पटना के फुलवारीशरीफ पुलिस के आतंकी हमले की साजिश के खुलासे के बाद पटना पुलिस और राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय खुफिया एजेंसी भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। साथ ही पुलिस के अलावे उक्त एजेंसी भी संदिग्धों के ठिकाने व पनाहगार पर छापेमारी में जुटी है। इस क्रम में पटना पुलिस खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर सकरा के मजरुलहक के आवास पर छापेमारी की। इसका नाम भी PFI से जुड़ा है। उसके बैकग्राउंड की जानकारी उसके परिजनों से ली। कार्रवाई इतनी गोपनीय और जल्दी हुई कि किसी को भनक तक नहीं लगी।
दरअसल, टीम भी सिविल ड्रेस में थी। इसलिए किसी को अंदाजा भी नहीं हुआ। उसके घर पर पूछताछ करने के बाद टीम ने सकरा और इसके आसपास के इलाकों में चप्पे-चप्पे को खंगाल डाला। पर उसका सुराग नहीं मिला।
फुलवारी शरीफ में लिया था ट्रेनिंग
पुलिस सूत्रों की माने तो मंजहरुल लंबे समय से PFI से संबंधित प्रतिबंधित संगठन एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य था। वह उसके तकरीबन सभी प्रशिक्षण में शामिल होता था। कहा जा रहा है कि छह और सात जुलाई को फुलवारीशरीफ एक ट्रेनिंग हुई थी। इसमे वह भी शामिल था। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वह पिछले 6 महीने से घर से बाहर रहता था। लेकिन, कहाँ था। ये किसी को नहीं बताया।
मदरसा में भी टीम ने ली जानकारी
सूत्रों की माने तो जिस मदरसे में मजहरुल पढ़ाता था। वहां भी विशेष टीम ने पहुंचकर उसके बारे में जानकारी ली। वह कबतक यहां पढ़ाता था ? क्या पढ़ाता था ? क्या कोई संदिग्ध बातें भी करता था ? इस तरह के कई सवालों का जवाब टीम खोज रही थी। लेकिन, वहां से भी उसके बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल सका। कहा जा रहा है एक टीम 24 घन्टे मुजफ्फरपुर में कैम्प कर रही है। ताकि मजहरुल के बारे में कोई जानकारी मिल सके। अब उसकी पत्नी से भी पूछताछ करने की कवायद की जा रही है।
वहीँ उत्तर बिहार में एक बार फिर आतंक का स्लिपर सेल सक्रिय होता दिख रहा है. आतंकी की तलाश में मुजफ्फरपुर से मधुबनी तक छापेमारी चल रही है. फुलवारी शरीफ के नया टोला में देश विरोधी अड्डे का खुलासा होने के बाद पीएफआइ के दरभंगा निवासी तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी को लेकर शनिवार को यहां छापेमारी की गयी. इस दौरान तीनों में से कोई अपने घर में नहीं मिला. एसडीपीओ कृष्ण नंदन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम भीगो शेर मोहम्मद मोहल्ला स्थित एक आरोपी नुरुद्दीन जंगी के आवास पर छापेमारी की. आवास से कोई संदिग्ध सामान बरामद नहीं हुआ. नुरुद्दीन घर में नहीं मिला. परिजनों का कहना था कि वह कहीं बाहर रहता है. पिछले तीन साल से घर नहीं आया है.
उधर, चर्चा है कि यूपी एटीएस ने नूरुद्दीन जंगी को लखनऊ से गिरफ्तार कर पटना पुलिस को सौंप दिया है. वह लखनऊ में छिपा था. एसडीपीओ कृष्ण नंदन कुमार ने कहा कि छापेमारी की गयी है. कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुआ है. अनुसंधान जारी है. जरूरत पड़ी तो दोबारा जांच की जायेगी. वहीं एसएसपी अवकाश कुमार में कहा कि पटना पुलिस के कोआर्डिनेशन से छापेमारी की जा रही है. सभी के अपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है.
शंकरपुर गांव में सनाउल्लाह व मुस्तकीम के घर छापेमारी
फुलवारी शरीफ थाना में दर्ज प्राथमिकी में शंकरपुर पंचायत के सनाउल्लाह उर्फ आकिब एवं मो. मुस्तकीम का नाम आते ही शंकरपुर गांव फिर से सुर्खियों में आ गया है. दो साल पहले भी इडी की टीम सनाउल्लाह के घर दस्तक दे चुकी है. सनाउल्लाह के घर पर नहीं होने के कारण तब एनआइए को खाली हाथ लौटना पड़ा था.
संदिग्ध के घर पर पटना पुलिस का फिर छापा, परिजनों से पूछताछ
मुजफ्फरपुर आतंकी हमले की साजिश के खुलासे के बाद पटना पुलिस, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसियां भी संदिग्धों के ठिकाने व पनाहगार पर छापेमारी में जुटी है. पटना पुलिस ने खुफिया एजेंसियों के साथ शुक्रवार की रात एक बार फिर सकरा के गौरिहार स्थित मजहरुल हक के आवास पर छापेमारी की और उसके बैकग्राउंड की जानकारी परिजनों से ली.
करीब तीन घंटे तक पटना पुलिस की कार्रवाई चली. इसके बाद टीम दूसरे ठिकाने की ओर चली गयी. मजहरूल हक के परिजनों ने चुप्पी साध ली है. वे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उनके पड़ोसियों को मानना है कि पुलिस उसे फंसा रही है. वह एक सीधा-सादा युवक है, जो मदरसा में शिक्षक का काम करता है. पत्नी काजीमोहम्मदपुर स्थित एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका है.
मदरसा में कार्यरत सभी कर्मियों का लिया ब्यौरा
छापामार टीम ने उस मदरसा का पूरा ब्यौरा लिया, जिसमें मजहरूल हक पढ़ाया करता था. उसमें कितने बच्चे पढ़ने जाते हैं. कितने शिक्षक हैं. किससे मजहरूल हक का अच्छा व्यवहार था. कब से कब तक वह उक्त मदरसा में कार्यरत रहा. कितना वेतन उसे मिलाता था. क्या वह मदरसा में पढ़ाई कार्य करने के बाद कोचिंग या ट्यूशन पढ़ाया करता था. पत्नी क्या करती है. कहां नौकरी करती है. वह कब से नौकरी में है. किसके बिना पर नौकरी मिली आदि जानकारी ली.
बताया जाता है कि मजहरूहक दो भाई है. एक भाई घर पर ही रहता है. मजहरूल हक की मां ने बताया कि उसका बेटा नौकरी के लिए लगातार भटक रहा था. कोरोना की दूसरी लहर में उसके पिता का इंतकाल हो गया था. इसके बाद से वह काफी परेशान रहने लगा था. बीते छह माह से वह घर पर नहीं आया था. वह कहां रह रहा था, इसकी जानकारी उन लोगों को नहीं है.