बिहार विधान परिषद में पूर्व मुख्यमंत्री और विधान परिषद सदस्य राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल गया है। विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने बुधवार को राजद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व विधान पार्षद सुनील सिंह को राबड़ी देवी के नाम का पत्र सौंपा। दरअसल, विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों पर चुनाव के बाद राजद की हिस्सेदारी पहले की अपेक्षा बढ़ गई है। राजद के पास अब पहले से अधिक एमएलसी हैं।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने विधान परिषद के सभापति को पत्र लिखकर राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष का पद देने का अनुरोध किया था। पत्र में कहा गया था कि राजद सदन में विपक्षी दलों में सबसे बड़ा है। साथ ही नेता प्रतिपक्ष की अर्हता के लिए आवश्यक न्यूनतम सदस्यों की संख्या पूर्ण करता है। इसी आधार पर परिषद सचिवालय ने राबड़ी देवी के नाम नेता प्रतिपक्ष का पत्र जारी कर दिया।
स्थानीय प्राधिकार कोटे से छह सदस्यों के चुने जाने के बाद उच्च सदन में राजद सदस्यों की संख्या 11 हो गई है। विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैैं। नेता प्रतिपक्ष के पद की दावेदारी के लिए कुल सदस्यों की संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत होना चाहिए। इस हिसाब से राजद को कम से कम आठ सदस्यों की जरूरत थी, जबकि थे सिर्फ पांच। राबड़ी देवी को दो वर्ष पहले तक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का ओहदा प्राप्त था।
तब राजद के कुल आठ सदस्य थे, लेकिन दो वर्ष पहले इनमें से पांच सदस्यों ने दल बदल लिया। हालांकि, बाद में दो और नए सदस्यों के आने से राजद की संख्या पांच हो गई, लेकिन तब भी नेता प्रतिपक्ष के लिए जरूरी आंकड़े से तीन कम थे। राबड़ी देवी के नेता प्रतिपक्ष बनने पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बधाई दी है।