कश्मीर घाटी में एक बार फिर निर्दोष व्यक्ति की जान आतंकवादियों ने ले ली। लक्षित हत्या (टार्गेट करके हिंदू अल्पसंख्यक या प्रवासी लोगों की चुनकर हत्या) का मामला एक बार फिर सुरक्षाबलों के लिए चिंता का सबब बना है। बड़गाम जिले में आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार को तहसीलदार दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडि़त कर्मचारी राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। इस कत्लेआम की जिम्मेदारी कश्मीर कश्मीर टाइगर्स संगठन ने ली है। दो वर्ष के दौरान आतंकवादी चार कश्मीरी पंडि़तों पर हमले कर चुके हैं। उन्हें सीधे तौर पर चेतावनी दी जाती है कि हिंदू या तो घाटी छोड़़ दें या मुस्लिम धर्म कुबूल कर लें। साफ तौर पर इस प्रकरण को समझें तो आतंकवादी संगठन किसी भी तरह से घाटी में आतंक फैलाकर दहशत कायम करना चाहते हैं‚ जिससे सरकार द्वारा कश्मीरी पंडि़तों की घर वापसी‚ कश्मीरी युवाओं को रोजगार और अमन बहाली की कोशिश का माहौल बनाने की योजना ठंडे़ बस्ते में चली जाए। खुफिया एवं सैन्य एजंसियों के मुताबिक‚ लश्कर–ए–तैयबा के ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के आतंकवादियों ने कश्मीर में ९० के दशक जैसा माहौल और दहशत फैलाने के लिए लक्षित हत्याएं शुरू की हैं। कश्मीर में हिंदुओं को बसाने से पहले ९० के दशक में उनकी जमीन–जायजाद और संपत्तियों को वापस दिलाने के लिए राजस्व अदालतें तैयार की जा रही हैं। इस पर आतंकी संगठनों ने कश्मीर में जगह–जगह पर्चे चिपकाकर जमीन जायदाद को लेकर धमकियां देनी शुरू की है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भाजपा शासनकाल में आतंकवादियों पर शिकंजा कसा है। कश्मीर में बैठे उनके आकाओं पर पिछले कुछ वर्षों में जांच एजेंसियों की सख्ती ने उनके हौसले पस्त कर दिए हैं। दरअसल‚ घाटी में सरकार के शांति प्रयासों की तैयारियों से आतंकवादी संगठनों में कुंठा और हताशा का भाव है। यही वजह है कि पाकिस्तान के इशारे पर घाटी में अशांति और खूनखराबा फैलाने के लिए टार्गेट किलिंग को औजार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। तल्ख सच्चाई तो यही है कि कश्मीर का मसला भारत के लिए वाकई नासूर बना हुआ है। देश का बहुत कुछ दांव पर लगा है। अमन के तमाम प्रयासों के बावजूद हालात बहुत अच्छे नहीं हो सके हैं। देखना है‚ हिंसा को रोकने के कौन से उपाय सरकार करती है। चुनाव बाद हो सकता है घाटी के हालात में सुधार दिखे।
कश्मीरी पंडित की हत्या की जांच करेगी SIT, पत्नी को मिलेगी सरकारी नौकरी
आतंकी हमले में मारे गए जम्मू-कश्मीरी राहुल भट्ट की मौत के बाद एक फिर जम्मू और कश्मीर में उबाल आ गया है. इस हत्या के खिलाफ शुक्रवार को कश्मीरी पंडितों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रशासन ने राहुल भट्ट की पत्नी को सरकारी नौकरी और परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने उनकी बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च भी उठाने का ऐलान किया है.
आतंकी हमले में मारे गए कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद एक फिर जम्मू और कश्मीर में उबाल आ गया है. इस हत्या के खिलाफ शुक्रवार को कश्मीरी पंडितों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रशासन ने राहुल भट्ट की पत्नी को सरकारी नौकरी और परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने उनकी बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च भी उठाने का ऐलान किया है. गौरतलब है कि एक दिन पहले गुरुवार यानी 12 मई को आतंकियों ने उनके दफ्तर में घुसकर उन्हें गोली मार कर हत्या कर दी थी.
हत्या की जांच के लिए SIT गठित
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने चदूरा तहसील कार्यालय के कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है. SIT राहुल भट्ट पर हुए आतंकी हमले के सभी पहलुओं की जांच करेगी. इस विशेष जांच दल में संबंधित थाने के एसएचओ को भी अटैच किया गया है.
त्यागपत्र की खबर झूठी
जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम कर रहे कश्मीरी पंडितों से किसी भी सामूहिक त्यागपत्र प्राप्त होने से साफ इनकार किया है. हालांकि कई संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कश्मीरी पंडितों ने सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए आवेदन देने शुरू कर दिए हैं. अभी तक 16 आवेदकों के तबादले हो चुके हैं…आने वाले दिनों में और भी बादलों की उम्मीद है.
जम्मू-कश्मीर में बांदीपोरा के बरार अरागम इलाके में कल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। ये दोनों आतंकवादी बृहस्पतिवार को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या में शामिल थे। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि 11 मई को शालिन्दर जंगली इलाके में आतंकवाद निरोधक अभियान से भागे लश्कर-ए- तैयबा के दो पाकिस्तानी आतंकवादी को कल मार गिराया गया।
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अपराधियों को बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जो अमन और शांति को तबाह करने का रास्ता तैयार किया है कि लोग इनका साथ देने के लिए तैयार नहीं हैं। उसकी बौखलाहट की वजह ये अपना खौफ का महौल पैदा करने की इस तरह की कार्रवाई करते हैं। यहां राहुल भट्ट और हमारे पुलिस कान्टेबल की हत्या जो है वो की गई और उसके बाद सब जगह पुलिस और फोसर्ज की एक्टिवेशन के चलते हैं जो एक एकाउंटर हुआ इसके दो खूंखार आतंकी दो पाकिस्तानी मारे गए और एक और आतंकी जो इसके साथ इस कार्रवाई में था उसकी तलाश जारी है और जल्द ही हम लोग कामयाब होंगे बकाया मिशन में भी इस तरह की कोई भी कार्रवाई की इजाजत न तो समाज देता है यहां पर न तो हम लोग देते हैं कल से जगह जगह पर प्रोटेस्ट हो रहे हैं, इनके खिलाफ जलूस निकल रहे हैं। इस तरह बेगुनाह लोगों की हत्या करने वालो को, कातिलों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।