तमिलनाडु़ में बिहार के मजदूरों पर कथित रूप से हमले के जो वीडियो सोशल मीडि़या पर वायरल किये गये थे‚ वे सभी भ्रामक और गलत पाये गये। यह जानकारी घटना की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय विशेष दल ने शुक्रवार को दी। विशेष जांच दल ने शुक्रवार को १ अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रिपोर्ट सौंपी और विस्तार से जानकारी दी।
विशेष जांच दल ने बताया कि सोशल मीडिया में प्रचलित ७ वीडियो के साथ समाचार व संदेश‚ जो बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन में पाये गये‚ वे सभी भ्रामक हैं। जिन घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये गये थे‚ वे घटनाएं इस संदर्भ में नहीं घटी थीं। ये सभी वायरल वीडियो गलत पाये गये। ४ से ७ मार्च तक तमिलनाडु के चेन्नई‚ तिरुपुर एवं कोयंबटूर जिलों में जिला प्रशासन‚ पुलिस प्रशासन‚ इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ–साथ वहां की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं वहां रह रहे बिहार के लोगों से मामले को लेकर बातचीत की गयी। जांच दल ने बताया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के स्तर पर अतिथि श्रमिकों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया। भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु सरकार कदम उठा रही है।
तमिलनाडु मामले की जांच करने गये विशेष दल ने माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar को सौंपी रिपोर्ट। pic.twitter.com/eGGQmZ0gxP
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) March 10, 2023
तमिलनाडु़ में बिहारी श्रमिकों पर हमले का भ्रामक वीडि़यो पोस्ट करने वालों की गिरफ्तारी के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने राज्य के विभिन्न इलाकों में छापेमारी शुरू कर दी है। एड़ीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने कहा कि वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान के लिएएसआइटी का गठन किया गया है। जल्द ही सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। ईओयू ने फेसबुक‚ ट्विटर और गूगल से भ्रामक पोस्ट करने वाले लोगों से जुडे साक्ष्य मांगे हैं। इस मामले में चार लोगों जमुई के अमन कुमार‚ युवराज सिंह राजपूत‚ यूट¬ूब पर पोर्टल चलाने वाले मनीष कश्यप और राकेश तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच चल रही है।