जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने से बौखलाया पाक कभी भारत को युद्ध की गीदड़ भभकी दे रहा है तो कभी व्यापारिक संबंध खत्म करने के फैसले ले रहा है. इस बीच अमेरिका (US) के दो डेमोक्रेटिक सांसदों ने पाकिस्तान की फटकार लगाई है. उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि भारत के खिलाफ कोई भी आक्रामक कदम उठाने के बजाय पाकिस्तान अपनी जमीन पर मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और दिखने लायक कदम उठाए.
भारत के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई से बचे पाक
सीनेटर रॉबर्ट मेनेंडेज और कांग्रेस सदस्य एलियट लांस एंजेल ने संयुक्त बयान जारी किया. उन्होंने कहा, बेहतर होगा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ कोई भी आक्रामक कार्रवाई करने से बचे. वहीं, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर लगाई गई पाबंदियों पर भी चिंता जाहिर की. बता दें कि पाकिस्तान ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भारत लौटने का फरमान सुना दिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटाने के फैसले को एकपक्षीय और अवैध करार दिया था.
LoC पर घुसपैठियों की मदद न करे पाक
मेनेंडेज अमेरिकी सीनेट में विदेश संबंध समिति के सदस्य हैं, जबकि एंजेल विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई से बचने के साथ ही नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठियों की मदद भी न करे. वहीं, जम्मू-कश्मीर में लोगों को हिरासत में लेने और लगाई गई पाबंदियों पर चिंता जताते हुए कहा कि यह भारत के लिए शानदार मौका है. वह दुनिया को सभी नागरिकों के अधिकारों की समान रूप से रक्षा की अहमियत दिखा सकता है. साथ ही बता सकता है कि विधानसभा की स्वतंत्रता, हर नागरिक की सूचना तक पहुंच और कानून के तहत सभी नागरिकों की समान रूप से सुरक्षा कैसे की जाती है.
भारत ने कहा, यह हमारा अंदरूनी मसला है
अमेरिकी सांसदों ने कहा कि पारदर्शिता और सियासी सहभागिता लोकतंत्र की खासियत है. हमें उम्मीद है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में इन सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए ही फैसले लेगी. वहीं, भारत अपने हमेशा के रुख पर कायम रहते हुए दोहराया चुका है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. यह हमारा अंदरूनी मामला है. भारत की संसद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के संकल्प पत्र और सूबे को दो केंद्रशासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बांटने को मंजूरी दे दी है. लिहाजा, कश्मीर घाटी में अफवाहों के कारण किसी भी अनहोनी को टालने के लिए मोबाइल फोन कनेक्टिविटी, लैडलाइन फोन सेवा और इंटरनेट सुविधा कुछ समय के लिए बंद कर दी गई है. साथ ही कुछ संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी है.