दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके ‘कौन एलजी’, ‘कहां से आया एलजी’ वाले बयान को लेकर जवाब दिया है। उपराज्यपाल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर उन पर ‘भ्रामक, अपमानजनक टिप्पणी’ करने और ‘निचले स्तर की बयानबाजी’ पर उतरने का आरोप लगाया है। एलजी वी के सक्सेना ने इसमें लिखा कि मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘हेड मास्टर’ के रूप में नहीं, बल्कि लोगों की एक सौम्य और कर्तव्यनिष्ठ आवाज के रूप में काम कर रहा हूं।
“मैंने इनवाइट किया, आपने राजनीतिक दिखावा किया”
उपराज्यपाल ने केजरीवाल पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप विधायकों के साथ 16 जनवरी को राजनिवास तक मार्च के दौरान “राजनीतिक दिखावा” करने का भी आरोप लगाया। सक्सेना ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों के साथ उनसे मुलाकात करने के बहाने की आड़ में बैठक में नहीं आए। एलजी ने कहा कि इतने शॉर्ट नोटिस और केजरीवाल की ओर से अचानक मांग को देखते हुए एक साथ 70 से 80 लोगों के साथ बैठक करना संभव नहीं होता और न ही इससे कोई ठोस उद्देश्य पूरा होता। दुर्भाग्य से, आपने सुविधाजनक राजनीतिक दिखावा करने के लिए ये कह दिया कि ‘एलजी ने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया’।”
“मैं यह जानकर हैरान था कि…”
एलजी ने केजरीवाल को लिखा, “मैं यह जानकर हैरान था कि भले ही दिल्ली कई गंभीर विकास संबंधी मुद्दों से जूझ रहा है, बजाय इसके कि मुझसे मिलकर निष्कर्ष निकालते, आपको इतने लंबे समय तक चलने और एक विरोध प्रदर्शन करने का समय मिला, जो कि इस मुद्दे को तार्किक रूप से लेने के बजाय केवल दिखावे के लिए था।
“कौन एलजी का जवाब मिल सकता है”
दो दिन पहले विधानसभा में केजरीवाल द्वारा उन पर किए गए हमले का जिक्र करते हुए सक्सेना ने कहा कि ‘कौन एलजी’ और ‘वह कहां से आए’ का जवाब मिल सकता है, अगर आप सरसरी तौर पर भारत के संविधान का रुख करेंगे। लेकिन ऐसे लोगों को इसका जवाब नहीं दिया जा सकता, जो बेहद निम्न स्तर की बयानबाजी पर उतर आए हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना शहर की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सुधारने के बजाय गंदी राजनीति कर रहे हैं। उपराज्यपाल की चिट्ठी का जवाब देते हुए केजरीवाल ने लिखा कि ‘संविधान ने आपको दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक करने का काम दिया है, आप वो काम कीजिए ना? संविधान ने हमें बाकी काम दिए हैं, हमें अपने काम करने दीजिए। आपको हमारे कामों में विघ्न डालने का कोई अधिकार नहीं है।’
सक्सेना को मीटिंग बुलाने का अधिकार नहीं’
इससे पहले उपराज्यपाल के साथ बढ़ती खींचतान के बीच केजरीवाल ने दावा किया था कि सक्सेना ने सरकारी अधिकारियों के साथ कई बैठकें बुलाईं, जबकि उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। एलजी इसे सुधारने के लिए कदम उठाने के बजाय गंदी राजनीति करने में व्यस्त हैं। उन्होंने आज दिल्ली सरकार के अधिकारियों की कई बैठकें बुलाई हैं, जबकि उनके पास ऐसा करने और निर्वाचित सरकार के कामकाज में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।’
उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि इससे पहले उपराज्यपाल ने केजरीवाल को पत्र लिखकर उन पर ‘भ्रामक, अपमाजनक टिप्पणी’ करने और ‘निचले स्तर की बयानबाजी’ पर उतरने का आरोप लगाया। उन्होंने केजरीवाल पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के विधायकों के साथ 16 जनवरी को राज निवास तक मार्च निकाले जाने के दौरान ‘राजनीतिक ढोंग’ करने का आरोप भी लगाया। सक्सेना ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अपने सभी विधायकों के साथ उनसे मुलाकात करने के बहाने की आड़ में बैठक में नहीं आए।