सरकार ने सभी टोल पर फास्टैग आज रात 12 बजे से अनिवार्य कर दिया गया है। बिना फास्टैग वाली गाड़ियों को टोल से गुजरने पर दोगुना टोल देना पड़ेगा। दीदारगंज टोल प्लाजा से हर दिन 22 हजार गाड़ियां गुजर रही हैं। इनमें अभी मात्र 10 से 11 हजार गाड़ियों में ही फास्टैग लगा रहता है। दीदारगंज टोल प्लाजा के मैनेजर संजीव कुमार के अनुसार जिन गाड़ियों में फास्टैग लगी नहीं रहेगा, उनसे दोगुना टोल के साथ वहीं पर फास्टैग लगाया जाएगा। फिलहाल अभी एयरटेल, पेटीएम और एनएचएआई फास्टैग लगा रहा है।
नए साल से बदल जाएगा टोल कलेक्शन का तरीका
फ़ास्टैग की चिप स्टीकर के रूप में गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगी होती है। जैसे ही गाड़ी टोल-प्लाजा से होकर गुजरती है, टोल-प्लाज़ा पर लगा सेंसर इस चिप को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की मदद से रीड करता है और उस टोल-प्लाजा के हिसाब से तय पैसे अपने आप कट जाते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय नहीं लगता, इसका फायदा यह होगा कि टोल पर गाड़ियों को अधिक देर तक रुकना नहीं पड़ेगा और इससे अक्सर ट्रैफिक जाम लगने की समस्या में भी कमी आएगी। वाहन चालकों के लिए ये जानना आवश्यक है कि एनएचएआई द्वारा जारी की गाइडलाइन के अनुसार बिना फास्टैग वाली गाड़ियों को दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा।
आज से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए फास्ट टैग अनिवार्य है. जिस गाड़ी पर फास्ट टैग नहीं होगा, उसपर भारी जुर्माना जुर्माना लगेगा. हालांकि टू व्हीलर वाहनों को फास्टैग से छूट दी गई है. फास्टैग साल 2011 में लागू किया गया था. साल 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया गया था.
अगर फास्टैग नहीं लगाया तो क्या होगा?
अगर गाड़ी में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक/मालिक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा. सरकार की तैयारी है कि 15 फरवरी से 100 फीसदी टोल फास्टैग की मदद से ही कलेक्ट किया जा सके. फिलहाल नेशनल हाईवे से जितने भी टोल टैक्स आते हैं, उनमें 80 फीसद ही फास्ट टैग से आते हैं.
क्या है फास्टैग?
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है. यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है. फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है. इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है.
आज से पूरे देश में नेशनल हाइवे टोल्स पर भुगतान के लिए फास्टैग जरूरी, नहीं तो लगेगा दोगुना जुर्माना
फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है. टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. फास्टैग पूरी तरह से लागू होने के बाद कैश पेमेंट से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही ईंधन और समय की बचत भी होगी.