नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में बगावत के स्वर बढ़ते जा रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से जहां बागी तेवर जारी हैं वहीं अब पार्टी के एमएलसी रामेश्वर महतो खुलकर उपेंद्र कुशवाहा के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और कुछ सांसद काफ़ी पहले से साजिश कर रहे थे।
रामेश्वर महतो ने आरोप लगाया कि उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनने देने के लिए पटना के होटल मौर्या में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था लेकिन मैंने मना कर दिया था। रामेश्वर महतो ने आरोप लगाया कि उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी छोड़ने से जेडीयू को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज के सबसे बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा हैं। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि वे रास्ता निकालें।
लव-कुश को मजबूत करने का था प्लान
बातचीत में रामेश्वर महतो ने आगे कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू ज्वाइन किया था उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुशी का ठिकाना नहीं था. उनके चेहरे पर उस दिन जो खुशी दिखी थी वह पहले कभी नहीं दिखी थी, न उसके बाद आज तक दिखी. उस समय लगा कि बिहार में लव-कुश समीकरण पूरा मजबूत होगा.
जेडीयू एमएलसी ने एक और बड़ा खुलासा करते हुए कहा- “मैं पूरा बिहार घूमते रहता हूं. 2020 के चुनाव में जहां-जहां हमारी हार हुई थी वहां-वहां से मुझे जानकारी मिली कि कुशवाहा वोटर का वोट हमें नहीं मिला है. सीतामढ़ी में दो विधानसभा है बागपट्टी और बेलसंड. दोनों विधानसभा में कुशवाहा का वोट हमें नहीं मिला. 10 या 15 परसेंट मिला हो तो नहीं कहा जा सकता है. कुशवाहा समाज के ही तथाकथित लोग कुछ हैं पार्टी में जिन लोगों को लग रहा था कि उनका कद कम हो जाएगा तो उन लोगों ने साजिश रचनी शुरू कर दी.”