बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। संजय जयसवाल ने कहा कि 2020 का पूरा का पूरा चुनाव रोजगार के मुद्दे पर था। बीजेपी ने वादा किया था कि हम 10 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। वहीं दूसरी तरफ विरोधी पार्टी ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट की बैठक में ही 10 लाख नौकरी देंगे।
चुनाव हुआ जनता को एनडीए पर विश्वास था। हमारी सरकार बनी। हम लोग नीतीश कुमार के साथ बैठे और तय हुआ की 10लाख को बढ़ा कर 19 लाख नौकरी या रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जाएगा। इसको दो तरह से करने पर सहमति बनी। एक नौकरी दे कर दूसरा रोजगार के साधन उपलब्ध करा कर।
सरकार बनाने के बाद हमने यह पाया की 2.35 लाख सरकारी नौकरी उस समय बिहार में उपलब्ध थी। बाकी 17 लाख लोगों को इंडस्ट्री में योजना बना कर रोजगार देंगे। इन 2.35 लाख नौकरियों में एक 1.15 लाख नौकरियां सिर्फ और सिर्फ शिक्षा विभाग में निकली थी। उस समय के तात्कालिक शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सदन में ये आश्वासन दिया की हमारे पास बीटेट और सीटेट पास अभ्यर्थियों की एक लंबी लिस्ट है हम जल्दी ही शिक्षकों को नौकरी देंगे।
जिन्हें नौकरी मिल गई, उन्हें ही बांट रहे नियुक्ति पत्र
लेकिन अब सरकार से हम लोग बाहर है। मौजूदा सरकार बिहार के युवाओं को नौकरी नहीं दे रही, नौकरी मेला लगा कर नौकरी देने का ढोंग कर रही। जिनको हमने नौकरी दी जो नौकरी कर रहे हैं, उनको ही नियुक्ति पत्र दे कर जनता को मूर्ख बना रहें हैं।
13 दिसंबर से चलने वाले विधानसभा सत्र को नहीं चलने देंगे
संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए अच्छा मौका नौकरी देने का, जल्द दे नौकरी नही तो आने वाले 13 दिसंबर से चलने वाले विधानसभा सत्र को बीजेपी किसी कीमत पर चलने नहीं देगी। अब नीतीश कुमार को तय करना है कि नौजवानों को रोजगार देंगे या युवाओं को सिर्फ बेवकूफ बनाने का काम करेंगे।