जब दुनिया २०२० में कोरोना महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रही थी‚ तब भी हर दो मिनट में एक बच्चा एचआईवी से संक्रमित हुआ था‚ जिससे वर्ष में तीन लाख बच्चे संक्रमित हुए थे। मंगलवार को यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई॥। नए एचआईवी और एड्स ग्लोबल स्नैपशॉट से पता चला है कि हर पांच मिनट में एड्स से संबंधित कारणों से एक बच्चे की मृत्यु हो जाती है। पिछले वर्ष के दौरान १.२० लाख बच्चों की इसी बीमारी के कारण मौत हुई थी। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि लंबे समय तक रहने वाली कोरोना महामारी उन असमानताओं को गहरा कर रही है‚ जिन्होंने लंबे समय से एचआईवी महामारी को बढ़ावा दिया है‚ जिससे कमजोर बच्चों‚ किशोरों‚ गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को जीवनरक्षक एचआईवी की रोकथाम और उपचार सेवाओं के लापता होने का खतरा बढ़ गया है।
कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा‚ यूनिसेफ ने अनुसार एचआईवी महामारी एक वैश्विक महामारी के बीच अपने पांचवें दशक में प्रवेश कर रही है‚ जिसमें स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और जीवनरक्षक सेवाओं तक सीमित पहुंच है। इस बीच‚ बढ़ती गरीबी‚ मानसिक स्वास्थ्य के मुद्ों और दुर्व्यवहार से बच्चों और महिलाओं के संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। चिंताजनक रूप से दुनियाभर में एचआईवी के साथ रहने वाले ५ में से २ बच्चे अपनी स्थिति नहीं जानते हैं और एचआईवी वाले आधे से अधिक बच्चे एंटीरेट्रोवायरल उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया हैं कि कई देशों ने २०२० की शुरुआत में कोरोना के कारण एचआईवी सेवाओं में महत्वपूर्ण व्यवधान देखा। उच्च बोझ वाले देशों में एचआईवी शिशु परीक्षण में ५० से ७० प्रतिशत की गिरावट आई‚ १४ साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नए उपचार की शुरुआत में २५ से ५० प्रतिशत तक की गिरावट आई। लिंग–आधारित हिंसा में स्पाइक्स‚ अनुवर्ती देखभाल तक सीमित पहुंच और प्रमुख वस्तुओं के स्टॉकआउट के कारण लॉकडाउन ने संक्रमण दर में वृद्धि में योगदान दिया। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि हालांकि जून २०२० में सेवाओं में तेजी आई‚ लेकिन कवरेज का स्तर कोरोना से पहले के स्तर से काफी नीचे है और प्रभाव की सही सीमा अज्ञात बनी हुई है।
२०२० में‚ सब–सहारा अफ्रीका में नए एचआईवी बाल चिकित्सा संक्रमणों का ८९ प्रतिशत और दुनियाभर में एचआईवी के साथ रहने वाले बच्चों और किशोरों का ८८ प्रतिशत हिस्सा था‚ जिसमें किशोर लड़कियों के लड़कों की तुलना में एचआईवी से संक्रमित होने की संभावना छह गुना अधिक थी। एड्स से संबंधित लगभग ८८ प्रतिशत बच्चों की मृत्यु सब–सहारा अफ्रीका में हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई में कुछ प्रगति के बावजूद‚ पिछले एक दशक में बच्चों और किशोरों को सभी क्षेत्रों में पीछे छोड़ दिया गया है।