जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हो रही मुठभेड़ में एक और जवान शहीद गुरुवार (23 नवंबर) को शहीद हो गए हैं. ऐसे में अब तक 2 अफसर और 3 जवानों की जान जा चुकी है. वहीं सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है.
र्मसाल के बाजीमाल इलाके में रात भर के विराम के बाद आज सुबह गोलीबारी फिर से शुरू हो गई थी. रात भर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मदद से इलाके की घेराबंदी कर दी गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकी घने जंगली इलाके की ओर न भाग सकें.
जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों और सेना के जवानों के बीच अभी भी मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभेड़ सेना के जवानों ने एक आतंकवादी को ढेर कर दिया है। हालांकि सेना के कैप्टन स्तर के दो अधिकारियों समेत चार जवान शहीद हो गये और दो अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। यह मुठभेड़ राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में हो रही है। वहीं मारा गया आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का एक उच्च स्तर का आतंकी लीडर था। इसकी पहचान पाकिस्तान के नागरिक के तौर पर हुई है। बता दें कि रविवार से ही इलाके में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा था। अभी भी यह अभियान जारी है और सेना के जवान अन्य आतंकवादियों को खोजने में जुटे हैं।
एक साल से था सक्रिय
दरअसल, मारे गए आतंकवादी का नाम क्वारी है, जो सेना के साथ मुठभेड़ में ढेर किया जा चुका है। वहीं अभी भी यह मुठभेड़ जारी है। यह आतंकवादी पाकिस्तान का नागरिक था। इसको पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मोर्चे पर बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी। मारा गया आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा संगठन में एक उच्च रैंक का आतंकवादी लीडर था। पिछले साल से ही वह राजौरी-पूंछ के इलाके में अपने ग्रुप के साथ सक्रिय था। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जा रहा है। उसे राजौरी के इस इलाके में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। यह आतंकवादी आईईडी चलाने और गुफाओं के जरिए छिपने में विशेषज्ञ था। साथ ही यह एक प्रशिक्षित स्नाइपर भी था।
ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादी की पहचान क्वारी के रूप में हुई है. वो एक पाकिस्तानी नागरिक और कट्टर आतंकवादी था. उसे पाक और अफगान मोर्चे पर ट्रेनिंग दी गई. अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि वो लश्कर-ए-तैयबा का एक टॉप रैंक वाला आतंकवादी था जो कई मामलों में एक्सपर्ट था. क्वारी पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय था. उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है. उसे इलाके में फिर से आतंकवाद फैलाने के लिए भेजा गया था.
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी के कालाकोट इलाके में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान पर कहा कि ‘6 कोर कमांडर और विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, कालाकोट क्षेत्र, गुलाबगढ़ वन और राजौरी जिले में संयुक्त अभियान शुरू किया गया.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘आतंकवादी घायल हो गए हैं और उन्हें घेर लिया गया है और ऑपरेशन जारी है. 22 नवंबर को संपर्क स्थापित किया गया और एक तीव्र गोलाबारी हुई.’ सूत्रों के अनुसार डांगरी की तरह रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने की थी आतंकियों की साजिश थी. आतंकियों के पास ऑटोमैटिक हथियार थे. शहीदों का बदला लेने के लिए जवानों ने पिछले 24 घंटो से कमान संभाली है. बायनाकुलर आधुनिक उपकरण से चप्पे चप्पे पर जवानों की नजर है. तेज फायरिंग जारी है.
श्रीनगर में लश्कर के 2 आतंकी गिरफ्तार
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बुधवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया। उनसे 2 पिस्तौल, 4 मैगजीन, 2 फिलर मैगजीन और 8 ग्रेनेड बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों आतंकियों को 21 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। मुमताज अहमद लोन और जहांगीर अहमद लोन कुपवाड़ा के त्रेहगाम के रहने वाले हैं।
बीते दो साल में राजौरी-पूंछ बेल्ट में हुए बड़े आतंकी हमले
2021: अक्टूबर में तीन बड़े हमले हुए
11 अक्टूबर 2021: पूंछ जिले की सुरनकोट तहसील के चामरेर जंगलों में सेना की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें एक JCO समेत पांच जवान शहीद हुए।
16 अक्टूबर 2021: पूंछ की मेंढार तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में सेना और इन्हीं आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक अन्य JCO समेत चार जवान शहीद हुए।
30 अक्टूबर 2021: राजौरी के नौशेरा सेक्टर में माइन ब्लास्ट में एक लेफ्टिनेंट और एक जवान की जान चली गई।
2022: अगस्त और दिसंबर में दो बड़े हमले
11 अगस्त 2022: राजौरी जिले के दरहल इलाके में परगल आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें पांच जवान शहीद हुए जबकि दो फिदायीनों को सेना ने मार गिराया।
18 दिसंबर 2022: राजौरी के अल्फा गेट के बाहर एक आतंकी हमले में दो नागरिक मारे गए।
2023: इस साल दस जवान शहीद हुए
1 जनवरी 2023: राजौरी के डांगरी गांव में दो विदेशी आतंकियों की फायरिंग और IED ब्लास्ट में अल्पसंख्यक समुदाय के सात लोग मारे गए थे। इनमें दो नाबालिग थे।
20 अप्रैल 2023: पूंछ जिले की मेंढार तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए जबकि एक जवान घायल हो गया।
5 मई 2023: राजौरी के कांडी में आतंकियों ने IED ब्लास्ट किया जिसमें पांच आर्मी पैरा कमांडो शहीद हुए और एक मेजर घायल हो गए।
18 जुलाई 2023: पूंछ जिले की सुरनकोट तहसील के सिंधारा टॉप इलाके में सुरक्षाबलों ने चार पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर में पिछली 5 आतंकी वारदातें…
पहला: 17 नवंबर को 2 एनकाउंटर, 6 आतंकी मारे गए
17 नवंबर को राजौरी और कुलगाम में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 6 आतंकवादी मारे गए थे। पहला एनकाउंटर 16 नवंबर को कुलगाम में शुरू हुआ जो 17 नवंबर तक चला। इसमें 5 आतंकी मारे गए थे। ये सभी हाल ही में हुए टारगेट किलिंग में शामिल थे। दूसरा एनकाउंटर राजौरी में हुआ, जिसमें 1 आतंकी मारा गया था।
दूसरा: अक्टूबर में पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारकर हत्या
श्रीनगर में अक्टूबर ईदगाह इलाके में एक आतंकी ने पुलिस इंस्पेक्टर को तीन गोलियां मारी थीं। गोलियां उनके पेट, गर्दन और आंख में लगी थीं। इंस्पेक्टर की पहचान मसरूर अली वानी के रूप में हुई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। हमला उस समय हुआ, जब मसरूर वानी स्थानीय लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे।
तीसरा: सितंबर में 3 अफसर, 2 जवान शहीद हुए थे
जम्मू-कश्मीर में 13 सितंबर को आतंकियों के साथ दो मुठभेड़ में 3 अफसर और दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद अफसरों में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक DSP शामिल थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर सर्च ऑपरेशन के दौरान हमला किया था। इस दौरान दो आतंकी भी मारे गए। यहां सर्चिंग के दौरान सेना के डॉग की भी मौत हो गई थी।
चौथा: 9 अगस्त को पकड़े गए थे 6 आतंकी
सुरक्षाबलों ने 15 अगस्त से पहले 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पहला मामला 9 अगस्त की रात का है, जहां कोकेरनाग के एथलान गडोले में तीन आतंकी पकड़े गए। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान समेत 3 लोग घायल हुए। दूसरा मामला उरी का है, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर के 3 आतंकी पकड़े।
पांचवां: 6 अगस्त को तीन आतंकी मारे गए थे
6 अगस्त को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में LoC के पास दो आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी LoC के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इसी दिन शाम को भी घुसपैठ की कोशिश कर रहे एक अन्य आतंकवादी को मार गिराया गया था।
4 अगस्त को कुलगाम में तीन जवान शहीद हुए थे
4 अगस्त को कुलगाम के हलान जंगल में आतंकियों ने सेना के टेंट पर फायरिंग की थी। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हुई, जो देर रात तक जारी रही। इस घटना में 3 जवान घायल हो गए थे। तीनों को श्रीनगर के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान देर रात तीनों की मौत हो गई थी।
जम्मू के अरनिया सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर 26 अक्टूबर की शाम 8 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स ने बेवजह फायरिंग शुरू कर दी। BSF भी इसके जवाब में फायरिंग कर रही है। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, गोलीबारी में BSF के कुछ जवान घायल हुए हैं, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।