ही इसकी सॉफ्टवेयर एवं हार्ड कॉपी विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार सरकार के वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, राजस्व भूमि सुधार विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग, ऊर्जा विभाग और सहकारिता विभाग समेत कई विभागों को जिम्मा दिया गया है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक पिछले साल 2022 में कोलकाता में आयोजित की गई थी. इस बैठक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं गये थे. उन्होंने अपनी जगह तेजस्वी यादव को इस बैठक में भाग लेने के लिए भेजा था. इस पर जमकर राजनीति भी हुई थी. इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि एनडीए से अलग होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार के कार्यक्रमों और बैठकों से किनारा कर रहे हैं. पिछली बैठक में गति शक्ति –योजना के तहत राज्यों की हिस्सेदारी ,नक्सलवाद के समापन, नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग, समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी.