संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में खरी-खोटी सुनाने के बाद संयुक्त सुरक्षा परिषद की बैठक में भी भारत ने पाकिस्तान पर करारा हमला किया है. भारत के स्थायी उप प्रतिनिधि के नागराज नायडु ने बैठक में पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचने के लिए आतंकी संगठनों को मदद देकर छद्म युद्ध (Proxy war) का सहारा ले रहे हैं.
Some states are resorting to proxy war by supporting non-state actors such as terrorist groups to evade international censure: Deputy Permanent Representative to UN, K Nagaraj Naidu at UNSC meeting on ‘Upholding the collective security system of the UN Charter' pic.twitter.com/jZ2GMywubK
— ANI (@ANI) February 25, 2021
नागराज नायडु ने कहा, ‘’चाहे वह 1993 का मुंबई बम हमले हो या 26/11 की क्रुर गोलीबारी या पुलवामा-पठानकोट की घटना, दुनिया इस बात की गवाह है कि भारत इस तरह के हमलों का लगातार शिकार रहा है. भारत दशकों से लगातार पड़ोसी देश की ओर से चलाए जा रहे राज्य प्रायोजित आतंकी हमले और सीमा पार से छद्म युद्ध को झेल रहा ह.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘’ऐसे आतंकी संगठनों को पड़ोसी देश कई तरह के अत्याधुनिक हथियार और सुविधाएं मुहैया करा रहा है. इन्हें अपने संगठनों में आतंकियों की भर्ती करने के लिए आवश्यक सुविधाएं और पैसे भी दिए जा रहे हैं. साथ ही प्रशिक्षण और खुफिया सूचनाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं.’’
अल-कायदा आतंकी को छोड़ना पाक का असल चेहरा
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा था कि अलकायदा आतंकी अहमद उमर सैयद शेख को छोड़ने से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान का आतंकी संगठनों के साथ सीधा संबंध है. पाकिस्तान की निंदा करते हुए भारत ने कहा है कि नई दिल्ली पर ऊंगली उठाने वाले पहले खुद अपने गिरेबान में झांके.
UNHRC के 46वें सत्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि के बयान के जवाब में उत्तर देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि वह पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त राष्ट्र मंच का एक बार फिर दुरुपयोग किए जाने से हैरान नहीं है. जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन में द्वितीय सचिव सीमा पुजानी ने कहा, समस्त केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं. पुजानी ने कहा, इन केंद्रशासित प्रदेशों में सुशासन और विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम हमारा आंतरिक मामला है.