राजद के जनता दरबार में हंगामा हो रहा रहा है। दूर-दराज से फरियाद लगाने आए लोगों ने जनता दरबार में मौजूद नेताओं पर मनमानी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमलोग सुबह से खड़ें हैं। लेकिन केवल पैरवी वाले लोगों को मौका दिया जा रहा। वहीं राजद के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है।
बता दें कि राजद की जनता दरबार की आज से ही शुरूआत हुई है। नई आरजेडी की कमान युवा नेता तेजस्वी यादव के हाथ में है। लालू प्रसाद की प्रशासकीय कार्यशैली से खुद को अलग करने में लगी है पार्टी। राजद बेहतर शासन प्रबंधन की नजीर पेश करना चाहती है। बतौर हेल्थ मिनिस्टर तेजस्वी यादव बड़े-छोटे सरकारी अस्पतालों में न सिर्फ औचक निरीक्षण कर रहे हैं बल्कि अफसरों के साथ मीटिंग आदि भी कर रहे हैं। अब उनकी पार्टी से जुड़े तमाम मंत्री राजद कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे। इसे तेजस्वी यादव ने ‘ सुनवाई ‘ नाम दिया है।
लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के दरबार में अंतर रहा
इसकी शुरुआत राजद के वरिष्ठ नेता और भूमि सुधार विभाग सहित गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री आलोक मेहता कर रहे हैं। आलोक मेहता के साथ ही आईटी मंत्री मो. इसराईल मंसूरी भी मंगलवार को जनता दरबार लगाएंगे। यानी इस विभागों से जुड़ी समस्याओं को लेकर आप भी जनता दरबार में आ सकते हैं और समाधान पा सकते हैं! वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार कहते हैं कि लालू प्रसाद का दरबार अलग किस्म का होता था। लेकिन नीतीश कुमार ने पहली बार जनता दरबार ऑर्गेनाइज्ड तरीके से बिहार में शुरू किया।
इसका नाम उन्होंने रखा था- ‘ जनता के दरबार में मुख्यमंत्री ‘। इससे पहले नीतीश कुमार ने एक और प्रयोग किया और शाम के समय हर दिन चौपाल की तरह शुरू किया, लेकिन उसमें पैरवीकार ज्यादा पहुंचने लगे थे और इस वजह से इसे बंद करना पड़ा। नीतीश कुमार का नया जनता दरबार रजिस्ट्रेशन आधारित है। लालू प्रसाद का ठाठ-बाट दूसरे किस्म का था। वे गरीबों के यहां जब-तब पहुंच जाते थे। गरीबों का जुड़ाव उनसे ज्यादा था। नीतीश कुमार की कार्यशाली ब्यूरोक्रेसी के नजदीक ज्यादा रही है। पार्टी कार्यालयों में भी जनता दरबार लगता रहा है। मेरा मानना है कि राजनेताओं का या राजनीतिक पार्टियों का जनता दरबार लगते रहना चाहिए। इससे आम लोगों को परेशानी से राहत रहती है और ब्यूरोक्रेसी की लालफीताशाही पर नकेल रहती है।
राजद में जनता दरबार की परंपरा कम रही
राजद कार्यालय में मंत्रियों द्वारा जनता दरबार की परंपरा नहीं के बराबर रही है। जब पिछली बार लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की सरकार बनी थी और तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री बने थे उस समय तेजप्रताप यादव ने वहां कुछ जनता दरबार लगाए थे। अब ‘सुनवाई’ नाम से राजद का जनता दरबार शुरू हो रहा है। अभी आरजेडी में 15 मंत्री हैं। इसमें उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं। राजद चाहती है कि जनता दरबार के जरिए उसकी पैठ आम लोगों में और बढ़े।