रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 34 दिन हो गए हैं। दोनों देशों के बीच अभी तक सुलह नहीं हो पाई है। इसी बीच यूक्रेन और रूस मंगलवार को तुर्की के शहर इस्तांबुल में शांति वार्ता के अगले दौर की बातचीत होगी। बताया जा रहा है कि स्थानीय समयानुसार सुबह 10.30 बजे दोनों देशों के बीच वार्ता होगी। साथ ही यूक्रेनी और रूसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से भी मिलेंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग 34वें दिन भी जारी है। रूसी सेना लगातार यूक्रेनी शहरों में मिसाइलें दाग रही है। अब तक यूक्रेन को 564.9 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। जिसमें 7,886 किलोमीटर से ज्यादा का रोडवेज तबाह हो चुका है। यूक्रेन की मंत्री यूलिया सिव्रीडेंको ने फेसबुक पोस्ट से इस बारे में जानकारी दी।
इस युद्ध की वजह से मारियुपोल शहर में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। ये शहर 90% खंडहर में तब्दील हो गया है। मारियुपोल के मेयर ने कहा- हमले के बाद से अब तक लगभग 5,000 लोग मारे गए हैं। शहर में अब भी 1.6 लाख लोग फंसे हुए हैं। रूसी सेना ने शहर से बाहर निकलने के सभी रास्तों पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह पुतिन को सत्ता से हटाने वाले बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे। हालांकि, बाइडेन ने कहा- मैं अपनी बात से पीछे नहीं हट रहा हूं। मैंने तब भी ऐसा नहीं कहा था, और न ही अब…मैं नीति परिवर्तन की बात कर रहा हूं। मैंने जो महसूस किया, वो कहा और मैं इसके लिए माफी नहीं मांगूंगा।
अन्य अपडेट्स-
- रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि विरोधी देशों के नागरिकों को रूस का वीजा मिलना मुश्किल होगा।
- यूक्रेन ने मंगलवार से रूस के साथ शुरू हो रही वार्ता में सीजफायर का रास्ता खुलने की उम्मीद जताई है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पुतिन सुलह के मूड में नहीं हैं।
- यूक्रेन को ब्रिटेन स्टार स्ट्रीक सिस्टम देगा। रूस ने परमाणु हमले की धमकियां दी हैं, जिसके बाद ब्रिटेन ने ये फैसला किया है।
- यूक्रेन के सबसे बड़े टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइर पर साइबर अटैक हुआ है।
- मंगलवार को शांति वार्ता से पहले राष्ट्रपति जेलेंसकी ने कहा कि यूक्रेन न्यूट्रल देश बनने को तैयार है।
- फियरलैस जर्नलिज्म के लिए नोबेल अवॉर्ड पाने वाले रूसी समाचार पत्र नोवाया गज़ेटा ने अपना पब्लिकेशन बंद कर दिया है।
- अमेरिका ने जर्मनी में 6 नेवी इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जेट और 240 सैनिक तैनात किए हैं।
- रूस के हमले का समर्थन करने का प्रतीक ‘Z’ अक्षर प्रदर्शित करने वाले व्यक्तियों पर जर्मनी में मुकदमा चलाया जा सकता है।
- जानकारी के अनुसार, रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते कई रूसी लोग तुर्की और दुबई की प्रॉपर्टीज में इनवेस्ट कर रहे हैं।
यूक्रेन में हुए नुकसान पर एक नजर
- यूक्रेन के रिव्ने क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि रॉकेट हमले से एक तेल डिपो प्रभावित हुआ है। पिछले कुछ दिनों में रूसी मिसाइलों ने 6 तेल डिपो को तबाह कर दिया है।
- कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा- यूक्रेन की राजधानी कीव में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं, जंग में लगभग 82 बहुमंजिला इमारतें तबाह हो गई हैं।
- यूक्रेन के उत्तरपूर्वी शहर खार्किव में लगभग 1,200 अपार्टमेंट रूसी गोलाबारी से तबाह हो गए हैं। वहीं, 1,177 बहुमंजिला इमारतों, 53 किंडरगार्टन, 69 स्कूलों और 15 अस्पतालों को रूसी सेना ने बर्बाद कर दिया।
- खारकीव के 30 फीसदी से अधिक नागरिक युद्ध के चलते शहर छोड़कर जा चुके हैं।
- यूक्रेन में अब तक 78 हजार करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है। राजधानी कीव, लीव समेत कई शहरों के रिहायशी इलाके पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं।
आज इस्तांबुल में बातचीत करेंगे दोनों देश
रूस-यूक्रेन के बीच अब तक 28 फरवरी, 1 मार्च और 7 मार्च को शांति वार्ता हो चुकी है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। इसलिए दोनों देशों के नेताओं की मंगलवार को एक बार फिर तुर्की के शहर इस्तांबुल में बैठक होने वाली है। इस दौरान जंग को रोकने को लेकर दोनों देश के नेता बात कर सकते हैं।
ब्रिटेन ने रूस को दिया ऑफर
ब्रिटेन की तरफ से रूस को एक ऑफर दिया गया है। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा कि अगर रूस जंग को खत्म करता है और यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाता है तो ब्रिटेन रूस और उसकी कंपनियों पर लगे प्रतिबंध हटा देगा।
30 यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के 64 किलोमीटर लंबे काफिले को तबाह किया
यूक्रेन फोर्सेज की एक स्पेशल यूनिट ने दावा किया कि उसने कीव की तरफ जा रही रूसी सेना के एक 64 किलोमीटर के काफिले को तबाह कर दिया है। द गार्जियन की खबर के मुताबिक यूक्रेन के 30 सैनिकों के एक विशेष यूनिट ने ड्रोन की मदद से रूसी सैनिकों के एक लंबे काफिले पर एक के बाद एक कई हमले किए।
G-7 के देश रूबल देकर नहीं खरीदेंगे रूस से गैस
G7 ने रूसी गैस के लिए रूबल भुगतान की पुतिन की मांग को खारिज कर दिया है। जर्मनी के ऊर्जा मंत्री रॉबर्ट हेबेक ने कहा- G7 के सभी ऊर्जा मंत्री इस बात से पूरी तरह सहमत है कि रूस से ऊर्जा संसाधन के आयात के लिए रूबल में भुगतान करना मौजूदा अनुबंधों का एकतरफा और स्पष्ट उल्लंघन होगा।