किसान सम्मान निधि योजना के लाभुकों को मोबाइल पर कॉल आ रहा है। कॉल करने वाले अपने को किसान सम्मान निधि योजना के अधिकारी होने का परिचय देते हैं। किसानों का नाम कंफर्म कर उनसे पूछते हैं कि उन्हें सम्मान निधि की राशि मिल रही है या नहीं। जैसे ही किसानों का उत्तर हां में होता है। तब उससे पूछा जाता है कि बाढ़-सुखाड़ का 12 हजार छह सौ रुपये उनके बैंक खाता में भेजा जाना है। बैंक खाता का अंतिम चार अंक बताते हुए कहता है कि इसमें रुपये ट्रांसफर नहीं हो रहा है। अगर पोस्टआफिस, एयरटेल पेमेंट बैंक, एटीएम कार्ड हो तो उसका नंबर बताएं। जब किसान इससे इन्कार करते हैं तो उनके किसी स्वजन का खाता व एटीएम का नंबर देने को कहा जाता है। दरअसल यह फोन कॉल साइबर फ्राड गिरोह की ओर से किया जाता है। किसी को शक नहीं हो इसके लिए ये फ्राड मोबाइल के ट्रू कालर पर पीएम किसान सम्मान निधि योजना पटना का नाम सेव किए होते हैं। काल करने वाले का यह नाम देखकर भोले-भाले किसान इसकी जाल में फंस जाते हैं और सब कुछ बता देते हैं। इसके बाद किसान के मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाता है। इसके बाद किसान के बैंक खाता से रुपये अनजान खाते में ट्रांसफर हो जाता है।
ई-केवाईसी को लेकर गफलत में फंस जाते किसान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर किसानों को ई-केवाईसी कराना है। इसके लिए 31 मार्च तक की तिथि निर्धारित थी। केंद्र सरकार ने इसकी समय सीमा अब 22 मई कर दी है। इस योजना से संबंधित कोई भी कॉल आने पर किसानों को सब कुछ सही लगता है। किसानों से पूछा जाता है कि उसे चना-मकई, गेहूं का पैसा मिल रहा है। एक अप्रैल को बाढ़ सुखाड़ का 12 हजार छह सौ रुपया उसके खाता में आया है। यहीं बात सुनकर किसान उसकी जाल में फंस जाते हैं।
शिकायतों की हो रही जांच
मुजफ्फरपुर जिला कृषि पदाधिकारी डीएओ शिलाजीत सिंह ने बताया कि किसानों से साइबर फ्राड गिरोह की ठगी की कई शिकायतें उन्हें मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ -सुखाड़ का रुपया आपदा विभाग से दिया जाता है। पीएम सम्मान निधि योजना से पात्र किसानों को साल में दो-दो हजार के तीन किस्तों में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। यह केंद्र सरकार की योजना है। जिसकी राशि सीधे किसानों के खाता में भेजी जाती है। जालसाज बाढ़-सुखाड़ के तहत 12 हजार छह सौ रुपया भेजने की बात किसानों के साथ कर रहे हैं। ऐसे फोन कॉल करने वाले से किसानों को सावधान रहने व इसकी सूचना पुलिस या उन्हें देने की अपील की है।