लंबे समय तक शांत रहने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर से राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने एक बार फिर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ अपनी नाराजगी का इजहार किया है. तेजप्रताप यादव ने पार्टी के कार्यालय प्रभारी चंदेश्वर को हटाए जाने का विरोध किया है. रविवार की शाम सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में तेज प्रताप यादव ने कार्यालय प्रभारी को हटाए जाने के फैसले का विरोध किया है.
तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर यह लिखा है कि पिछले 28 सालों तक पार्टी को अपना सब कुछ देने वाले चंदेश्वर जी को चाचा जगदानंद सिंह ने बिना किसी कारण पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. तेजप्रताप यादव ने आगे लिखा है कि चंदेश्वर जी को मैं लंबे अरसे से देखता रहा हूं. पिताजी और पार्टी के प्रति चंदेश्वर जी का प्रेम निस्वार्थ रहा है. कभी उन्होंने किसी पद की लालसा भी नहीं दिखाई है. पार्टी के साथ 28 सालों से बुरे से बुरे वक्त में भी वह खड़े रहे हैं और आज जब उनकी भीगी आंखों में समाए अपमान की पीड़ा की गहराई को देखा तब दिल को बहुत तकलीफ हुई.
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तेजप्रताप यादव ने आगे लिखा है कि किस तरह से तानाशाही का शिकार पार्टी के सबसे वफादार कार्यकर्ता को होना पड़ा कि बगैर किसी गलती के एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. तेजप्रताप यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने यह भी लिख डाला कि मैं याद दिला दूं कि मैं और मेरे पिताजी हर वक्त इन जैसे निस्वार्थ भाव से पार्टी को अपना खून पसीना देने वाले कार्यकर्ताओं के साथ खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंग. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंदेश्वर को जगदानंद सिंह ने अपने एक आदेश के तहत पार्टी के कार्यालय के दायित्वों से मुक्त कर दिया था.
इसके बाद वो तेजप्रताप यादव से मिलने पहुंचे थे. तेजप्रताप यादव ने उनसे मुलाकात की और उन्हें भरोसा भी दिलाया था कि सब कुछ ठीक होगा लेकिन तेजप्रताप की पहल काम नहीं आई. उसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर चंदेश्वर के मामले को लेते हुए एक बार फिर से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. हालांकि इसके पहले उन्होंने कई बार नाराजगी जाहिर की थी लेकिन लालू प्रसाद यादव के हस्तक्षेप के बाद तेजप्रताप यादव शांत पड़ गए थे. उन्होंने अपना अलग छात्र संगठन खड़ा कर लिया था और आजकल उसी के माध्यम से भी राजनीति करते नजर आ रहे हैं.